Hindustan Special: रमजान में यूपी के इस शहर के आलिम पढ़ाएंगे अमेरिका-यूएई वालों को कुरआन
- माह-ए-रमजान में देश-विदेश में कुरआन पढ़ने, सुनाने के लिए बरेलवी मरकज से जुड़े मदरसों के आलिमों को बुलाया गया है। अमेरिका, सऊदी अरब, हॉलैंड व मॉरीशस समेत तमाम देशों में मरकज से जुड़े उलेमा जाएंगे। इन देशों में यह लोग तरावीह की नमाज अदा कराएंगे।

Hindustan Special: माह-ए-रमजान में देश-विदेश में कुरआन पढ़ने, सुनाने के लिए बरेलवी मरकज से जुड़े मदरसों के आलिमों को बुलाया गया है। अमेरिका, सऊदी अरब, हॉलैंड व मॉरीशस समेत तमाम देशों में मरकज से जुड़े उलेमा जाएंगे। इन देशों में यह लोग तरावीह की नमाज अदा कराएंगे।
रमजान में तरावीह नमाज का विशेष महत्व है। तरावीह की नमाज में हाफिज जुबानी पूरा कुरान सुनाते हैं। दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी का कहना है कि बरेली मरकज से संबंधित मदरसों से फारिग हाफिज के तलफ्फूज (उच्चारण) पूरी दुनिया में सबसे बेहतर व सही माना जाता है। बरेली मरकज से बड़ी तादाद में हाफिज देश-विदेश में पहुंच चुके है। दुनियाभर के मुरीद व अकीदमंद हाफिजों की मांग कर रहे हैं।
मदरसों से गए उलेमा
सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज (केंद्र) दरगाह आला हजरत है। यहां से जुड़े तमाम मदरसों के आलिमों को देश-विदेश में तरावीह नमाज के लिए बुलाया जाता है। इन खास मदरसों में मंजर ए इस्लाम, मजहर ए इस्लाम, जामियातुर रजा, जामिया नूरिया आदि के उलेमा की अधिक मांग है।
विदेशों में मरकज की अलग पहचान
बरेली मरकज के तमाम मदरसों के हाफिजों को दुनियाभर में भेजने की व्यवस्था होती है। हॉलैंड, मॉरीशस, सऊदी अरब, नेपाल, यूएई और अमेरिका समेत कई देशों में हाफिज कुरआन पढ़ाने जाते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में भी हाफिजों की मांग होती है।