हर इंसान को अपने कर्मों का हिसाब देना पड़ेगा
Lucknow News - दो दिवसीय राधा स्वामी सत्संग शुरू, लाखों भक्त आश्रम पहुंचे मोहनलालगंज। संवाददाता दो दिवसीय राधा

दो दिवसीय राधा स्वामी सत्संग शुरू, लाखों भक्त आश्रम पहुंचे मोहनलालगंज। संवाददाता
दो दिवसीय राधा स्वामी सत्संग शनिवार से शुरू हो गया। आध्यत्मिक संत बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों के वचनों को सुनने और दर्शन के लिए लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ी। मोहनलालगंज स्थित राधा स्वामी सत्संग आश्रम में जुटे लोगों से बाबा ने संवाद किया और उनके सवालों का जवाब दिया। सत्संग स्थल पर बैठे भक्तों के बीच पहुंचकर बाबा गुरिंदर ने आशीर्वाद दिया। प्रवचन स्थल पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स और राधा स्वामी सत्संग व्यास से जुड़े वालेंटियर मुस्तैद रहे।
कर्मो का हिसाब सब को देना पड़ेगा
सत्संग कार्यक्रम में पहुंचे आध्यात्मिक गुरु ने श्रद्धालुओं के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा शांत की। एक भक्त ने पूछा कि क्या किसी संत से जुड़ जाने पर उसके बुरे कर्म समाप्त हो जाएंगे। इस पर उन्होंने कहा कि हर इंसान को अपने कर्मों का हिसाब देना पड़ेगा। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि आत्मा व परमात्मा एक है। एक भक्त ने पूछा कि ऐसा हो सकता है कि शरीर को न छोड़ना पड़े, इस पर उन्होंने कहा कि जन्म लेने वाले हर व्यक्ति को शरीर छोड़ना पड़ेगा। आज तक ऐसा कोई पैदा नहीं हुआ जिसने शरीर न छोड़ा हो।
इच्छाओं पर काबू रखें, खत्म नहीं होतीं
अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि परमात्मा हमें कभी अलग नहीं करता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार मां-बाप बेटे को प्यार करते हैं लेकिन पढ़ने के लिए अलग करते हैं, स्कूल भेजते हैं। माता-पिता तो बच्चों को कभी अलग नहीं करते बल्कि बच्चे ही मां-बाप को अलग कर देते हैं। आध्यत्मिक गुरु ने कहा कि इच्छाओं को काबू में रखना चाहिए, इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती।
मर्जी से शादी करें लेकिन मां-बाप की भी सुनें
नवयुवकों के अपनी मर्जी से शादी करने के सवाल पर कहा कि हम लोगों ने ही पहले बच्चों को आजादी दी। ठीक है बच्चे अपनी मर्जी से शादी करते हैं लेकिन बच्चों को अपने मां-बाप की बातें भी सुननी चाहिए क्योंकि मां-बाप काफी अनुभवी होते हैं। बच्चों को अपने मां बाप के अनुभवों को सुनना जरूर चाहिए।
बदले में कुछ मिलने की इच्छा सेवा नहीं
उन्होंने कहा कि परमात्मा हम लोगों से कुछ नहीं मांगता। सेवा भावना के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सेवा के बदले कुछ मिले तो वह सेवा नहीं होती। देने की भावना से हमें सेवा करनी चाहिए। सेंसेक्स से पैसे कमाने के प्रश्न पर कहा कि हमें मेहनत से पैसे कमाने चाहिए। जिनके पास जिस तरह से पैसे आता हैं उसी तरह से चला जाता हैं। लगभग एक घंटे के कार्यकम में आध्यात्मिक गुरु ने भक्तों के मन की जिज्ञासा शांत की। इसके बाद खुली गाड़ी में भक्तों के बीच जाकर दर्शन दिया।
दो लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे
आश्रम में लगभग दो लाख से ज्यादा की भीड़ पहुंची। आध्यात्मिक गुरु के प्रश्नों के उत्तर सुनने के बाद वहां मौजूद भक्तों ने आश्रम में बने लंगर में प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में आने वालों को कार्यक्रम के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
दोहरी जांच के बाद संत्संग तक पहुंचे भक्त
सत्संग स्थल तक मोबाइल फोन, स्मार्ट वाच ले जाने पर रोक है। जिसको जमा करने के काउण्टर बनाये गए है। सत्संग पंडाल के भीतर पहुचने से पहले लोगों की दो बार हैंड मेटल डिटेक्टर व जामा तलाशी ली गई।
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