जालंधर वध, गोवर्धन डाकू प्रसंग का मंचन
Lakhimpur-khiri News - रामवाटिका धाम में चल रहे रामनाम महायज्ञ और रामलीला के कार्यक्रमों में भारी संख्या में लोग जुटे। दिन में महायज्ञ में आहुतियां डाली गईं और रात में जालंधर वध लीला का मंचन किया गया। भगवान शिव और जलंधर के...

रामवाटिका धाम में चल रहे रामनाम महायज्ञ, रामलीला व रासलीला देखने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। दिन में महायज्ञ में आहुतियां डाली गईं। वहीं रात में जालंधर वध लीला का मंचन किया गया। बताते हैं कि एक बार भगवान शिव ने अपने तेज को समुद्र में फेंक दिया था। उससे एक महातेजस्वी बालक ने जन्म लिया। यह बालक आगे चलकर जालंधर के नाम से पराक्रमी दैत्य राजा बना। दैत्यराज कालनेमी की कन्या वृंदा का विवाह जालंधर से हुआ। जालंधर देवताओं को सताने लगा तब महादेव को जलंधर से युद्ध करना पड़ा। लेकिन वृंदा के सतीत्व के कारण भगवान शिव का हर प्रहार जलंधर निष्फल कर देता था। अंत में शिव ने जलंधर का वध कर दिया। इसके अलावा सेठ सेठानी गोवर्धन डाकू लीला का मंचन किया गया। रासलीला देखने के लिए क्षेत्र सहित कस्बा के हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान समिति के प्रबंधक रामकुमार शर्मा, अध्यक्ष भगवती प्रसाद शुक्ल, अचल अवस्थी, योगेंद्र मिश्रा सहित समिति के लोग उपस्थित रहे। इसके अलावा आयोजन समिति ने पत्रकार वार्ता कर आयोजन के बारे में जानकारी दी।
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