छह वर्ष की आयु की बाध्यता से प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के नहीं बढ़ रहे नामांकन
Lucknow News - लखनऊ में प्राइमरी स्कूलों में छह वर्ष की आयु की बाध्यता के कारण बच्चों का नामांकन नहीं बढ़ रहा है। शिक्षक बच्चों को घर-घर जाकर खोज रहे हैं, लेकिन निजी स्कूलों में दाखिला कराने की मजबूरी बढ़ रही है।...

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता छह वर्ष की आयु की बाध्यता की वजह से प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की नामांकन संख्या नहीं बढ़ पा रही है। शिक्षक बच्चों की नामांकन संख्या बढ़ाने के लिये शहर व ग्रामीण इलाकों में घर-घर बच्चों को खोज रहे हैं। स्कूलों से रोजाना एक व दो बच्चे बिना दाखिले के लौट रहे हैं। अभिभावक मजबूरी में इन बच्चों के दाखिले निजी स्कूलों में करा रहे हैं। निजी स्कूल नर्सरी, एल केजी व यू केजी में दाखिला आसानी से लेते हैं। शिक्षकों का कहना है कि उम्र में ढील नहीं दी गई तो इस बार छात्र संख्या और भी कम हो जाएगी। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने 28 मार्च 2025 को बीएसए को जारी आदेश में 31 जुलाई तक छह वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चों के कक्षा-एक में दाखिले के निर्देश दिये थे।
लखनऊ में 1618 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। अपर प्राइमरी स्कूलों में छठवीं में दाखिले के लिए बहुत से बच्चे आ रहे हैं। स्कूल वार 20 से 50 बच्चों के दाखिले हो गए हैं, लेकिन पहली कक्षा में औसतन 10 से 15 बच्चों के दाखिले हो पाए हैं। कुछ स्कूलों में यह संख्या में और भी कम है। जोन दो स्थित प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि पहली कक्षा में अभी तक सिर्फ 10 बच्चों के दाखिले हुए हैं। आठ बच्चों की आयु छह वर्ष पूरी होने में दो से तीन माह कम थी। इसलिए इन बच्चों को दाखिला नहीं दिया है। प्राइमरी स्कूलों में खुले आंगनबाड़ी केन्द्र में बाल वाटिका की कक्षाएं संचलित की जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी केन्द्र के बहुत से बच्चों की उम्र दो से तीन माह कम पड़ने की वजह से पहली कक्षा में दाखिले नहीं हो पा रहे हैं।
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