बोले हाथरस: जलभराव-गंदगी से परेशान शिव कालोनी के लोग
- सरकार एक ओर स्वच्छता को लेकर करोड़ों रुपया हर साल खर्च कर रही है। तो वहीं हाथरस शहर के वार्ड नंबर एक में रहने वाले लोग बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। शिव कालोनी सहित कई इलाके इस वार्ड में आते हैं। वार्ड में नियमित सफाई नहीं होती।
इतना ही नहीं सड़कों पर जलभराव हो जाने से स्कूली बच्चों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। स्कूलों तक पहुंचने से पूर्व रास्ते में जूते उतारकर बच्चों को गंदे पानी में होकर गुजरना पड़ता है। अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है,लेकिन उनका निदान करने के वाले अफसरों के आने का इंतजार आज भी लोग करते हैं।
वार्ड नंबर एक में रहने वाले लोगों के साथ लगातार वादा खिलाफी हो रही है। फिर चाहे विधानसभा का चुनाव हो नगर पालिका परिषद के चुनाव में क्षेत्रीय सभासद और पालिकाध्यक्ष के पक्ष में मतदान करने की बात हो। प्रचार के दौरान सुविधाओं का वायदा करने वाले प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में आते तक नहीं है। क्षेत्र में तमाम अव्यवस्था होने पर हिंदुस्तान की टीम जब वार्ड के शिव कालोनी में पहुंची तो लोगों का दर्द झलक आया। जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वार्ड में कई स्कूल व कालेज संचालित हैं। जलभराव होने के कारण स्कूली बच्चों को जूते उतारकर जाना पड़ता है। आए दिन जलभराव होने के कारण संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना रहता है।
आवारा पशु कालोनी की गलियों में घूमते रहते है,जिस वजह से पूर्व में कई लोग चौटिल हो चुके हैं। तो वहीं छोटे बच्चे अकेले नहीं जा पाते है। क्योंकि अभिभावकों को डर लगा रहता है कि कहीं आवारा पशु हमला करके उन्हें घायल न कर दें। आवारा पशु कूड़े के र्ढेरों पर पालीथिन आदि का विचरण करते रहते हैं। कालोनी के शिव कुमार ने बताया कि कई बार जलभराव को लेकर नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है,लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा। कालीचरन ने कहा कि गंदगी के ढ़ेर लगे रहते है,लेकिन समय से कोई कूड़ा उठाने के लिए नहीं आता। राधाचरन ने कहा कि नालियों की नियमित सफाई नहीं की जाती,जिस वजह से नाली अटी रहती है। कैलाश चंद्र ने बताया कि पीने के पानी के लिए ट्यूवबेल की व्यवस्था है,लेकिन वो नियमित नहीं चलता। जिस वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
नियमित नहीं होती सफाई
वार्ड के मोहल्ले व कालोनी में यूं तो सफाई किए जाने के लिए कई कर्मचारी तैनात है,लेकिन वो सफाईकर्मी समय से नहीं आते। इस वजह से नालियों में सिल्ट जमा रहती है। कालोनी के लोगों का कहना है कि कई कई दिनों के बाद कर्मचारी नालियों की सफाई करने के लिए आते है। वो भी सिर्फ नालियों को ऊपर से ही साफ करके चले जाते है। नीचे जमी सिल्ट को नहीं निकाला जाता। जो कूड़ा नालियों से निकाला जाता है,उसे कर्मचारी उठाने के लिए नहीं आते है। जिस वजह से कूड़ा पुन नाली में चला जाता है,जिस वजह से वो अट जाती है। जब घरों का पानी नालियों में जाता है तो वो ओवर फ्लो होकर सड़कों पर बहने लगता है। यदि समय से नियमित नालियों की सिल्ट को निकाला जाए तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है।
पंप समय से न चलने दिक्कतें
कालोनी में रहने वाले लोगों को पीने के पानी की व्यवस्था हो सके। इसके लिए अमृत योजना के तहत ट्यूवबैल की व्यवस्था कराई गई। ट्यूवबैल को समय से नहीं चलाया जाता। जिस वजह से दिक्कतें पीने के पानी की रहती है। बिजली कनेक्शन आज तक नहीं हुआ। डीजल के जरिए मोटर को चलाया जाता है। लोगों का कहना है कि मनमानी ट्यूवबैल आपरेटर करता है। जिस वजह से दिक्कतें अधिक है। पानी नालियों के जरिए सड़कों पर जमा हो जाता है। जिस वजह से आवागमन करने में काफी दिक्कतों का सामना लोगों को करना पड़ता है। कालोनी में रहने वाले वांशिदे चाहते है कि दो बार सुबह और शाम को पानी के लिए ट्यूवबैल चलना चाहिए। जिससे कि लोग पीने का पानी समय से भर सकें।
आवारा पशुओं से हमले का रहता है खतरा
यूं तो आवारा गौवंशों के लिए अस्थाई गौशालाओं की व्यवस्था है। इसके लिए शासन की ओर से बजट का बंदोबस्त भी किया गया है। शहर में जगह जगह गौवंश घूमते हुए मिल जायेंगे। जिनसे शिव कालोनी भी अछूती नहीं है। सुबह से लेकर रात तक गौवंश कालोनी की सड़कों पर घूमते रहते है। जिससे पूर्व में कई लोग उनके हमलों से घायल हो चुके हैं। वहीं अभिभावकों को अपने छोटे बच्चों की चिंता सताती रहती है। गौवंश कहीं उनके ऊपर हमला न बोल दें। गौवंश सड़कों पर पड़े कूड़े पर विचरण करते रहते हैं। लोगों का कहना है कि आवारा गौवंशों से निजात मिलनी चाहिए। उन्हें पकड़कर अस्थाई गौशालाओं में पहुंचाना चाहिए। जिससे लोग व बच्चे सुरक्षित हो सकें।
खाली प्लाट वाले स्थानों पर कूड़ा ही कूड़ा
शिव कालोनी में नियमित सफाई कर्मी कूड़ा उठाने के लिए नहीं आते है। जिस वजह से खाली पड़े प्लाटों में कूड़ा ही कूड़ा जमा है। जिस वजह से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है। जिस वजह से गंदगी के अलावा खाली प्लाटों में गंदा पानी जमा हो गया है। मच्छर पनप जाने की वजह से लोग रात में सो तक नहीं पाते। नियमित हर दूसरे दिन कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नगर पालिका की ओर से नहीं भेजी जाती। जिस वजह से दिक्कतें लोगों की बढ़ गई हैं। इसके साथ ही लोगों का आरोप है कि पंद्रह दिन में एक बार नगर पालिका की ओर से गाड़ी कूड़ा उठाने के लिए आती है। कूड़े के सड़ जाने के कारण क्षेत्र में बदबू रहती है। यदि नियमित कूड़ा उठाने के लिए नगर पालिका की ओर से गाड़ी भेजी जाये तो काफी हद तक समस्या से निजात मिल सकती है।
लगातार अफसरों के यहां लगा रहे गुहार
शिव कालोनी में हालात काफी खराब है,जलभराव से लेकर सफाई व्यवस्था न होने, कूड़ा समय से न उठने के साथ साथ अन्य दिक्कतों को लेकर लगातार शिकायत करते रहे है। लोगों का आरोप है कि पालिका प्रशासन के अधिकारियों को फोन के अलावा लिखित में कई बार विभिन्न समस्याओं को लेकर शिकायत कर चुके है। साथ ही स्थानीय सभासद और जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया जा चुका है। नगर पालिका और वाटरवक्स के अधिकारी शिकायतों का समाधान नहीं करा रहे। समस्याओं का निदान न होने के कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जोकि कभी भी सड़कों पर दिखाई दे सकता है।
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