यूपी के नदी-जलाशयों की जलगुणता में 68 फीसदी सुधार
Lucknow News - उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने जल शुद्धता में 68.8% सुधार की घोषणा की है। 176 स्थानों पर परीक्षण के बाद, 120 स्थानों पर जल गुणवत्ता में सुधार देखा गया। प्रदेश में 152 एसटीपी में...

-यूपीपीसीबी ने 176 स्थानों पर किया परीक्षण, 120 स्थानों पर जल शुद्धता में हुआ सुधार -नमामि गंगे के तहत प्रदेश में स्थापित हैं 152 एसटीपी, जिसमें से 141 पूरी क्षमता से कर रहे हैं कार्य -यूपीपीसीबी की सख्त कार्यवाही, डिफाल्टर एसटीपी पर लगाया 11.79 करोड़ रुपये का जुर्माना लखनऊ, विशेष संवाददाता उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदेश की नदियों और जलाशयों की जलगुणता को बेहतर बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। यूपीपीसीबी ने प्रदेश की सभी नदियों और जलाशयों में जलगुणता की जांच रिपोर्ट में पाया कि यूपी में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में जल शुद्धता में 68.8 फीसदी का सुधार हुआ है।
वर्तमान में 152 स्थापित एसटीपी में से 141 एसटीपी पूरे मानक पर संचालित हैं। यूपीपीसीबी ने मानकों के आधार पर संचालित नहीं हो रहे एसटीपी पर सख्त कार्यवाही करते हुए लगभग 11.79 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यूपीपीसीबी ने प्रदेश की सभी नदियों और जलाशयों में जलगुणवता की जांच रिपोर्ट में पाया कि यूपी में वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में जलगुणता में 68.8 फीसदी का सुधार हुआ है। यूपीपीसीबी द्वारा वर्ष 2024 में 176 स्थानों पर किये गये परीक्षणों में से 120 स्थानों पर जल शुद्धता में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है। जो प्रदेश में जल शुद्धता के लिहाज से महत्वपूर्ण उपलब्धि कही जा सकती है। नमामि गंगे के तहत स्थापित हैं 152 एसटीपी, 141 पूरी क्षमता से संचालित प्रदेश की नदियों और जलाशयों की स्वच्छता के लिए विशेष अभियान चलाये जा रहे हैं। जिस क्रम में विशेष ध्यान जल शोधन संयत्रों और सीवेज ट्रीटेमेंट प्लांट (एसटीपी) के संचालन और उनकी कार्यक्षमता पर दिया गया है। अप्रैल 2025 की स्थिति के अनुसार प्रदेश में कुल 152 एसटीपी स्थापित हैं। इनमें से 141 एसटीपी संचालित हैं एवं 126 एसटीपी निर्धारित मानकों को पूरा कर रहे हैं। वर्तमान में 6 एसटीपी परीक्षण के दौर में हैं और 15 एसटीपी अभी अपनी पूरी क्षमता पर संचालित नहीं हैं। जो जल्द ही मानकों के अनुरूप संचालित होने लगेंगे। डिफाल्टर एसटीपी पर यूपीपीसीबी ने लगाया 11.79 करोड़ रुपये का जुर्माना यूपीपीसीबी ने मानकों का उल्लंघन करने वाले एसटीपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है। अक्तूबर 2022 से अप्रैल 2025 तक डिफॉल्टर एसटीपी पर कुल 11.79 करोड़ रुपये का पर्यावरणीय जुर्माना लगाया गया है। हालांकि इस अवधि में अभी तक केवल 7.30 लाख रुपये की ही वसूली हो सकी है, यूपीपीसीबी को जुर्माना वसूली प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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