1270 हिजरी में तालुकेदार ने कराई थी मरम्मत, पांच जिलों की बसें दौड़ रहीं जर्जर पुल पर
यूपी के सुल्तानपुर जिले में पांच शहरों को जोड़ने वाली सड़क का पुल जर्जर हो चुका है। यह 500 साल पुराना ऐतिहासिक पुल है। लोग चिंतित हैं कि कहीं कोई हादसा न हो जाए।

सुल्तानपुर जिले की सबसे बड़ी नगर पंचायत दोस्तपुर में स्थित मुगलकालीन शाही पुल जर्जर हो चुका है। सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर जिलों की सीमा पर मझुई नदी पर बना यह पुल दोनों जिलों के जिम्मेदारों की अनदेखी का शिकार हे। अब दुर्घटना का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है।
कस्बे के पूर्व चेयरमैन मिथिलेश मिश्रा के अनुसार, लखौरी ईंटों से निर्मित यह पुल 500 वर्ष से भी अधिक पुराना है। पुल के दोनों तरफ राहगीरों के रुकने के लिए आठ-आठ कोठरियां बनी हुई हैं। इन तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां भी हैं। यह ऐतिहासिक पुल प्रयागराज, टांडा, बस्ती, गोरखपुर और अयोध्या जैसे महत्वपूर्ण शहरों के लिए बसों का एकमात्र मार्ग है। इसके अतिरिक्त, कादीपुर विधानसभा क्षेत्र के लोग भी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक पहुंचने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते हैं। पुल पर लगे फारसी शिलालेख के अनुसार, इसकी मरम्मत मुगल तालुकेदार अली आगा खां ने 1270 हिजरी में कराई थी। दुर्भाग्यवश, इसके बाद से इस ऐतिहासिक धरोहर की कोई मरम्मत नहीं हुई है। पुल की सड़क पूरी तरह से उबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल दुर्गा पूजा के दौरान केवल खानापूर्ति के लिए गड्ढों को भरकर छोड़ दिया जाता है, जो कुछ ही समय में फिर से अपनी पुरानी स्थिति में आ जाते हैं। इस ऐतिहासिक शाहीपुल के जर्जर होने का मुख्य कारण सुलतानपुर और अम्बेडकरनगर जिलों के बीच सीमा विवाद है। सीमा पर स्थित होने के कारण दोनों ही जनपदों के अधिकारी इसकी मरम्मत की जिम्मेदारी लेने से कतराते रहे हैं, जिसके चलते यह महत्वपूर्ण पुल उपेक्षा का शिकार हो रहा है। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से इस ऐतिहासिक पुल की महत्ता को समझते हुए तत्काल इसकी मरम्मत कराने की मांग की है। ताकि यह महत्वपूर्ण मार्ग सुचारू रूप से चलता रहे।