केंद्र ने यूपी के पहले इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर को दी मंजूरी
Lucknow News - -इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनेगा उत्तर प्रदेश -क्लस्टर में हैवेल्स इंडिया लिमिटेड 50 एकड़ में

-539 करोड़ रुपये की लागत से 206 एकड़ में विकसित होगा कलस्टर
-केंद्र सरकार देगी 144.48 करोड़, यीडा 393.90 करोड़ रुपये
-1 जुलाई से शुरू होगी परियोजना, तीन वर्ष में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य
-मुख्यमंत्री की संकल्पना के अनुरूप प्रदेश में बढ़ते निवेश को देखते हुए वैश्विक स्तर की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं: आलोक कुमार
लखनऊ, विशेष संवादादता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री के प्रयासों से केंद्र सरकार ने ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास क्षेत्र (यीडा) में प्रदेश के पहले इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। क्लस्टर में हैवेल्स इंडिया लिमिटेड 50 एकड़ में 800 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और घरेलू उपकरणों का निर्माण करेगी।
इससे उत्तर प्रदेश निकट भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का हब बनकर उभरेगा। यहां के उत्पादों की धूम देश दुनिया में होगी। मुख्यमंत्री के प्रयासों से प्रदेश में इंडस्ट्री के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के निर्माण से प्रदेश न सिर्फ देश का तकनीकी शक्ति केंद्र बनेगा, बल्कि प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों युवाओं के नौकरी, रोज़गार के नए रास्ते भी खुलेंगे। केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी 2.0) योजना के तहत परियोजना का निर्माण किया जाएगा। इसमें ज्यादा से ज्यादा मोबाइल, कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाए जाएंगे, ताकि विदेशों में निर्यात को और बढ़ावा दिया जा सके।
केंद्र सरकार देगी 144 करोड़ रुपये
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर-10 में बनने वाले क्लस्टर को 539 करोड़ रुपये की लागत से 206 एकड़ ज़मीन पर विकसित किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार 144.48 करोड़ रुपये की मदद देगी और बाकी 393.90 करोड़ रुपये यीडा की ओर से खर्च किया जाएगा। कार्य एक जुलाई से शुरू होगा और तीन साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संकल्पना के अनुरूप प्रदेश में बढ़ते निवेश को देखते हुए वैश्विक स्तर की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक फैक्ट्री एरिया नहीं, बल्कि एक पूरी तकनीकी दुनिया होगी, जहां रेडी बिल्ट फैक्ट्री, मीटिंग हॉल, छात्रावास, बिजनेस सेंटर और स्किल ट्रेनिंग की सुविधाएं उपलब्ध होंगी यानी यहां काम करने वालों को काम के साथ-साथ रहने और सीखने की पूरी सुविधा मिलेगी।
ऑटोमोटिव और कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स पर विशेष फोकस
क्लस्टर में ऑटोमोटिव, कंज़्यूमर, मेडिकल, इंडस्ट्रियल, टेलीकॉम और हार्डवेयर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने की योजना है। इसके अलावा 176 रेडी-टू-यूज़ RCC फैक्ट्री शेड्स की सुविधा होगी। साथ ही, दो फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे जिनमें कुल 176 यूनिट्स होंगी ताकि छोटे और मध्यम उद्योगों को तुरंत निर्माण कार्य शुरू करने की सुविधा मिले सके।
युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना
युवाओं के लिए एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाया जाएगा जो स्थानीय युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण से जुड़ी ट्रेनिंग देगा। परियोजना परिसर में कन्वेंशन सेंटर और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स भी बनेगा। उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ईएमसी में बैंक, पोस्ट ऑफिस, प्राइमरी हेल्थ सेंटर और किराए के ऑफिस के लिए कॉमर्शियल बिल्डिंग तथा एक कन्वेंशन सेंटर प्रस्तावित है।
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