-शादियों वाले घरों में राहत, मैदा की कीमत भी 3600 से 3100 पहुंची -शादियों वाले घरों में राहत, मैदा की कीमत भी 3600 से 3100 पहुंची -शादियों वाले घरों में राहत, मैदा की कीमत भी 3600 से 3100 पहुंची
Hathras News - पड़ताल ए खबर:-शादियों वाले घरों में राहत, मैदा की कीमत भी 3600 से 3100 पहुंची-शादियों वाले घरों में राहत, मैदा की कीमत भी 3600 से 3100 पहुंची-शादियों

बाजार में नया गेहूं आने के बाद आटे के भाव में भारी गिरावट आई है। इससे पहले आटे का दाम आसमान छू रहा था। मैदा की कीमत में भी गिरावट देखी जा रही है। सहालग के सीजन में आटे के भाव में आई गिरावट से लोगों ने राहत की सांस ली है। नया गेहूं बाजार में आने से पहले तक आटे और मैदा के भाव में तेजी थी। आटा 38 रुपये किलो के भाव बेचा जा रहा था। वहीं मैदा 40 रुपये किलो चल रहा था। सहालग में खरीदारी करने वालों के पसीने छूट रहे थे। सबसे ज्यादा खरीद आटे की हो रही थी। सभी नया गेहूं बाजार में आने का इंतजार कर रहे थे। अब नया गेहूं बाजार में आ चुका है। इसी के साथ भाव में गिरावट भी आई। इस समय आटे के भाव में 6 रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है। आटा 32 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि पुराने गेहूं का आटा अब भी पुराने दामों में ही बेचा जा रहा है। नया गेहूं आने के बाद मैदा के दाम में 8 रुपये की गिरावट आई है। पहले मेदा 40 रुपये किलो बेची जा रही थी।
क्रय केंद्रों पर बढ़ी संख्या
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये तय किया है। बीते दिनों मंडी में गेहूं का भाव 2360 रुपये प्रति कुंतल तक गया। इसके चलते क्रय केंद्रों पर भीड़ उमड़ने लगी। मंडी भाव से एमएसपी अधिक रहा। मंगलवार को मंडी का भाव 2430 रुपये प्रति कुंतल रहा। इससे सरकारी क्रय केंद्र पर जाने वाले किसानों की संख्या प्रभावित हुई। बुधवार को रेट फिर से गिर गया। गेहूं 2410 रुपये प्रति कुंतल खरीदा गया। भाव के अनुसार संख्या में कमी और बढ़त बनी हुई है।
वर्जन
मैदा की रेट बहुत थी। नया गेहूं आने पर मैदा के भाव में भी गिरावट आई है। मैदा इस समय 32 रुपये किलो बेची जा रही है, जबकि इससे पहले भाव 40 रुपये प्रति किलो था।
उमेश शर्मा, दुकानदार
नए गेहूं की आवक के बाद आटा सस्ता हुआ है। ये लोगों के लिए राहत की बात है। पहले दाम 38 रुपये किलों तक पहुंच गया था। इस समय रेट 32 रुपये किलो चल रहे हैं। सहालग में लोग आटे की खूब खरीदारी कर रहे हैं।
अशोक, दुकानदार
गेहूं के दाम में गिरावट है। लेकिन राजस्थान और एमपी के गेहूं के आटे का मूल्य पहले जैसा ही है। नए गेहूं का आटा 32 रुपये किलो तक है। जबकि राजस्थानी गेहूं के आटे का रेट 38 रुपये किलो है।
आशू कुमार, दुकानदार
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बी खबर:
इस बार अच्छी देश विदेश में दाल की फसल सस्ती हुई दालें
फोटो 32 बाजार में बिकने के लिए सजी दालें।
इस बार अच्छी देश विदेश में दाल की फसल सस्ती हुई दालें
अरहर, चना सहित सभी दालों के दामों में आई पांच से दस रुपये प्रति किलो की गिरावट
काफी समय से दाल महंगी होने के चलते आमजन की जेब पर पड़ रहा था बोझ
हिन्दुस्तान संवाद
हाथरस। आम आदमी के लिए राहत की बात है। अब उनकी थाली तक आसानी से दाल पहुंचेगी। इस बार देश में विदेशों में भी दाल की अच्छी फसल हुई है। इस कारण दालों के दामों में पांच से दस रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है। इससे आमजन की जेब पर बोझ कम हो गया है।
हाथरस जिले को आधौगिक नगरी कहा जाता है। यहां करीब चालीस दाल मिलों का संचालन होता है। यहां विदेशों से दालें आती है। उनको प्रोसिस कर तैयार किया जाता है। इस बार विदेशों में दाल की फसल अच्छी हुई है। वहीं भारत के मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात में दालों की अच्छी पैदावार हुई है। इस कारण बाजार में दाल पर्याप्त मात्रा में है। दाल आवक अधिक होने व खपत मध्यम होने के चलते दालों के दामों में गिरावट आई है। इससे अमाजन राहत महसूस कर रहा है।
इंनसेट
इन दालों के गिरे दाम
अरहर दाल वर्तमान में 90 पहले 130 रुपये
मूग की दाल वर्तमान में 90 पहले 98 रुपये
चना की अब 70 पहले 75 रुपये
मसूर की दाल अब 68 से पहले 70 रुपये
उड़द अब सौ रुपये पहले 110 रुपये प्रति किलो रही।
नोट ये दालों के आंकड़े थोक हैं, फुटकर के रेट में थोड़ा ईजाफा हो सकता है।
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फोटो 34 अमित वाष्र्णेय
दाल की नई फसल की आवक होने से दालें सस्ती हो गई है। पहले दालों के दाम सौ रुपये के पार थे। अब दाल सस्ती होने बिक्री भी बढ़ गई है। आमजन की राहत मिली है। अमित वाष्र्णेय, दुकानदार।
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फोटो 33 पूनम ग्राहक।
काफी समय से दालों के दाम बढ़े हुए थे। इस कारण दाल खाना मुशिकल हो रहा था।अब दालों के दामों में गिरावट आने से रसोई के बजट में थोडी राहत मिलेगी। दालें गर्मी में वैसे ज्यादा खाई जाती है। पूनम ग्राहक।
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