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349 छात्रों के अभिभावकों का लौटा पैसा,करना होगा इंतजार।

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Newswrap हिन्दुस्तान, हाथरसTue, 6 May 2025 03:07 AM
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349 छात्रों के अभिभावकों का लौटा पैसा,करना होगा इंतजार।

निजी स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ते है गरीब परिवारों के बच्चे। गड़बड़ी के चलते लौटा अभिभावकों का पैसा,झेलनी होगी दिक्कतें। हाथरस: आरटीई के तहत निजी स्कूलों में प्राथमिक और कक्षा एक में निशुल्क दाखिले दिए जाने का प्रावधान है। सरकार की ओर से बच्चों के अभिभावकों के खातों में पांच हजार रुपये दिए जाते है। जिससे कि अभिभावक अपने बच्चों की किताब व यूनिफार्म आदि खरीद सके। पिछले सत्र की 349 छात्रों का पैसा वापस लौट गया। पुन पैसा प्राप्त हो सके,इसके लिए विभागीय अधिकारियों की ओर से डिमांड भेजी गई है। वर्ष 2017-18 से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्राथमिक और कक्षा एक में दाखिले की व्यवस्था शुरु हुई।

इस व्यवस्था के तहत शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में विद्यालय संचालकों को हर माह 450 रुपये के हिसाब से 11 माह का पैसा दिया जाता है। सरकार की ओर से नये छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खातों में पैसा हर साल भेजा गया। पुराने छात्रों का पैसा पिछले कई सालों से नहीं आ रहा था। जनपद में करीब तीन हजार से अधिक छात्र छात्राएं निजी स्कूलों में पढ़ते है। इस साल भी लॉटरी सिस्टम के जरिए विद्यार्थियों को विद्यालय आवंटित किये गए। पुराने छात्रों का भी आया पैसा पिछले कई सालों से पुराने छात्रों का पैसा सरकार की ओर से नहीं दिया जा रहा था। इस बार समस्त छात्रों की सूचना विभागीय अधिकारियों के जरिए भेजी गई। शासन की ओर से भी वर्ष 2024-25 का पैसा समय से भेज दिया। 30 मार्च को वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाने के बाद करीब पांच सौ से अधिक छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खातों में पैसा कमियों के चलते नहीं पहुंच पाया। शासन की ओर से एक माह का समय और दिया जिससे कि खातों में पैसा पहुंच सके। नहीं पहुंच पाया पैसा,वापस लौटा एक माह का समय मिल जाने के बाद विभागीय अधिकारियों की ओर से छात्रों के अभिभावकों से संपर्क साधा। तमाम अभिभावकों के खाते पुराने थे,तो कुछ में कमियां थी। 29 अप्रैल को पुन कोषागार के जरिए पैसा अभिभावकों के खातों में भेजा गया। 596 में से 394 अभिभावक ऐसे रहे,जिनके खातों में विभिन्न कमियों के चलते पैसा नहीं पहुंच गया। जिस वजह से पैसा शासन को वापस करना पड़ा। अब अभिभावकों को इंतजार करना होगा,शासन की ओर से पैसा भेजे जाने के बाद ही उनके खातों में वो पहुंच पायेगा। स्कूल संचालकों से मांगी जानकारी इस नए वित्तीय वर्ष में चार चरणों के तहत आरटीई के तहत दाखिले निजी स्कूलों में हुए। लॉटिरी सिस्टम के अनुसार विद्यालय आवंटित किये गए। विद्यालय आवंटित हो के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरु हुई। तमाम अभिभावकों को उनकी इच्छा के अनुसार विद्यालय नहीं मिल पाया। अब विभागीय अधिकारियों के स्तर से यह जानकारी कराई जा रही है कि कितने विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत आवंटित हुए स्कूलों में दाखिला लिया या नहीं लिया। वर्जन आरटीई के तहत पुराने छात्रों का पैसा शासन की ओर से उपलब्ध कराया गया। कमियों के चलते करीब 349 अभिभावकों का पैसा वापस लौट गया। अब पुन डिमांड शासन से की गई है। एसएन सिंह,जिला समन्वयक,बेसिक शिक्षा विभाग।

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