7.9 करोड़ की हेराफेरी करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
Hapur News - हापुड़ में जिला गन्ना अधिकारी की तहरीर पर गन्ना समिति में 7 करोड़ 9 लाख रुपये की हेराफेरी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसमें कैशियर भारत कश्यप और उसके परिवार के चार लोग शामिल हैं। डीएम ने जांच के लिए...

हापुड़। जांच रिपोर्ट के बाद जिला गन्ना अधिकारी की तहरीर पर थाना देहात में गन्ना समिति में 7 करोड़ 9 लाख रुपये की हेराफेरी कर घोटाला करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। इसमें कैशियर समेत पांच लोग शामिल हैं। वहीं डीएम के आदेश पर अतिरिक्त जांच के लिए एसडीएम और सीओ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। हापुड़ गन्ना समिति में कैशियर भारत के गायब होने के बाद घोटाले की परत दर परत खुलती जा रही है। 25 अप्रैल से गायब कैशियर भारत की जहां गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस अभी तक सुराग नहीं लगा पाई है।
वहीं हिन्दुस्तान में खबर प्रकाशित होने के बाद 7 करोड़ 9 लाख रुपये का घोटाला भी सामने आ चुका है। डीएम अभिषेक पांडेय ने जांच के लिए बनाई गई पांच सदस्य कमेटी ने मंगलवार रात को जांच सौंप दी थी। जिस पर डीएम ने कार्रवाई के लिए आदेश कर दिए थे। जिला गन्ना अधिकारी की तहरीर पर रिपोर्ट अस्पताल में भर्ती जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन ने बताया कि जांच में जो भी तथ्य सामने आए हैं। उनमें आरोपी सदस्यों के खिलाफ थाना देहात में तहरीर दे दी गई है। थाना प्रभारी थाना देहात मनोज बालियान ने बताया कि तहरीर मिल गई है। तहरीर के आधार पर इसमें भारत कश्यप ई लिपिक सहकारी गन्ना विकास लि. रूबी कश्यप, भारत कश्यप की बहन चंचल, अमित कुमार प्रबंध आईडीबीआई बैंक, मनोज कुमार सचिव प्रभारी सहकारी गन्ना विकास समिति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। 15 दिन में होगी अतिरिक्त जांच डीएम अभिषेक पांडेय ने जांच रिपोर्ट के बाद अतिरिक्त जांच के लिए एसडीएम अंकित वर्मा तथा सीओ को नियुक्त कर दिया है। डीसीओ को रिपोर्ट में सहयोग देने के लिए निर्देशित कर दिया है। परिवार में ही बांट ली 7 करोड़ की रक जांच को देखा जाए तो कैशियर के अलावा सचिव को भी आरोपी माना जा रहा है। परंतु जो बैंक खाते हैं वे कैशियर भारत तथा उसकी पत्नी रूबी, उसकी बहन चंचल और एक रिश्तेदार शामिल है। जानकारी के अनुसार हापुड़ गन्ना समिति में कार्यरत अकाउंटेंट भारत कश्यप द्वारा छह खातों में गबन हुई रकम ट्रांसफर की गई। जांच रिपोर्ट पर गौर की जाए तो समिति के पैसे का लेनदान दो बैंकों से चला है। पैसे को निकालने तथा ट्रांसफर करने में हस्ताक्षरों का खेल भी खेला गया है। 7 करोड़ का खेल कैसे न जान पाए अधिकारी 2022 से पैसे के लेनदेन का खेल खेल खेला जा रहा था। जो कई सवाल अधिकारियों पर भी खड़े कर रहा है। वर्ष 2022 से अभी तक कई बार अधिकारी निरीक्षण कर चुके हैं। सवाल यह है कि 7.9 करोड़ को गबन का अधिकारियों को कैसे पता नहीं चल पाया।
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