जांचों के शिकंजे में फंसते जा रहे आईएएस अभिषेक प्रकाश, 15 दिन में 5 आदेश
- शासन ने सोलर संयत्र लगाने वाले एक उद्योगपति से 5 प्रतिशत रकम रिश्वत के तौर पर मांगे जाने को लेकर गम्भीर रुख अख्तियार किया है। इसके बाद ही ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के करीबी निकांत जैन के खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई।

इन्वेस्ट यूपी के निलम्बित सीईओ अभिषेक प्रकाश पहले ऐसे आईएएस अधिकारी हैं, जिन पर 15 दिन के अंदर पांच-पांच जांचों का आदेश हुआ और उन पर जांचों का शिकंजा कसता चला गया। निलम्बन के साथ ही गोमतीनगर थाने में 20 मार्च को दर्ज एक एफआईआर में उनका नाम बढ़ाने को लेकर मंथन चल रहा है। साथ ही विजिलेंस, ईडी जांच के आदेश हुए। डिफेंस कारीडोर के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर हुई धांधली में जांच हुई तो उन्हें दोषी पाया गया।
शासन ने सोलर संयत्र लगाने वाले एक उद्योगपति से पांच प्रतिशत रकम रिश्वत के तौर पर मांगे जाने को लेकर गम्भीर रुख अख्तियार किया है। इसके बाद ही ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के करीबी निकांत जैन के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई। इसमें अभिषेक प्रकाश का नाम तो नहीं है लेकिन शासन ने उनके निलम्बन का जो आदेश जारी किया, उसमें कई आरोप दिखाए गए। निलम्बन के दूसरे दिन ही शासन ने विजिलेंस जांच के आदेश कर दिए। इस बीच ईडी ने भी जांच शुरू कर दी।
अभिषेक प्रकाश से अभी पूछताछ नहीं हुई
विजिलेंस, ईडी और राजस्व के अधिकारी अभी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ कई बिन्दुओं पर जांच कर रहे हैं। इस जांच में साक्ष्य मिलने और कई तथ्यों को एक कड़ी में पिरोने के बाद अभिषेक प्रकाश से पूछताछ की तैयारी है। अभी किसी जांच एजेन्सी ने अभिषेक प्रकाश से पूछताछ नहीं की है। जल्दी ही उन्हें नोटिस भेजी जाएगी।
अभिषेक के करीबी भी आ रहे जांच के दायरे में
अभिषेक के खिलाफ जांच पर जांच के आदेश होने पर उनके कई करीबी भी कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं। मेरठ के एक युवक, लखनऊ में तैनात रहे दो अफसरों के अलावा तीन निजी व्यक्ति भी जांच एजेन्सियों के रडार पर है। अभिषेक के करीबी निकांत जैन ही इन करीबियों का मुखिया बना हुआ था।
फैक्ट फाइल
20 मार्च-गोमतीनगर में एफआईआर दर्ज, निकांत जैन गिरफ्तार, आईएएस अभिषेक प्रकाश निलंबित
21 मार्च-ईडी को जाँच के आदेश
22 मार्च-निकान्त का दफ़्तर सील
29 मार्च-अभिषेक को ज़मीन प्रकरण में चार्जशीट
30 मार्च-निलंबन रिपोर्ट डीओपीटी को भेजी गई
02 अप्रैल-विजिलेंस जांच शुरू