सभी प्लेटफार्म खुले, आठ दिन बाद चली गोरखधाम
Gorakhpur News - गोरखपुर से कैंट तक बनी थर्ड लाइन को सीआरएस की मंजूरी मिलने के बाद रविवार से ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से शुरू हो गई हैं। गोरखधाम एक्सप्रेस सहित अन्य एक्सप्रेस ट्रेनें अब समय पर चलने लगी हैं। नए...

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। गोरखपुर से कैंट तक बनी थर्ड लाइन को सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) की मंजूरी के बाद रविवार से ट्रेनों का संचलन पूरी तरह से शुरू हो गया। अगले एक सप्ताह के अंदर सभी ट्रेनें पटरी पर आ जाएंगी। सबसे अहम माने जाने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस आठ दिन बाद रविवार से दोबारा बहाल हो गई। इसके साथ ही बीते एक सप्ताह से लेट चल रही बाघ, वैशाली, संमपर्कक्रांति और सप्तक्रांति एक्सप्रेस समय पर गोरखपुर पहुंचीं। गोरखधाम एक्सप्रेस सुबह 11 बजे ही प्लेटफार्म नंबर 9 पर लगा दी गई, ऐसे में यात्रियों को सवार होने के लिए कोई जद्दोजहद नहीं करनी पड़ी।
माउस से कंट्रोल होने लगी ट्रेनें गोरखपुर जंक्शन पर 18 साल पुराना आरआरआई (रूट रिले इंटरलॉकिंग) सिस्टम बंद हो गया है। इसके साथ ही प्लेटफार्म नंबर 9 पर बने ईआई (इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग) ने काम करना शुरू कर दिया है। इस सिस्टम में ट्रेनों का कंट्रोल माउस पर आ गया है। गोरखधाम एक्सप्रेस को इसी पैनल के जरिए सिग्नल दिया गया। नए सिस्टम से जहां सिग्नल के फेल होने की घटनाएं न के बराबर होंगी, वहीं दूसरी ओर ट्रेनों की संरक्षा और मजबूत होगी। 22 दिनों तक चला ब्लॉक गोरखपुर जंक्शन से तीसरी लाइन को जोड़ने के लिए 22 दिनों का मेगा ब्लॉक लिया गया था। 12 अप्रैल से 26 अप्रैल तक प्री एनआई का काम चला। इसके बाद एनआई का काम शुरू हुआ जो 2 मई तक चला। इस दौरान 122 ट्रेनें निरस्त रहीं जबकि 50 से ज्यादा बदले रास्ते से चलाई गईं। यॉर्ड रिमॉडलिंग के चलते लगभग 11 लाख यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई और रेलवे को लगभग 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। साथ ही 3 लाख के आसपास आरक्षित टिकटें निरस्त भी हुईं। दरअसल, गोरखपुर से रोजाना लगभग 50 से 55 हजार यात्रियों का आवागमन है इससे रोजाना करीबन 70 लाख की आय है।
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