Banke Bihari devotees are overjoyed with the Supreme Court s decision know what government is preparing for corridor सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बांके बिहारी के भक्त गदगद, ऐसा होगा कॉरिडोर, हजारों गाड़ियों की पार्किंग, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUP NewsBanke Bihari devotees are overjoyed with the Supreme Court s decision know what government is preparing for corridor

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बांके बिहारी के भक्त गदगद, ऐसा होगा कॉरिडोर, हजारों गाड़ियों की पार्किंग

सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर पर कॉरिडोर का रास्ता गुरुवार को साफ कर दिया। इस फैसले से ठाकुरजी के भक्त गदगद हैं। जहां अभी केवल छह सौ लोग ही एक बार में दर्शन कर पाते हैं कॉरिडोर बनने से छह हजार श्रद्धालु एक साथ यहां आ सकेंगे। हजारों गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था हो जाएगी।

Yogesh Yadav मथुरा। दिलीप चतुर्वेदीFri, 16 May 2025 03:32 PM
share Share
Follow Us on
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बांके बिहारी के भक्त गदगद, ऐसा होगा कॉरिडोर, हजारों गाड़ियों की पार्किंग

बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रास्ता साफ कर दिया। इस फैसले से ठाकुरजी के भक्त गदगद हैं। कॉरिडोर बनने के बाद दर्शन के दौरान और मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी और ना ही दर्शन के दौरान लोगों को घुटन महसूस होगी। यही नहीं भीड़ के कारण अव्यवस्था भी नहीं फैलेगी। कॉरिडोर ऐसा होगा कि वहां एक साथ करीब छह हजार श्रद्धालु आ जाएंगे। साथ ही उनके लिए वेटिंग हॉल, और पार्किंग की बेहतर सुविधा रहेगी।

वर्तमान में बांके बिहारी मंदिर का आंगन 300 वर्गमीटर का है, जिसकी क्षमता 650 श्रद्धालुओं की है। इसका बाहरी प्रांगण 450 वर्गमीटर का है, जिसकी क्षमता 1000 श्रद्धालुओं की है। जबकि यहां पर रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं और विशेष अवसरों पर तो यह संख्या लाखों में हो जाती है। यही कारण है कि ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कॉरिडोर बनने के बाद उसमें एक साथ छह हजार श्रद्धालु आ सकेंगे।

कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद आखिर बांके बिहारी कॉरिडोर का रास्ता साफ हो गया है। बिहारी जी कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदने के लिए पैसा मंदिर कोष से लिया जाए, इसे लेकर कोर्ट भी कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मंदिर कोष से 500 करोड़ रुपये लिये जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हरी झंडी देने के बाद अब बिहारी जी कॉरिडोर का कार्य जल्दी ही शुरू हो सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार इसके लिए बजट में भी प्रावधान कर चुकी है।

बांकेबिहारी मंदिर कॉरीडोर का जो नक्शा प्रशासन ने तैयार कराया है, वह ऐसा है कि कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं को भीड़ भरे माहौल से मुक्ति मिल जाएगी। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी दर्शन सुविधाजनक होंगे। कॉरीडोर के दृष्टिगत जहां सुनरख में पार्किंग तैयार होगी, वहीं बांकेबिहारी मंदिर के सामने और देवराह बाबा घाट पर सस्पेंशन पुल बनाए जाएंगे। बांकेबिहारी मंदिर कॉरीडोर के प्रस्तावित डिजाइन में इन विकास कार्यों को सम्मिलित किया गया है।

ये भी पढ़ें:बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में SC का फैसला, मंदिर फंड के इस्तेमाल की इजाजत

कई पार्किंग होंगी, हजारों वाहन हो सकेंगे पार्क

बिहारी जी कॉरिडोर की ओर आने वाले हर रास्ते पर पार्किंग बनायी जाएंगी। ऐसे में एक नहीं कई पार्किंग होंगी, जिनमें हजारों वाहन खड़े किये जा सकेंगे। हाईवे की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 26 हजार वर्गमीटर में सुनरख पार्किंग तैयार की जाएगी। इसमें 2600 वर्गमीटर का एरिया कवर्ड होगा। इस पार्किंग में करीब एक हजार वाहन एक बार में खड़े हो सकेंगे।

एक पार्किंग यमुना पार बेगमपुर (कॉरिडोर के ठीक सामने) में 12 हेक्टेयर में ग्रीन पार्किंग बनेगी, जिसमें करीब चार हजार वाहन खड़े हो सकेंगे। यह ग्रीन पार्किंग होगी, क्योंकि यहां हरियाली के बीच में वाहन पार्क होंगे। यहां से एक एलीवेटेड बिहारी जी से जोड़ेगा। इस रोड की खासियत यह होगी कि इस पर सिर्फ गोल्फ कार्ट चलेंगी और श्रद्धालु इससे पैदल भी आ सकेंगे। इसके अलावा पानीगाम, नगला रामताल में भी बड़ी पार्किंग प्रस्तावित हैं।

ये भी पढ़ें:बांके बिहारी महाराज को अमेरिका से आए भक्त ने चढ़ाई डॉलर वाली माला, वीडियो वायरल

11 हजार वर्गमीटर में यात्री सुविधाएं

बांकेबिहारी ब्रिज पार्किंग से लेकर कॉरीडोर तक करीब 11 हजार वर्गमीटर के रास्ते में यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कॉरीडोर तक ई-रिक्शा चलाये जाएंगे या गोल्फकार्ट चलेंगी। बड़े वाहन कॉरिडोर तक नहीं पहुंचेंगे, उनको पार्किंग में पार्क करना होगा। कॉरिडोर में यात्री विश्राम स्थल, पेयजल, शौचालय, वाई-फाई, फूडकोर्ट आदि की सुविधाएं होंगी।

मुल स्वरूप रहेगा यथावत, बाहर होगी आधुनिकता

श्रीबांकेबिहारी मंदिर का कॉरिडोर भव्य और दिव्य होगा, जिसमें परंपरा और आधुनिकता का समावेश होगा। इस कॉरिडोर में मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए बाहरी क्षेत्र के विस्तारीकरण और पहुंच मार्गों के चौड़ीकरण की कार्ययोजना तैयार की गई है।

जब उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांकेबिहारी मंदिर की व्यवस्थाओं के सुधार के लिए कॉरिडोर की परिकल्पना की थी, तभी उन्होंने मथुरा के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कॉरिडोर की परियोजना ऐसी हो, जहां मंदिर के मूल स्वरूप को किसी भी कीमत पर परिवर्तित न किया जाए और न किसी परंपरा को तोड़ा जाए। सीएम के इसी निर्देश पर बांकेबिहारी कॉरिडोर को डिजाइन किया गया। इसमें मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए बाहरी परिसर को विस्तारित किया जाएगा।

अभी तक हाल यह है कि मंदिर के बाहर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जहां भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को रोका जा सके। इससे श्रद्धालु निरंतर मंदिर की ओर बढ़ते चले जाते हैं। जहां पुलिस बैरियर लगा देती है, वहां धक्का मुक्की हो जाती है लेकिन कॉरिडोर में ऐसा नहीं होगा। नए डिजाइन में बांकेबिहारी मंदिर के बाहर द्विस्तरीय क्षेत्र होगा, जो खुला भी होगा और कवर्ड भी। मंदिर के बाहर इस खुले परिसर के बीच में बड़ा फव्वारा होगा, जिसके चारों ओर चार बगीचे होंगे।

इन बगीचों में लोग दोपहर के समय छाया का आनंद उठा सकेंगे, साथ ही कवर्ड क्षेत्र भी उसी शैली के लाल पत्थरों से बनेंगे, जिस पत्थर से वृंदावन के अधिकांश मंदिर बने हैं। उसी तरह की दीवारें और उसी तरह के गुंबद, जिससे पता ही नहीं चलेगा कि नया विकसित क्षेत्र बांकेबिहारी मंदिर से अलग है।

श्रद्धालुओं की भीड़ से नहीं होगी अव्यवस्था

बांकेबिहारी कॉरिडोर बनने के बाद मंदिर दर्शन के लिए निश्चित रूप से श्रद्धालुओं की हड़बड़ी में कमी आएगी। दरअसल बांकेबिहारी मंदिर के बाहर के खुले परिसर में श्रद्धालु मंदिर बंद होने की स्थिति में मंदिर खुलने का इंतजार कर सकेंगे। चूंकि मंदिर भी सामने होगा, इसलिए श्रद्धालुओं को किसी तरह की जल्दबाजी नहीं होगी, क्योंकि मंदिर के पट बंद होने या खुलने की पूरी जानकारी भी उनके सामने होगी।

कॉरिडोर में होंगे कई बगीचे

श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर हरियाली से यथासंभव आच्छादित होगा। कॉरिडोर में भगवान श्रीकृष्ण के समय के द्वापरकालीन प्रजातियों के पेड़-पौधों को वरीयता दी जाएगी। इनमें पारिजात, कदम्ब, बरगद, पीपल आदि के पेड़-पौधे शामिल हैं, जिनकी छाया में श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक अनुभूति प्रगाढ़ होगी। बांकेबिहारी मंदिर के बाहर के खुले परिसर में कई स्थानों पर बगीचे तैयार कराए जाएंगे। बांकेबिहारी कॉरिडोर में श्रीकृष्णकालीन प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। इससे एक ओर पर्यावरण संरक्षण होगा तो दूसरी प्राकृतिक सौंदर्यीकरण को भी बल मिलेगा। इन पेड़ पौधों के संरक्षण के लिए विशेषज्ञ भी मदद करेंगे। इनमें पारिजात, कदम्ब, बरगद, पीपल आदि के पेड़-पौधे शामिल हैं, जिनको कॉरिडोर क्षेत्र में लगाया जाएगा। इन वनस्पतियों की सिंचाई की सुनियोजित तरीके से कराई जाएगी। इससे वृंदावन की प्राचीन छवि भी मजबूत होगी।

बनेंगे दो प्रतीक्षालय

बांके बिहारी कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं को न केबल दर्शन में होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी, बल्कि अन्य तमाम सुविधायें भी मिलेंगी। कॉरिडोर में 5300 वर्ग मीटर में दो प्रतीक्षालय बनाये जायेंगे, जिनमें यात्री बैठकर आराम कर सकेंगे। वहां शिशुओं की देखभाल के लिए अलग से जगह बनाई जाएगी।

बिहारी जी मंदिर आने के होंगे तीन रास्ते

बांके बिहारी कॉरिडोर का जो नक्शा बनकर तैयार हुआ है, उसके हिसाब से कॉरिडोर में यात्रियों को तमाम सुविधायें मिलेंगीं। कॉरिडोर में बांके बिहारी के मंदिर की ओर जाने के लिए तीन रास्ते तय किये हैं। जिसमें से यमुना की ओर से जो रास्ता आयेगा वह 2100 वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा। इस रास्ते से आने पर कॉरिडोर दो हिस्सों में विकसित किया जाएगा। एक निचला हिस्सा होगा और दूसरा उससे करीब 3.5 मीटर ऊपर होगा, जिस पर जाने के लिए रैंप बनाया जाएगा। दोनों ही हिस्सों में जूता घर, सामान घर, प्रसाधन और पेयजल, शिशु देखभाल, चिकित्सा कक्ष, वीआईपी कक्ष, विद्युत कार्य और तीर्थ यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय बनाया जाएगा।

नीचे का हिस्सा होगा बड़ा

कॉरिडोर में निचला हिस्सा ऊपर के हिस्से से बड़ा होगा। नीचे का हिस्सा जहां करीब पांच हजार वर्ग मीटर का होगा, वहीं ऊपर का हिस्सा करीब 650 वर्ग मीटर का होगा। कॉरिडोर के नक्शे में दो चिकित्सालयों की व्यवस्था की गई है। एक चिकित्सालय नीचे के हिस्से में होगा, वहीं दूसरा ऊपर के हिस्से में होगा।

800 वर्ग मीटर में बनेंगीं पूजा की दुकानें

कॉरिडोर के निचले हिस्सेमें करीब 800 वर्ग मीटर क्षेत्र में पूजा की दुकानें बनायी जाएंगीं। जहां से श्रद्धालु पूजा की सामग्री खरीद सकेंगे। गौरतलब है कि कॉरिडोर बनाने के लिए जिन दुकानों को तोड़ा जाएगा, उन दुकानदारों को यहां पर दुकानें उपलब्ध करायी जाएंगीं, जिससे उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा न हो। ये दुकानें एक साइज की होंगी। अभी यह तय नहीं हुआ है कि यहां पर कितनी दुकानें बनायी जाएंगीं।

8 घंटे 15 मिनट होते हैं दर्शन

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ एसबी सिंह के अनुसार बिहारीजी मंदिर में दर्शन का कुल समय 8 घंटा 15 मिनट है। जिसमें शरद ऋतु में सुबह 8:45 बजे से 1:00 बजे तक और शाम 4:30 बजे से 8:30 बजे तक है। जबकि ग्रीष्म ऋतु में सुबह 7:45 बजे से 12:00 बजे तक है। फिर शाम को 5:30 बजे से 9:30 बजे तक है। अब बिहारी जी कॉरिडोर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। जल्दी ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा। भीड़ के कारण जो अव्यवस्था अभी होती है, कॉरिडोर बनने के बाद दर्शन आराम से होंगे। कॉरिडोर में एक साथ करीब छह हजार श्रद्धालु आ सकते हैं।

कॉरिडोर में वृंदावन को मिलेंगे यमुना पर तीन पुल और नए मार्ग

मथुरा। अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा में कॉरिडोर की तैयारी हो गई है। साथ ही यमुना एक्सप्रेस-वे से बांके बिहारी मंदिर को जोड़ने के लिए छह किमी का मिनी लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी जल्द शुरू हो जाएगा। वहीं वृंदावन को यमुना एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए तीन नए पुलों का भी निर्माण होगा। इससे पुलों की संख्या बढ़ जाएगी, जिससे वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं को जाम से मुक्ति मिलेगी। साथ ही आराध्य के दर्शन भी आसान होंगे। प्रस्तावित हाइवे के निर्माण को लेकर किसानों की जमीनों का जून से अधिग्रहण शुरू होने जा रहा है। नए मार्ग और ब्रिज के बनने से वृंदावन के प्राचीन सप्तदेवालय और बांकेबिहारी मंदिर के दर्शन भी आसान होंगे।