शंकरपुरवा में 20 फीट गहरे एसटीपी में गिरा मासूम, हालत गंभीर
Lucknow News - शंकरपुरवा के गायत्रीपुरम कॉलोनी में सोमवार को एक आठ वर्षीय बच्चा 20 फीट गहरे एसटीपी में गिर गया। बच्चे को निकालने में आधे घंटे लगे, उसकी हालत गंभीर है। स्थानीय पार्षद ने पहले ही सुरक्षा की मांग की थी,...

शंकरपुरवा द्वितीय वार्ड स्थित गायत्रीपुरम कॉलोनी में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। आठ वर्ष का एक मासूम बच्चा खुले पड़े 20 फीट गहरे एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) में गिर गया। हादसा अभिनव स्कूल के पास पार्क में बने एसटीपी में हुआ, जहां बच्चे रोज़ाना खेलते थे। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों की सूझबूझ से बच्चे को बाहर निकाला गया, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। स्थानीय निवासी व पार्षद प्रतिनिधि दीपक तिवारी ने बताया कि आठ वर्ष का रितेश पार्क में खेल रहा था। वह खेलते खेलते एसटीपी की तरफ चला गया। जिससे उसमें गिर गया। उसके गिरने पर आस पास के बच्चों ने शोर मचाया। जिससे भीड़ जुट गयी। काफी मशक्कत के बाद आधे घंटे बाद बच्चे को निकाला गया। घटना की सूचना पाकर बच्चे के परिवारीजन भी आ गए। वह भी यहीं पास में झोंपड़ी में रहते थे। यह एसटीपी गायत्री पुरम पार्क के भीतर स्थित है। इसका निर्माण करीब 4.50 करोड़ की लागत से किया गया था। निर्माण के बाद नगर निगम ने इस प्लांट की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। न तो इसके चारों ओर कोई बैरिकेडिंग की। कोई चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाया। कोई कर्मी भी नहीं तैनात किया।
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नगर निगम ने पार्षद की चेतावनियों को किया नजरअंदाज
स्थानीय पार्षद शिवम उपाध्याय ने पहले ही नगर निगम के सदन में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। उन्होंने बार-बार एसटीपी को कवर करने, वहां सुरक्षा गार्ड और ऑपरेटर तैनात करने की मांग की थी। लेकिन अधिकारियों ने उनके आग्रह को अनसुना कर दिया। कोई सुरक्षा का इंतजाम नहीं किया। पार्षद ने हिन्दुस्तान को बताया कि वह घटना से बहुत आहत हैं। क्योंकि उन्होंने पहले ही सदन में सवाल उठाया था। लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर अधिकारियों ने सुनवायी की होती तो मासूम की ऐसी स्थिति नहीं होती।
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जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता रहा निगम
स्थानीय पार्षद प्रतिनिधि दीपक तिवारी ने भी कई बार पत्राचार और मौखिक रूप से नगर निगम को इस एसटीपी की बदहाल स्थिति के बारे में चेताया था। उनका कहना है कि हर बार सिर्फ आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अगर पहले ही कार्रवाई हो जाती, तो आज एक मासूम की जान खतरे में नहीं होती।
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स्थानीय लोगों में भारी रोष
इस हादसे के बाद क्षेत्र में नगर निगम के प्रति जबरदस्त आक्रोश है। लोगों का कहना है कि सिर्फ योजनाएं बना देने से विकास नहीं होता, ज़मीनी स्तर पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। स्थानीय नागरिक अब जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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