Gorakhpur Integrated Garbage City NTPC Collaborates on Charcoal Plant कचरे से चारकोल बनाने के लिए ट्रायल शुरू, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsGorakhpur NewsGorakhpur Integrated Garbage City NTPC Collaborates on Charcoal Plant

कचरे से चारकोल बनाने के लिए ट्रायल शुरू

Gorakhpur News - गोरखपुर में नगर निगम 40 एकड़ में इंटीग्रेटेड गारबेज सिटी बना रहा है। इसमें 500 टन प्रतिदिन कचरे से चारकोल बनाने का प्लांट निर्माणाधीन है। पहले रिएक्टर सेल का बिना लोड ट्रायल सफल रहा। परियोजना में...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरThu, 17 April 2025 05:55 AM
share Share
Follow Us on
कचरे से चारकोल बनाने के लिए ट्रायल शुरू

गोरखपुर। मुख्य संवाददाता नगर निगम सुथनी में 40 एकड़ में गोरखपुर इंटीग्रेटेड गारबेज सिटी बना रहा। इसमें एनटीपीसी के सहयोग से 500 टन प्रतिदिन की क्षमता का कचरे से चारकोल बनाने का प्लांट भी निर्माणाधीन है। बुधवार को इस प्लांट पर लगाए गए 250 टीपीडी क्षमता के पहले रिएक्टर सेल का बिना लोड ट्रायल सकुशल सम्पन्न हुआ। ट्रायल की यह प्रक्रिया अगले कुछ दिन तक लगातार चलने वाली है।

15 एकड़ में 255 करोड़ रुपये की लागत की इस परियोजना में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पिट (एमएसडब्ल्यू पिट) निर्माण अंतिम दौर में है। इसकी क्षमता 07 दिन कचरा स्टोर कर लिचेड अलग कर उसे पम्प करने की है। शेष बचे कचरे को श्रेडर मशीन में डाल कर छोटे-छोटे टुकड़े में बांटा जाएगा। इसके बाद उन्हें 100 एमएम ट्रामल मशीन से गुजारा जाएगा। यह मशीन विभिन्न कचरा समाग्री को आकार के मुताबिक अलग अलग कर देगी।

अलग किए गए कचरे को बैलेस्टिक सेपेरेटर से गुजारा जाएगा। जहां से कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट प्लांट अलग हो जाएगा। शेष बचे कचरे को रोटरी ड्रायर में सुखा कर पुन: 10 एमएम ट्रामल से गुजार कर सिल्ट भी अगल किया जाता है। अवशेष को आरडीएफ टैंक में स्टोर कर कनवेयर बेल्ट के माध्यम से रियेक्टर शेल में चारकोल बनाने की प्रक्रिया में डाला जाएगा।

रियेक्टर सेल में तापमान 250 से 400 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। यहां से निकलने वाला चारकोल पाउडर फार्म में होता है। उसे हवा के संपंर्क में लाए बिना कूलिंग प्लांट में डालते हैं। उसके बाद पाउडर फार्म में मिले चारकोल को पैलेट फार्म में तब्दील कर एनटीपीसी को ईधन के रूप में भेजा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद भी तकरीबन 15 फीसदी कचरा (इनर्ट) अवशेष बचता है जिसे साइंटिक लैंडफिल साइड पर जैविक खाद में तब्दील किया जाएगा।

जल्द लगेंगे दो और रिएक्टर

रिएक्टर शेल का ट्रायल सफल होने के बाद अब यहां 250-250 टीपीडी क्षमता के दो और रिएक्टर शेल इंस्टॉल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इन दोनों सेल के लिए फाउंडेशन बनाने का सीविल वर्क तकरीबन पूरा हो चुका है। एनटीपीसी की योजना सितंबर तक प्लांट से उत्पादन शुरू करने की है।

प्रथम चरण का रिएक्टर समेत अन्य प्लांट का प्रशिक्षण सफल रहा है। बिना लोड इसे कुछ दिन और किया जाएगा। इस बीच हमारी कोशिश जल्द से जल्द दो अन्य रिएक्टर सेल के इंस्टॉल कराने की है।

संजय चौहान, मुख्य अभियंता नगर निगम

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।