फाइलेरिया का फैलाव परखने को होगा टास
Lucknow News - उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में अगले महीने फाइलेरिया के संचरण का पता लगाने के लिए ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे (टास) किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। सरकार ने...

-प्रदेश के 13 जनपदों में होगा ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे (टास) लखनऊ, विशेष संवाददाता।
प्रदेश के 13 जिलों में अगले महीने फाइलेरिया का संचरण जानने के लिए ट्रांसमिशन असेस्मेंट सर्वे (टास) होगा। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान इसे लेकर मंगलवार को संस्था सी-कैंप के सहयोग से स्थानीय होटल में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। निदेशक संचारी रोग डा. मधु गैरोला ने कहा कि सरकार ने साल 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसको लेकर हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करना है जिससे कि तयशुदा समय पर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
अपर निदेशक मलेरिया डा. एके चौधरी ने बताया कि टास गतिविधि से फाइलेरिया रोग का संचरण देखा जाता है। प्रदेश के 13 जनपदों में पहली बार टास होगा। इनमें प्री टास हो चुका है। पहली बार टास में जांच देश में बनी एंटीजन किट क्यू-फैट (फाइलेरिया एंटीजन टेस्ट) किट से की जाएगी जबकि अब तक यह जांच एफटीएस (फाइलेरिया टेस्टिंग सैंपल) किट से की जाती थी। यह किट बाहर से मंगानी पड़ती थी और इनकी लागत भी अधिक थी। इसमें गेट्स फाउंडेशन सहयोग कर रहा है।
डा. चौधरी ने बताया कि समुदाय में छह से सात साल के बच्चों में और स्कूलों में कक्षा एक और दो के बच्चों में टास किया जाएगा। इससे यह पता चलता है कि फाइलेरिया का नया संक्रमण हो रहा है या नहीं। डा. चौधरी ने बताया कि टास 13 जनपदों के 71 मूल्यांकन इकाइयों में चलेगा और एक इकाई पांच लाख की आबादी को कवर करेगी। एक टीम में तीन स्वास्थ्य कार्यकर्ता, दो शिक्षक और एक चिकित्सा अधिकारी होंगे। इस मौके पर जांच किट क्यू-फैट की जानकारी दी गई और इससे की जाने वाली जांच प्रक्रिया को प्रदर्शित करके दिखाया गया।
इन 13 जिलों में होगा टास
अम्बेडकर नगर, अयोध्या, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, मऊ, महोबा, पीलीभीत, शाहजहांपुर एवं सोनभद्र।
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