धड़ल्ले से चल रहे अवैध अस्पतालों को किसी का डर नहीं
Kushinagar News - कुशीनगर में कई निजी अस्पताल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं, जहां चिकित्सकीय लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत हो रही है। परिजन हंगामा करते हैं, लेकिन मामले अक्सर ठंडे पड़ जाते हैं। हाल ही में कई घटनाएं...

कुशीनगर। जिले में ऐसे निजी अस्पतालों की भरमार हो गई है, जो बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। इन अस्पतालों के संचालकों को किसी का भय नहीं है। चिकित्सकीय लापरवाही से जच्चा या बच्चा अथवा दोनों की मौत होने पर परिजन हंगामा करते हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अफसर पहुंचते हैं। थोड़ी छानबीन होती है और फिर मामला ठंडा हो जाता है। हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं कि जिस अस्पताल में जच्चा या बच्चा अथवा दोनों की मौत हुई, जांच-पड़ताल में वह अस्पताल अवैध रूप से संचालित मिला। करीब एक सप्ताह के भीतर घटी जच्चा-बच्चा या गर्भवती महिला की मौत की कुछ घटनाएं तो बानगी मात्र हैं।
ऐसी घटनाएं अक्सर हो रही हैं। घटना के बाद परिजन हो-हल्ला करते हैं तो मामला सामने आता है अन्यथा दबकर रह जाता है। केस-एक पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मनिकौरा निवासी बीरेंद्र चौहान की 22 वर्षीय पुत्री वंदना को बीते रविवार की शाम प्रसव पीड़ा होने पर परिजन खिरकिया स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराए। उसके भाई सचिन ने आरोप लगाया कि लापरवाहीपूर्वक प्रसव के चलते प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गई। उनकी बहन को दूसरे निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। केस-दो पडरौना कोतवाली क्षेत्र के खिरकिया बाजार में संचालित एक निजी अस्पताल में छह मई की सुबह मटियरवा निवासी आजम अंसारी की 23 वर्षीय पत्नी सकीना खातून को प्रसव पीड़ा होने पर लाया गया था। भर्ती कर उसका इलाज शुरू हुआ। शाम को हालत बिगड़ गई तो अस्पताल संचालक ने गोरखपुर रेफर कर दिया, लेकिन वहां पहुंचते ही सकीना की मौत हो गई। सात मई की सुबह करीब 11 बजे परिजन ग्रामीणों के साथ खिरकिया स्थित इस अस्पताल में पहुंचकर हंगामा करने लगे। खिरकिया चौकी की पुलिस पहुंचकर मामले को शांत कराई थी। उसके बाद संचालक अस्पताल में ताला बंद कर गायब हो गया। बुधवार की शाम को स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने पहुंची, लेकिन एक ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया तो दूसरा बाहर से ताला बंद कर भाग गया। संपक्र न होने के कारण टीम वापस लौट गई। केस-तीन नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के कोटवा कला स्थित निजी अस्पताल मंगलम में 12 मई की शाम को महराजगंज जनपद के कोठीभार थानाक्षेत्र के बसडीला गांव की चार माह की गर्भवती 28 वर्षीय प्रतिमा यादव अपनी मां के साथ इलाज के लिए पहुंची थी। आरोप है कि मौजूद संविदा पर तैनात एएनएम ने महिला का गर्भपात किया था। उस दौरान कोई नस कट जाने से रक्तस्राव से उसकी हालत बिगड़ गई। 13 मई की सुबह हालत ज्यादा बिगड़ने से महिला की मौत हो गई। परिजनों ने देर शाम अस्पताल के सामने सड़क पर शव रखकर एएनएम के विरूद्ध कार्रवाई के लिए सड़क जाम किया था। खड्डा के तहसीलदार महेश कुमार व थानाध्यक्ष दीपक सिंह भी पहुंचे थे। 14 मई को नेबुआ नौरंगिया सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ रजनीश श्रीवास्तव की जांच आख्या व मृतका के ससुर लल्लन की तहरीर पर पुलिस ने एएनएम किरन पांडेय के साथ आधा दर्जन कर्मियों पर गैरइरादतन हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। सीएमओ डॉ अनुपम प्रकाश भास्कर ने कहा, इस तरह की जो भी घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं, तत्काल मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी जा रही है। जांच कराई जा रही है और उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। कोटवा कला में गर्भवती महिला की मौत के मामले में एएनएम सहित आधा दर्जन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।