बोले हाथरस: बाजार के कारोबार को बेजार कर रहे पशु
शहर से लेकर गांव-देहात में छुट्टा पशुओं की वजह से लोग त्रस्त हैं। देहात क्षेत्रों में छुट्टा पशु अन्नदाताओं की फसलों को नुकयान पहुंचा रहे हैं, तो शहरी क्षेत्र में व्यापारियों और आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।
शहर के प्रमुख बाजारों से लेकर गली-मोहल्लों और कॉलोनियों में छुट्टा पशुओं की वजह से लोग पूरी तरह से त्रस्त हैं। छुट्टा पशुओं का आतंक झेल रहे शहर के कमला बाजार और गुड़िहाई बाजार में 200 से अधिक छोटी-बड़ी हर प्रकार की दुकान हैं। लगभग 20 लाख रुपये का प्रतिदिन बाजार में कारोबार होता है। 2000 से अधिक लोग इन बाजार में होने वाले कारोबार से जुड़े हुए हैं। लेकिन इन दिनों यहां के व्यापारी और यहां से गुजरने वाले राहगीर छुट्टा पशुओं की वजह से खासे परेशानी झेल रहे है। व्यापारी और स्थानीय लोगों ने सोमवार को हिन्दुस्तान टीम से बात करते हुए अपना दर्द बांटा। कमला बाजार निवासी गिरिराज किशोर आजाद और गौरव वर्मा कहते हैं कि बाजार में पहले इतनी संख्या में छुट्टा पशु दिखाई नहीं देते थे, लेकिन अब इनकी संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। दिन निकलने के साथ ही सुबह से बाजार में दर्जनों की संख्या में छुट्टा पशु आ जाते हैं। जिसके चलते दुकान खोलने से लेकर दुकान पर बैठना मुश्किल हो गया है। किसी भी समय यह छुट्टा पशु आक्रोशित हो जाते हैं और हमला कर देते हैं। दुकानों पर चढ़कर नुकसान पहुंचा देते हैं। इसी बाजार के राकेश वाष्र्णेय और फकीर चंद बंसल बताते हैं ऐसा कोई दिन बाजार में नहीं जाता है। जब सांड़ों के बीच में लड़ाई नहीं होती है। कई बार सांड़ लड़ाई करते हुए दुकानों तक पहुंच जाते हैं। जिससे काफी ज्यादा नुकसान हो जाता है। सुबह शाम तक बाजारों में छुट्टा पशु घूमते रहते हैं। दिनेश अग्रवाल और राकेश गुप्ता बताते हैं कि बाजार में सुबह से सांड़ आ जाते हैं। सांड़ों के बीच में लड़ाई होना आम बात हो गई है। सांड़ों की लड़ाई की वजह से हर समय दुकान पर डर के माहौल में बैठना पड़ रहा है। लड़के चलते दुकान को नुकसान होने के साथ ही यहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार राहगीर इनकी चपेट में आने से घायल हो गए हैं। लेकिन इस गंभीर समस्या से निजात मिलती नहीं दिख रही। व्यापारियों से लेकर राहगीर छुट्टा पशुओं के आतंक से परेशान हैं।
200 दुकान और लाखों रुपये का कारोबार
शहर के कमला बाजार और गुड़िहाई बाजार एक-दूसरे से लगे हुए प्रमुख बाजार हैं। दोनों ही बाजार में लगभग छोटी-बड़ी 200 से अधिक दुकान हैं। जिसमें थोक से लेकर फुटकर कारोबारियों की अलग-अलग वस्तुओं की दुकान हैं। प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोग यहां खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं। जिसमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। लेकिन बाजार में लोगों की छुट्टा पशुओं की समस्या के निदान का कोई इंतजाम नहीं है।
छुट्टा पशुओं की बढ़ती संख्या बढ़ा रही परेशानी
शहर में अभीतक बंदरों के आतंक से लोग पहले से ही परेशान हैं, लेकिन अब दिन पर दिन बढ़ती छुट्टा पशुओं की संख्या चिंता का विषय बन गई है। शहर की घनी आबादी वाले बाजार, कॉलोनी, गली-मोहल्लों में सुबह से शाम तक जगह-जगह छुट्टा पशुओं के झुंड बैठे हुए दिखाई दे जाएंगे। जिसके चलते स्थानीय लोगों के साथ ही राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन यह संख्या कम होने की अपेक्षा दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।
दुकानों को पहुंचा रहे नुकसान, राहगीरों को कर रहे घायल
छुट्टा पशुओं के बाजारों में जगह-जगह सुबह से शाम तक जगह-जगह झुंड के झुंड बैठे हुए आपको दिखाई दे जाएंगे। खासतौर पर सुबह और शाम के समय इन झुंडों का दिखना आम बात है। जिसके चलते लोगों का बाजारों में से निकलना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में कब यह छुट्टा पशु आक्रोशित हो जाए और लोगों पर हमला बोल दें। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना बाजार आने वाली महिलाएं, बुजुर्ग और छोटे-छोटे बच्चों को करना पड़ता है। जिसके चलते इन निकलना भी मुश्किल हो गया है।
छुट्टा पशुओं की वजह से व्यापारी झेल रहे नुकसान
शहर के कमला बाजार और गुड़िहाई बाजार के अलावा अन्य बाजारों में भी छुट्टा पशुओं की समस्या बनी हुई है। आए दिन बाजारों में सांड़ लड़ाई करते हुए दिखाई दे जाएंगे। कई बार सांड़ों की लड़ाई में छोटे-बड़े कारोबारियों को नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ता है। व्यापारियों के दुकानों के अंदर तक सांड़ लड़ते हुए दाखिल हो जाते हैं और दुकानों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। कई बार तो व्यापारियों का लाखों रुपये का तक का नुकसान हो जाता है।
सांड़ों के हमले में कई जा चुकी है जान
शहर से लेकर देहात क्षेत्रों में सांड़ों के हमले में लोगों के घायल होने के मामले सामने आ रहे हैं। यह मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिन पर दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। कुछ माह पहले शहर के जैनी गली छिपैटी निवासी एक वृद्ध व्यापारी पर बाजार में सांड़ ने हमला कर दिया था। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें उपचार के लिए आगरा के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था। वहां उनकी कुछ दिन बार उपचार के दौरान मौत हो गई। रविवार को भी शहर के भूरापीर चौराह पर एक व्यक्ति पर सांड़ ने हमला कर दिया था। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायल को उपचार के लिए शहर के बागला जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सांड़ों की लड़ाई से मच जाती है अफरा-तफरी
शहर के कमला बाजार और गुड़िहाई बाजार में कोई दिन ऐसा नहीं जाता है। जब छुट्टा पशुओं में लड़ाई नहीं होती है। खासतौर पर जब सुबह और शाम के शाम बाजारों में छुट्टा पशु पहुंचते हैं तो सांड़ों में लड़ाई हो जाती है। सांड़ों की लड़ाई के चलते बाजारों में अफरा-तफरी मच जाती है और व्यापारी दहशत में आ जाते हैं। कई बार तो बाजारों में जाम जैसे हालत बन जाते हैं। डर के चलते लोग जहां के तहां वहां खड़े हो जाते हैं और अपने आप को सुरक्षित करने का प्रयास करते हैं।
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