पॉलिमर की उत्पत्ति, निर्माण विधियां और उपयोग पर चर्चा
Lucknow News - एमिटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंसेज में भौतिक विज्ञान पर दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। इसमें विभिन्न संस्थानों के छात्र भाग ले रहे हैं। प्रमुख वक्ता प्रो. सुह्रित घोष ने पॉलिमर और...

एमिटी विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंसेज की ओर से भौतिक विज्ञान में मूल सिद्धांत और नवीन प्रगति विषय पर दो दिवसीय अकादमिक व्याख्यान कार्यशाला शुक्रवार को शुरू हुई। इसमें विवि के साथ आईटी कॉलेज, एसआरएमयू, बीबीएयू, आरआईटीएम, रजत पीजी कॉलेज, गोयल इंस्टीट्यूट, स्वामी ब्रह्मानंद महाविद्यालय, केएमसी लैंग्वेज यूनिवर्सिटी, बीबीडी यूनिवर्सिटी, एलयू समेत कई संस्थानों के विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं। प्रमुख वक्ता प्रो. सुह्रित घोष ने पॉलिमर की उत्पत्ति, निर्माण विधियां व उनके उपयोग और पर्यावरणीय प्रभावों पर प्रकाश डाला। आईआईएसईआर कोलकाता के प्रो. प्रियदर्शी डे ने बहुपदीय यौगिकों की विविधता, निर्माण विधियों और उनसे संबंधित आधुनिक शोधों की जानकारी दी। डॉ. सोमोब्रता आचार्य ने नैनो सामग्री के संश्लेषण व विश्लेषण तकनीकों पर व्याख्यान दिया। एसजीपीजीआई के प्रो. भूपेंद्र तिवारी ने उत्प्रेरकों के कार्य सिद्धांत, प्रकार व औषधीय यौगिकों में उनकी भूमिका पर बात की। कार्यशाला आईएनएसए नई दिल्ली, आईएएस बेंगलुरु व एनएएस प्रयागराज के सहयोग से आयोजित हो रही है। इस मौके पर प्रति कुलपति डॉ. अनिल वशिष्ठ, डिप्टी प्रो. वाइस-चांसलर विंग कमांडर अनिल तिवारी, डीन अकैडमिक्स डॉ. राजेश के तिवारी, स्कूल प्रमुख डॉ. असीता कुलश्रेष्ठा, समन्वयक डॉ. संगीता बाजपेई व डॉ. मोनिका कांबोज आदि रहे।
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