शंकर पुरवा के 20 फुट गहरे एसटीपी में गिरे मासूम की मौत
Lucknow News - गायत्री पुरवा में एक दुखद हादसा हुआ जहां 8 वर्षीय बच्चा खेलते समय 20 फुट गहरे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में गिर गया। स्थानीय लोगों ने बच्चे को निकालने में मदद की, लेकिन उसे अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित...

शंकर पुरवा द्वितीय वार्ड स्थित गायत्री पुरम कॉलोनी में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। आठ वर्ष का मासूम बच्चा खुले 20 फुट गहरे एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) में गिर गया। हादसा अभिनव स्कूल के पास स्थित पार्क में बने एसटीपी में हुआ, जहां बच्चे रोज खेलते दिखते हैं। हादसे के बाद अफरातफरी मच गई। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे को निकाला। उसको गुड़ंबा सीएचसी ले जाया गया, जहां से सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। सिविल अस्पताल में दखते ही डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मूलरूप से बिहार के शिवहर जिले के हाजी टोला निवासी विजय राम परिवार के साथ पार्क के पास झोपड़ी बनाकर रहते हैं। विजयराम का 8 वर्षीय बेटा रीतेश पार्क में खेल रहा था। खेलते-खेलते वह एसटीपी की तरफ चला गया। अचानक वह एसटीपी में गिर गया। रीतेश के गिरने पर आसपास मौजूद बच्चों ने शोर मचाया। कुछ ही देर में स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को बाहर निकाला। तब तक अग्निशमन विभाग के कर्मचारी भी पहुंच गए। तुरंत गुडंबा सीएचसी पहुंचाया गया, जहां से सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सीएमस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे को मृत अवस्था में ही लाया गया था।
पार्षद प्रतिनिधि दीपक तिवारी ने बताया कि नगर निगम ने गायत्रीपुरम पार्क में करीब 4 करोड़ की लागत से 0.5 एमएलडी का छोटा एसटीपी बना रखा है। निर्माण के बाद से ही नगर निगम ने प्लांट की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। बेरीकेडिंग करानी न चेतावनी बोर्ड ही लगाया। कोई कर्मचारी भी तैनात नहीं किया।
पार्षद की चेतावनी को किया नजरंदाज
स्थानीय पार्षद शिवम उपाध्याय ने पहले ही नगर निगम सदन में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। उन्होंने बार-बार एसटीपी को कवर करने, वहां सुरक्षा गार्ड और ऑपरेटर तैनात करने की मांग की थी। लेकिन अधिकारियों ने उनके आग्रह को अनसुना कर दिया। कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया। पार्षद ने बताया कि उन्होंने पहले ही सदन में सवाल उठाया था, लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर अधिकारियों ने सुनवायी की होती तो बच्चे की जान नहीं जाती। पार्षद प्रतिनिधि दीपक तिवारी ने भी कई बार पत्राचार और मौखिक रूप से नगर निगम को इस एसटीपी की बदहाल स्थिति के बारे में चेताया था। उनका कहना है कि हर बार सिर्फ आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
रात को ही पार्क में ली थी परिवार ने शरण
रविवार की रात जब बच्चे के माता-पिता का मकान मालिक से विवाद हो गया था। इसके बाद परिवार अपना सामान समे कर पार्क में रहने आ गया था। सोमवार सुबह पिता मजदूरी के लिए निकल गया और बच्चा भाई के साथ पार्क के कोने में खेल रहा था। खेलते-खेलते बच्चा बाउंड्री वॉल से सटे एसटीपी की लगभग 4 फीट ऊंची लोहे की रेलिंग पर चढ़ गए और एसटीपी के टैंक में गिरने से दुर्घटना हो गई।
परिवार को दी जाएगी आर्थिक मदद
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि परिवार नियानुसार दैवी आपदा के तहत आर्थिक सहायता दी जाएगी। बच्चे के परिजनों से संपर्क किया गया है। निराश्रित परिवार को रैन बसेरे में आवासित किया जाएगा। नगर निगम पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करेगा। एक टीम बनाकर घटना के कारणों की जांच भी की जाएगी, ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न होने पाए।
वर्जन
शाम करीब 6:30 बजे पार्क में 0.5 एमएलडी एसटीपी के कंक्रीट टैंक में गिरने से बच्चे की दुखद मौत हुई है। एसटीपी टैंक के चारों तरफ 4 फीट ऊंची लोहे की रेलिंग लगाई गई है। बच्चा अपने भाई के साथ पार्क के कोने में खेल रहा था। बच्चों के माता-पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। कल ही उन्होंने मकान मालिक से झगड़े के बाद अपना सामान लेकर पार्क में शरण ली थी।
इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त
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