यौन शोषण आरोपी ACP मोहसिन मामले में दारोगा ने खोला मोर्चा,कहा-थाना प्रभारी के कहने पर लगाई रिपोर्ट
यूपी के कानपुर आईआईटी छात्रा से यौन शोषण के आरोपी ACP मोहसिन खान मामले में दारोगा ने मोर्चा दिया है। खुद को निर्दोष बता थाना प्रभारी पर रिपोर्ट लगवाने के आरोप लगाए हैं।

कानपुर में आईआईटी छात्रा से योन शोषण के आरोपी एसीपी मोहसिन खान के मामले में चल रहा विवाद रोज नया मोड़ ले रहा है। दारोगा ने रावतपुर थाना प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खुद को निर्दोष बता थाना प्रभारी पर रिपोर्ट लगवाने के आरोप लगाए हैं। डीसीपी वेस्ट एसएम कासिम आबिदी ने बताया कि एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पाण्डेय को विभागीय जांच सौंपी गई है। उन्हें दो सप्ताह का समय दिया गया है। उनकी रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
दारोगा राजेश प्रसाद बाजपेई ने बताया कि न्यायालय से निलंबित एसीपी मोहसिन खान की पत्नी ने मामले में रिपोर्ट मांगी थी। थाना प्रभारी कृष्णकांत मिश्रा ने कॉल करके बुलाया और रिपोर्ट लगवाई गई कि थाने में इस मामले में कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है। जबकि उन्होंने जांच कोकहा तो इंस्पेक्टर ने कहा कि रिपोर्ट सबमिट नहीं करनी है अरजेंट है। मेरे हस्ताक्षर होंगे आप अपनी रिपोर्ट लगा दें। मोहर्रिर यहां मौजूद हैं। वो कोर्ट में रिपोर्ट सबमिट कर देंगे। फिर हस्ताक्षर करा मोहर लगाई। दरोगा ने बताया कि प्रार्थना पत्र कोर्ट मोहर्रिर श्याम बाबू ले आये थे जो एक अप्रैल को जीडी नंबर 58 में इंट्री है।
आपको बता दें कि कानपुर आइआइटी की शोधार्थी ने एसीपी मोहसिन खान पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। छात्रा ने 12 दिसंबर 2024 को कल्याणपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
घटनास्थल नवाबगंज का फिर क्यों लगाई रिपोर्ट : घटनास्थल कहीं और का होने के सवाल पर दारोगा ने बताया कि इंस्पेक्टर ने निर्देशित किया था कि अभी रिपोर्ट लगाइए। इंस्पेक्टर को जानकारी थी घटनास्थल नवाबगंज से संबंधित है लिहाजा रिपोर्ट वहीं से लगवाएं। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। मुझे रिपोर्ट लगाने के लिए प्रभारी ने मजबूर किया।
किया गया लाइन हाजिर
एसीपी की पत्नी के प्रार्थना पत्र पर 16 अप्रैल को कोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। यह आदेश पैरोकार हेड कांस्टेबल श्याम बाबू ने थाना रावतपुर के डाक मुंशी की सुपुर्दगी में न देकर दारोगा राजेश प्रसाद बाजपेई को दे दिया था। दरोगा ने इंस्पेक्टर को भी आदेश की जानकारी नहीं दी और रिपोर्ट लगा दी जबकि इंस्पेक्टर ने जांच चौकी इंचार्ज गुरुदेव को सौंपी थी। उन्होंने जांच की तो घटनास्थल नवाबगंज में मिला। जांच नवाबगंज पुलिस को करनी चाहिए। दारोगा राजेश प्रसाद बाजपेई ने कोर्ट को धोखे में रखा। सच सामने आने के बाद उसे लाइन हाजिर किया गया।