दो दशक बाद भी नहीं मिली स्टेडियम में क्रिकेट की सुविधा
हाथरस: खेलों को लेकर सरकार निरंतर अच्छे कार्य कर रही है,लेकिन जिले स्तर पर खिलाड़ियों को आज भी मूलभूत सुविधाओं के न होने के कारण जूझ रहे हैं। क्रिकेट आज लोकप्रिय खेलों में शामिल है। इस खेल के जरिए छोटे छोटे शहरों से खिलाड़ी निकलकर आइपीएल में अपना जौहर बिखेर रहे है।
जनपद हाथरस में संसाधन और प्रशिक्षकों के अभाव क्रिकेट खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा है। जिला स्टेडियम के हालात काफी खराब है। क्योंकि वहां दो दशक बीत जाने के बाद आज तक क्रिकेट की पिच और प्रशिक्षक की तैनाती नहीं हो पाई है। जिस वजह से खिलाड़ियों को निजी एकेडमी में खेलकर अपने खेल को रफ्तार दे रहे हैं।
पढ़ाई के साथ साथ अब खेलों के जरिए युवा खिलाड़ी अपना भविष्य संवार सकते है। केंद्र और प्रदेश की सरकार लगातार खेलों करोड़ों रूपया खर्च करती है। जिससे कि खिलाड़ी बेहतर संसाधनों के जरिए अपना भविष्य संवार सके। खेलों को लेकर जनपद में कुछ खास नहीं हो रहा। तमाम खेलों के खिलाड़ी निजी संस्थानों के जरिए या दूसरे जनपदों में जाकर अपने खेल को संवारकर अपने भविष्य की नींव रख रहे है। क्रिकेट खेल काफी मंहगा खेले है,इस खेल के जरिए खिलाड़ी निरंतर अपना भविष्य संवार रहे है। जनपद अलीगढ़ रिंकू सिंह और आगरा से दीपक चाहर जैसे खिलाड़ियों ने आइपीएल मंच के जरिए अपने जिले सहित प्रदेश का नाम रोशन किया। दोनों खिलाड़ी आईपीएल के साथ साथ इंडिया टीम का हिस्सा रह चुके है। हिन्दुस्तान की टीम ने क्रिकेट से जुड़े संसाधन को लेकर खिलाड़ियों से बातचीत की। तो खिलाड़ियों ने अपना दर्द बयां किया। प्रवीण उपाध्याय ने बताया कि पिछले करीब तीन दशक से अधिक बीत चुके है,लेकिन क्रिकेट को लेकर संसाधन तब भी नहीं थे और जिला स्टेडियम में संसाधन आज भी नहीं है। गौरव पचौरी ने बताया कि जनपद में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है,बस उन्हें सहीं मार्गदर्शन की आवश्यकता है। विकास शर्मा ने बताया कि यदि जिला स्टेडियम में क्रिकेट के संसाधन बेहतर हो। तो जनपद में तमाम ऐसी प्रतिभाएं है,जोकि आईपीएल आदि में चयनित हो सकती है। राकेश सिंह ने कहा कि क्रिकेट को लेकर जनपद में ज्यादा बेहतर प्रयास नहीं किए जा रहे। यदि संसाधन और बेहतर कोच हो तो खिलाड़ियों के खेल को नया पन मिल सके। अनिल माहेश्वरी ने बताया कि युवा खिलाड़ियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है,लेकिन जनपद में खेल मैदानों की काफी कमी है। यदि यहां खेल मैदान विकसित हो सके,तो काफी बेहतर रहेगा। चेतन जैन ने कहा कि युवा खिलाड़ियों के लिए संसाधन होने चाहिए,जिससे वो अपना भविष्य क्रिकेट के जरिए संवार सके।
मैंदानों का हाल बेहाल
जनपद में क्रिकेट खेलने के मैदानों का काफी अभाव है। जिले में कुछ ही मैदान ऐसे है,जहां खेल हो सकता है। जिसमें बागला, डीआरबी के अलावा नगर पालिका सिकंदराराऊ क्रीडा स्थल है। इन मैदानों पर ही खेलकर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा निखारते है। ग्रामीण अंचल में क्रिकेट के मैदान न होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर के आगरा रोड़ स्थित एम जी पालीटेक्निक संस्थान का मैदान पिछले कई सालों से बदहाल पड़ा हुआ है। पूरे मैदान पर जलभराव होने के कारण वहां खेल गतविधि नहीं हो पाती है।
जिला स्टेडियम में कोच तक नहीं
करीब दो दशक पहले करोड़ों रूपया खर्च करके स्टेडियम की स्थापना कराई गई। जिसमें विभिन्न खेलों के साथ साथ क्रिकेट की पिच भी बनाई गई। लेकिन पिच की दिशा सहीं न होने के कारण वहां क्रिकेट मैच आयोजित नहीं हो पाते हैं। इसके साथ ही कई साल बीत जाने के बाद आज भी वहां खेल संसाधनों का काफी अभाव है। अब एक ओर सरकार जहां खेलों को बढ़ावा दे रही है। तो वहीं जनपद के स्टेडियम में कई सालों के बीत जाने के बाद आज तक क्रिकेट का प्रशिक्षण तैनात नहीं किया गया।
खेलने के लिए देनी पड़ती है फीस
जनपद में मैदानों का आभाव होने के कारण खिलाड़ियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर के दो मैंदानों को छोड़ दे। तो कुछ लोगों के अपने निजी मैंदान है। जहां खिलाड़ियों को मैच खेलने के लिए फीस देनी होती है। जिसमें मडराक के अलावा सादाबाद का क्रिकेट स्टेडियम फीस देकर मैच खेलने देते हैं। ग्रामीण अंचल पर बने खेल मैदान भी बदहाल है। जहां खेल गतविधि नहीं हो पाती है। यदि खिलाड़ियों को सहीं मार्गदर्शन मिले तो खेल प्रतिभाओं को सहुलियत हो।
आसपास के जिलों से निकल रही प्रतिभा
क्रिकेट का खेल सभी खेलों में काफी प्रिय है। हर दूसरा बच्चा क्रिकेट खेलता है। क्रिकेट के जरिए ही आसपास जिलों के खिलाड़ी अपना भविष्य बना चुके है। अलीगढ़ में रिंकू सिंह आईपीएल और इंडिया की टी ट्वेंटी टीम में अपना जौहर दिखा रहे हैं। तो वहीं आगरा से दीपक चाहर टीम इंडिया और आईपीएल खेल चुके है। जनपद में भी खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। बस उन्हें सही मार्गदर्शन की जरूरत है। यदि उन्हें बेहतर प्रशिक्षण मिले तो वो दिन दूर नहीं होगा। जब आइपीएल में जनपद का कोई होनहार खिलाड़ी खेलता हुआ न दिखाई दें।
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जनप्रतिनिधियों को करनी चाहिए पहल
क्रिकेट के अलावा कई ऐसे खेल है,जहां काफी बेहतर प्रतिभा है। लेकिन उन प्रतिभाओं को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। यदि जिले के जनप्रतिनिधि पहल करें तो क्रिकेट के संसाधन और प्रशिक्षक उपलब्ध हो सके। यदि जिला स्टेडियम में संसाधनों के अलावा प्रशिक्षक की तैनाती हो सके। तो वहां क्रिकेट प्रतिभाएं खेलने के लिए पहुंचेगी। सरकार को भी चाहिए कि स्टेडियम में सुविधाओं को पूरा करें। जिला स्टेडियम के उप क्रीडा अधिकारी प्रशिक्षकों की तैनाती किए जाने के लिए लगातार खेल मंत्रालय के लिए पत्राचार करते है।
फैक्ट फाइल....
मैदान
खराब पड़े मैदान ---03
खेलने वाले मैदान--02
फीस वाले मैदान---04
खिलाड़ियों की संख्या---500
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शिकायत
- जनपद में खेल मैंदानों की हालत बद से बदतर
- निजी एकेडमियों में खेलकर ले रहे प्रशिक्षण
- जिला स्टेडियम में नहीं क्रिकेट का खेल कोच
- स्टेडियम के दूर होने के कारण नहीं पहुंच पाते खिलाड़ी
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सुझाव
- जनपद के बदहाल खेल मैंदानों को किया जाए दुरुस्त
- स्टेडियम में होनी चाहिए कोच की व्यवस्था
- ग्रामीण स्तर पर खेल मैदानों की कराए जाए स्थापना
- बालिकाओं के सीखने के लिए होनी चाहिए व्यवस्था
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