हाथरस: खेलों को लेकर सरकार निरंतर अच्छे कार्य कर रही है,लेकिन जिले स्तर पर खिलाड़ियों को आज भी मूलभूत सुविधाओं के न होने के कारण जूझ रहे हैं। क्रिकेट आज लोकप्रिय खेलों में शामिल है। इस खेल के जरिए छोटे छोटे शहरों से खिलाड़ी निकलकर आइपीएल में अपना जौहर बिखेर रहे है।
प्रमुख से लेकर क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को चुनाव के समय में ही वाष्र्णेय समाज की याद आती है, चुनाव बीतने के बाद सभी लोग वाष्र्णेय समाज भूल जाते हैं। शहर में 40000 हजार से अधिक उनकी आबादी होने के बाद भी किसी भी राजनीतिक दल ने उने समाज के व्यक्ति को चुनावों में टिकट नहीं दिया।
काका की नगरी में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। एक खोजों तो एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं सामने आती है। ये खेल प्रतिभा विषम परिस्थिति में भी कड़ी मेहनत करने के साथ खुद को हुनरबंद बनाया है। केवल ये सोचकर खुले आसमान के नीचे घंटों पसीना बहाया है कि एक दिन उनकी भी किस्मत चमकेगी।
अपने एक दांव से किसी को भी चारों खाने चित कर देने वाले ब्रज की द्वारा देहरी कहे जाने वाले हाथरस जिले के पहलवान सुविधाएं न मिल पाने से परेशान हैं। पहलवान कुश्ती में दम दिखाने के लिए रोजाना अखाड़े जाते हैं। कड़ी प्रेक्टिस करके घंटों पसीना बहाते हैं। उम्मीद बस यही रहती है कि उनकी ये मेहनत रंग लाए।
शहर के ढकपुरा रोड स्थित दस साल पहले बनी आसरा कॉलोनी में आज भी भूलभूत सुविधाओं की कमी है। विद्युत आपूर्ति से लेकर पेयजल संकट का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। कॉलोनी में साफ-सफाई की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है। महीने में कभी-कभी सफाई कर्मचारी आ जाते हैं तो साफ-सफाई हो जाती है।
नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार के बाद बने नये वार्ड नंबर 24 तरफरा की लगभग 14000 की आबादी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीनू को मजबूर है। वार्ड के गली-मोहल्ले में खस्ताहाल सड़क, पेयजल, गंदगी और जलभराव की गंभीर समस्या बनी हुई है।
सरकार एक ओर स्वच्छता को लेकर करोड़ों रुपया हर साल खर्च कर रही है। तो वहीं हाथरस शहर के वार्ड नंबर एक में रहने वाले लोग बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। शिव कालोनी सहित कई इलाके इस वार्ड में आते हैं। वार्ड में नियमित सफाई नहीं होती।
नगर पालिका परिषद के 16 हजार से अधिक आबादी वाले वार्ड नंबर 22 वाटर वर्क्स कॉलोनी के वाशिंदों को इन दिनों मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। क्षेत्र में साफ-सफाई, पेयजल संकट, खस्ताहाल सड़क, पुलिया की समस्या पहले से बनी हुई हैं।
शहर के आगरा रोड स्थित 6000 की आबादी वाले अहियापुर के लोग खस्ताहाल सड़क, गंदगी, जलभराव और पेयजल संकट की समस्या का सामना कर रही है। पोखर पर कब्जा होने की वजह से क्षेत्र में जलभराव की समस्या इस कदर बढ़ गई है कि बिना बारिश के गली-मोहल्लों में जलभराव बना रहता है।
शहर से लेकर गांव-देहात में छुट्टा पशुओं की वजह से लोग त्रस्त हैं। देहात क्षेत्रों में छुट्टा पशु अन्नदाताओं की फसलों को नुकयान पहुंचा रहे हैं, तो शहरी क्षेत्र में व्यापारियों और आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।