जीडीए के सहायक अभियंता विद्युत को कारण बताओं नोटिस, जानिए क्यों
Gorakhpur News - गोरखपुर में निर्मित पूर्वांचल की पहली अत्याधुनिक मल्टीलेवल पार्किंग, जिसमें मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग शामिल है, अब तक नगर निगम को हैंडओवर नहीं की जा सकी है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने इसकी प्रक्रिया को...

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। 2021 में लोकार्पित गोलघर में निर्मित पूर्वांचल की पहली अत्याधुनिक मल्टीलेवल पार्किंग के तहत बनी मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग अब तक गोरखपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम को हैंडओवर नहीं कर सका है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने इसे गंभीरता से लेते हुए मल्टीलेवल पार्किंग के तहत बेसमेंट में बनी मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग को संचालित कर निगम को हस्तगत करने की सुस्त प्रक्रिया के लिए सहायक अभियंता विद्युत अजय सिंह को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी निर्देशित किया है कि मैकेनाइज्ड पार्किंग को संचालित करते हुए 20 मई तक हैंडओवर की प्रक्रिया पूर्ण की जाए।
25 अक्तूबर 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा 38.32 करोड़ रुपये से बनाई गई पूर्वांचल की पहली अत्याधुनिक मल्टीलेवल पार्किंग का लोकार्पण किया। इस पार्किंग में व्यावसायिक कॉप्लेक्स भी निर्मित है। फिलहाल पार्किंग का संचालन नगर निगम करा रहा है लेकिन इस पार्किंग के बेसमेंट में बनी मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग हाथी का दांत बनी हुई है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार, अधिशासी अभियंता विद्युत सतीश तिवारी और सहायक अभियंता राजबहादुर सिंह को निर्देशित किया है कि मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग का संचालन जल्द शुरू कराएं। ताकि 20 मई तक हैंडओवर की प्रक्रिया के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। प्राधिकरण के मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि मल्टीलेवल पार्किंग का हस्तांतरण निगम ले चुका है। जल्द ही मैकेनाइज्ड टि्वन पार्किंग भी हस्तगत कर दी जाएगी। मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग में 47 फ्लेटफार्म, यहां फंसा है पेंच बेसमेंट में बनी मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग के प्लेटफार्म पर कोई भी कार नहीं चढ़ाता क्योंकि फ्लेटफार्म को ऊपर करने के बाद प्लेटफार्म पर नीचे गाड़ी पार्क करने के लिए पर्याप्त स्थान ही नहीं बचता है। हमेशा भय रहता है कि गाड़ी क्षतिग्रस्त न हो जाए। पार्किंग में आने वाले ग्राहक भी इस रिस्क को उठाने को तैयार नहीं होते हैं। मैकेनाइज्ड ट्विन पार्किंग के 47 फ्लेटफार्म बनाए गए हैं जिनमें 94 कार खड़ी करने का विकल्प मिलता है। पूरे कॉम्प्लेक्स के निर्माण पर तकरीबन 38.32 करोड़ रुपये खर्च हुए जिनमें बताया जाता है कि तकरीबन 1.50 करोड़ के करीब रकम सिर्फ ट्वीन पार्किंग पर खर्च हुई।
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