तरफरा रोड के बाशिंदे नारकीय जीवन जीने को मजबूर
- नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार के बाद बने नये वार्ड नंबर 24 तरफरा की लगभग 14000 की आबादी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीनू को मजबूर है। वार्ड के गली-मोहल्ले में खस्ताहाल सड़क, पेयजल, गंदगी और जलभराव की गंभीर समस्या बनी हुई है।
लोगों का कहना है कि जब नगर पालिका परिषद में इलाका शामिल हुआ तो उम्मीद जगी थी कि सालों से चली आ रही समस्याओं का निदान होगा, लेकिन ऐसा आजतक कुछ भी नहीं हुआ और यह समस्या जस की तस बनी हुई है। समस्याओं का समाधान नहीं होने की वजह से लोगों में आक्रोश साफ दिखाई देता है।
तीन साल पहले नगर पालिका परिषद के हुए सीमा विस्तार के बाद शहर के जलेसर रोड के गांव-देहात व तरफरा रोड को मिलाकर शहरी क्षेत्र में शामिल किया गया और यह इलाका नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर 24 में आ गया। जिसमें नयाबांस, जलेसर रोड, तरफरा रोड, बघेल बस्ती, जाटव बस्ती, ऊंटगाड़ी मोहल्ला सहित कई इलाके शामिल हैं। लेकिन इलाके में लंबे समय से चलीं आ रही मूलभूत सुविधाओं का आजतक कोई समाधान नहीं हुआ। शनिवार को हिन्दुस्तान टीम से बात करते हुए वार्ड में आने वाले बघेल बस्ती के लोगों ने अपना दर्द साझा किया। पूर्व प्रधान किशोरी लाल और नरेश बघेल ने बताया कि पहले यह इलाका ग्रामीण क्षेत्र का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन तीन साल पहले हुए नगर पालिका परिषद के सीमा विस्तार के बाद यह इलाका शहरी क्षेत्र में आ गया, लेकिन तीन साल बाद भी लोगों को शहरी क्षेत्र के नागरिकों को नगर पालिका परिषद से मिलने वाली सुविधाओं का इंतजार है। वार्ड के अधिकांश गली-मोहल्ले की सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त और जर्जर हैं। जगह-जगह सड़कों में गहरे गड्ढे हो रहे हैं। जिसके चलते लोगों को आने-जाने में काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। खस्ताहाल सड़क की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। कारे बघेल और जुगेंद्र ने बताया कि इलाके में कई सालों से जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते अधिकांश समय में गली में जलभराव और गंदगी की समस्या बनी रहती है। बारिश के दिनों में यह परेशानी और बढ़ जाती है। गलियों में नालियों का गंदा पानी जमा हो जाता है। गंदा पानी घरों के अंदर तक पहुंच जाता है। साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। नालियों से लेकर पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। जिसके चलते नालियों का गंदा पानी उफन-उफन कर सड़कों पर आ रहा है। सड़कों पर जगह-जगह गंदा पानी और कीचड़ जमा रहती है। गंदगी की वजह से लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। घरों के बाहर जमा नाली के गंदे पानी को लोग खुद ही साफ करने के लिए मजबूर हैं। सुबह से ही लोग हाथों में झाडू लेकर साफ-सफाई में जुट जाते हैं।
बंटू और पंकज ने बताया कि कई साल पहले इलाके में अमृत योजना की पेयजल लाइन तो डाल दी गई, लेकिन इसके बाद भी पेयजल संकट की समस्या जस की तस बनी हुई है। कभी नलों से पानी आ जाता है तो कभी नहीं आता है। इलाके में लगे अधिकांश हैंडपंप कई सालों से खराब पड़े हुए हैं। नल खराब होने की वजह से लोगों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है। बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों को गर्मियों के दिनों में संघर्ष करना पड़ता है।
तीन साल पहले शहर में शामिल हुआ इलाका
तीन साल पहले नगर पालिका परिषद के हुए सीमा विस्तार के बाद शहरी क्षेत्र का हिस्सा बढ़ा तो जलेसर रोड के कई गांव और देहात में आने वाले इलाकों को मिलाकर नगर पालिका परिषद का नया वार्ड 24 बना। जिसमें नयाबांस, तरफरा रोड, जलेसर रोड, बघेल बस्ती, जाटव बस्ती, चामड़ वाला मोहल्ला, ऊंटगाड़ी मोहल्ला आदि इलाके शामिल हैं। इन इलाकों में लगभग 14000 की आबादी निवास करती है।
दशकों बाद भी जलभराव से जूझ रहे लोग
नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर 24 में आने वाले अधिकांश इलाके किसी समय हाथरस देहात का हिस्सा हुआ करते थे, यहीं वजह है कि यहां जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते इलाके में दशकों से जलभराव और गंदगी समस्या बनी हुई है। जो आज भी बनी हुई है। नालियों का गंदा पानी उफन-उफन कर सड़कों पर आ रहा है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिना बारिश के ही अधिकांश दिनों में यहां जलभराव बना रहता है।
बिना बारिश गली-मोहल्ले में रहता है जलभराव
पहले से ही वार्ड नंबर 24 के अधिकांश गली और मोहल्ले में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से जलभराव की समस्या बनी रहती है। साथ ही बारिश के दिनों में यह समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। बारिश में सड़कों जगह-जगह हो रहे गड्ढों में कई-कई फुट तक कई घंटे तक बारिश का पानी जमा रहता है। जिसके चलते लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पुलिया और नालियां क्षतिग्रस्त, सड़कों पर कीचड़ जमा
वार्ड नंबर 24 के नयाबांस, तरफरा रोड, जलेसर रोड, बघेल बस्ती आदि गलियों में सड़कों के अलावा पुलिया और नालियों की स्थिति काफी ज्यादा खराब है। इलाके की अधिकांश सड़क कच्ची हैं। सड़कों में जगह-जगह गहरे गड्ढे हो रहे हैं। साथ ही पुलिया भी क्षतिग्रस्त हैं। जिसके चलते स्थानीय लोगों के अलावा यहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। नालियों का गंदा पानी उफन-उफन कर सड़कों पर आ जाता है। सड़कों पर कीचड़ जमा रहती है। इससे इलाके में गंदे पानी की समस्या बनी रहती है। गंदगी की वजह से बीमारियों के फैलने का डर बना हुआ है। घरों के बाहर जमा गंदगी को मजबूरन लोगों को खुद ही साफ करनी पड़ रही है।
अधिकांश हैंडपंप पड़े खराब, कैसे बुझे लोगों की प्यास
शहर के जलेसर रोड स्थित वार्ड नंबर 24 तरफरा रोड के नागरिक अमृत योजना की पेयजल लाइन डलने के बाद भी पेयजल संकट का सामना करना पड़ा रहा है। लोगों का कहना है कि कई साल पहले पेयजल लाइन तो डलवा दी गई। लेकिन इसके बाद भी पेयजल संकट खत्म नहीं हुआ। नगर पालिका के नलों से कभी पानी आ जाता है तो कभी पानी नहीं आता है। गली-मोहल्लों में लगे ज्यादातर हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। जिसके चलते लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। भीषण गर्मियों के दिनों में लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जर्जर सड़क की वजह से आए दिन हो रहे हादसे
वार्ड नंबर 24 तरफरा रोड में आने वाले अधिकांश गली-मोहल्ले और बस्ती की सड़कें काफी ज्यादा जर्जर हैं। सड़कों में गहरे गड्ढे हो रहे हैं। दशकों पुरानी हो चुकी सड़क दम तोड़ती जा रही। जिसके चलते यहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कोई दिन ऐसा नहीं जाता है। जब गड्ढों की वजह से ई-रिक्शा और साइकिल सवार लोग हादसे का शिकार नहीं होते हैं। कई बार तो लोगों के गंभीर चोट तक आ जाती हैं।
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