बोले हाथरस: पेयजल संकट और अधूरे कार्यों का दंश झेल रहे वाटर वर्क्स के बाशिंदे
- नगर पालिका परिषद के 16 हजार से अधिक आबादी वाले वार्ड नंबर 22 वाटर वर्क्स कॉलोनी के वाशिंदों को इन दिनों मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। क्षेत्र में साफ-सफाई, पेयजल संकट, खस्ताहाल सड़क, पुलिया की समस्या पहले से बनी हुई हैं।
नगर पालिका परिषद में तीन साल पहले हुए सीमा विस्तार के बाद वार्ड नंबर 22 वाटर वर्क्स का क्षेत्र भी बढ़ गया। लेकिन वर्षों से चली आ रही समस्याएं आज भी यहां जस की तस बनी हुई हैं। मंगलवार को हिन्दुस्तान टीम से बात करते हुए लोगों ने अपना दर्द साझा किया। दिनेश चंद्र दीक्षित और विनोद कुमार उपाध्याय बताते हैं कि बागमूला चौराहा से भूरापीर चौराहे तक जाने वाले मार्ग की हालत काफी ज्यादा खस्ता है। सड़कों में गहरे-गहरे गड्ढे हो रहे हैं। जिसके चलते आने जाने में काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। चार महीने पहले सड़क निर्माण का टेंडर हो गया था। टेंडर होने के बाद उम्मीद जगी थी कि जल्द ही सड़क निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा, लेकिन चार महीने बाद भी सड़क निर्माण कार्य शुरु नहीं हो सकता है। राम प्रकाश उपाध्याय और सोहन कुमार बताते हैं कि क्षेत्र में साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। कई-कई दिनों तक सफाई नहीं होती है। जिसके चलते जगह-जगह कूड़े कचरे के ढेर लगे हुए हैं। कूड़े-कचरे की वजह से नाले-नालियां चोक पड़े हैं। जगह-जगह गंदगी और जलभराव की समस्या बनी हुई है। जिसके चलते काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नरेश कुमार और वीरेंद्र कुमार के मुताबिक क्षेत्र में पेयजल संकट की गंभीर समस्या है। कुछ इलाकों में अमृत योजना की पेयजल लाइन डाल दी गई है, लेकिन कई इलाकों में अभीतक पेयजल लाइन नहीं डाली गई है। लगभग सभी हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। जिसके चलते लोगों को पेयजल संकट का गंभीर सामना करना पड़ रहा है। दूर-दराज लगे हैंडपंप से लोगों को पानी लेकर आना पड़ रहा है। तब कहीं जाकर घरेलू काम-काज निपट पा रहे हैं। आने वाले गर्मियों के दिनों में यह परेशानी और बढ़ जाएगी। आर्य नगर के लोगों ने बताया कि चार साल पहले नगर पालिका द्वारा लोगों की मांग पर बारातघर का निर्माण कार्य शुरु कराया गया था, लेकिन चार साल बाद भी इस बारातघर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। अधूरा होने वजह से बारातघर की बिल्डिंग जर्जर होती जा रही है। जगह-जगह बारातघर में गंदगी का ढेर लगा हुआ है। बारातघर कूड़ा-कचरा डालने का स्थान बनकर रह गया है। कई बार नगर पालिका के अधिकारियों से बारातघर का निर्माण कार्य पूरा कराए जाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी आजतक किसी के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके चलते लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
16 हजार की आबादी गंदगी, पेयजल संकट और खस्ताहाल सड़क से त्रस्त
नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर 22 वाटर वर्क्स क्षेत्र में आने वाले वाटर वर्क्स, भूरापीर, आर्य नगर, फ्रेंडस कॉलोनी, मैंडू गेट, बागमूला चौराहा, भूरापीर, वर्मा कॉलोनी, ढकपुरा, किला गेट, नगला बेलनशाह, आसरा कॉलोनी, माया टाकिज रोड आदि इलाके शामिल हैं। इन लोगों में लगभग 16 हजार की आबादी रहती है। लेकिन यहां के लोगों को गंदगी, जलभराव, पेयजल संकट, पथ प्रकाश, खस्ताहाल सड़क और पुलिया की समस्या का सामना करना पड़ा रहा है। कूड़े-कचरे से नालियां अटी पड़ी हैं। सड़कों, पुलिया और नाली की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है। सड़कों में जगह-जगह हो रहे गहरे गड्ढे लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं।
कई-कई दिन नहीं आते सफाई कर्मी, दो की जगह एक शिफ्ट में होता है काम
वार्ड नंबर 22 में आने वाले इलाकों में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। पूरे दिन गोवंश व सुअर गंदगी में मुंह मारते रहते हैं। इससे आस-पास बदबू फैलती है। लोगों का कहना है कि सफाई कर्मचारी कई-कई दिन नदारद रहते हैं। वार्ड सरकारी होने के चलते नियम अनुसार प्रातः व दोपहर में सफाई कार्य होना चाहिए, लेकिन सुबह कि शिफ्ट में काम करने के बाद दोपहर की शिफ्ट में कोई कर्मचारी दिखाई नहीं देता है। इससे गलियों में गंदगी फैली रहती है। उसके बाद कई दिन कूड़ा वहीं पड़ा रहता है, जो बदबू मारता रहता है। बारिश के दिनों में कूड़ा सड़ने लगता है। इससे स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे में लोगों को वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है।
देख-रेख के अभाव में पार्क हो गया बदहाल
वाटर वर्क्स स्थित पार्क की दुर्दशा भी बद से बदतर हो गई है। देख-रेख के अभाव में पार्क में लगे पेड़-पौधे सूख गए हैं। पार्क में टहलने आने वाले लोगों के बैठने और बच्चों के मनोरंजन के लिए कोई झूला आदि नहीं है। पेड़-पौधे सूख गए हैं और बड़ी-बड़ी झाड़ी उग आई हैं। दिन पर दिन पार्क बदहाल होने की वजह से अब लोगों ने इस पार्क में टहलने और बच्चों ने यहां जाना तक बंद कर दिया है। पार्क का रखरखाव न होने से बच्चों को खेलने के लिए झूले व अन्य सामान टूट चुका है। अब बच्चों के लिए खेलने के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसे में बच्चों को घर में ही रहना पड़ रहा है।
खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट, लोग रात में झेलती हैं परेशानी
वार्ड 22 मेला श्री दाऊजी महाराज क्षेत्र से जुडा हुआ है और तीन साल पहले हुए नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार के बाद वार्ड का क्षेत्र फल काफी ज्यादा बढ़ गया। वार्ड में काफी हिस्सा मेला श्रीदाऊजी महाराज को जाने वाले मार्ग का शामिल हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका परिषद द्वारा वार्ड में अभी स्ट्रीट लाइट नहीं लगवाई गई हैं। इलाके में पूर्व में लगी स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं। जिसमें अधिकांश लाइट आज खराब हैं या फिर टूट चुकी है। जिसके चलते रात्रि के समय में इलाके में अंधकार पसरा रहता है। आने-जाने में लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार रात के समय में बुजुर्ग अंधरे की वजह से हादसे का शिकार हो जाते हैं। पथ प्रकाश व्यवस्था में सुधार को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा कई बार अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है। इस पर अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया जाता है कि टेंडर लगाया हुआ है और जल्दी टेंडर होने के बाद नई स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। खराब लाइट को सही करने के लिए आने वाले कर्मचारी खाना पूर्ति कर के चले जाते हैं।
कहीं डाल दी तो कहीं नहीं डाली अमृत योजना की पेयजल लाइन
अधिकारियों के मुताबिक शहर के अधिकांश हिस्सों में अमृत योजना की पेयजल लाइन डाली जा चुकी है और लोगों के घरों तक आरओ का पानी पहुंच रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बताती है। नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर 22 में कई बार सर्वे के बाद कुछ इलाकों में पेयजल लाइन डाल दी गई है, लेकिन कुछ ऐसे भी इलाके हैं जहां आज भी पेयजल लाइन डाले जाने का इंतजार है। भूरापीर स्थित गली नंबर 1,2,3 और आसरा कालोनी में अभी तक अमृत योजना के तहत पाइप लाइन नहीं डाली गयी है। यहां के बाशिंदों को बूंद-बूंद पानी के लिए काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में हैंडपंपों स्थिति काफी ज्यादा खराब है। पुरानी पेयजल लाइन में से दूषित पानी आ रहा है। मजबूरी में लोग दूषित जल का सेवन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में लोगों को टेंकर मंगाकर पानी की आपूर्ति की जाती है। आसरा कालोनी के लोगों ने पहले पाइप लाइन डाले जाने को लेकर रोड जाम कर प्रदर्शन किया था, लेकिन अभीतक समस्या का समाधान नहीं हुआ। जिससे लोगों की परेशानी जस की तस बनी हुई है।
चार साल से अधूरे पड़े दो बारातघर, जर्जर होते जा रहे
वार्ड नं 22 के नगला बेलनशाह स्थित बारात घर के अलावा भूरापीर स्थित सुर्खिंया बटोरने वाला बारातघर अपने सपने पूरे होने के ख्वाव कई वर्षों से देख रहा है। पिछले बोर्ड में करीब 70 प्रतिशत इन दोनों बारात घर में काम पूरा कराया जा चुका था, उम्मीद थी कि इस बोर्ड कि शुरुआत मे दोनों बारातघर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा, लेकिन गरीब असहाय और कमजोर लोगों के लिए बनाये गए बारातघर पर न तो नगर पालिका ध्यान दे रही है और न ही जिला प्रशासन। मिश्रित आबादी में इतना तंग हाल है कि छोटी-छोटी गलियों मे कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं किया जा सकता। लोगों को उम्मीद थी कि बारात घर निर्माण होने के बाद गरीब बेटियों के विवाह-शादी कार्यक्रम के लिए सुगमता हो जाएगी। लेकिन आजतक इन दोनों ही बारातघर का निर्माण पूरा नहीं हो सकता है। लोगों के द्वारा कई बार नगर पालिका में धरना प्रदर्शन भी किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी आजतक बारातघर का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सकता है।
वार्ड नंबर 22 में आने वाले इलाके
वाटर वर्क्स।
भूरापीर।
आर्य नगर।
फ्रेंडस कॉलोनी।
मैंडू गेट।
बागमूला चौराहा।
भूरापीर।
भूरापीर गली नंबर एक, दो, तीन और चार।
वर्मा कॉलोनी।
ढकपुरा।
किला गेट।
नगला बेलनशाह।
आसरा कॉलोनी।
माया टाकिज रोड।
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