शुरू होगी मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
Lucknow News - - समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से मांगा योजना का प्रस्ताव

लघु और सीमांत किसानों की आय में इजाफे और उनके आर्थिक सशक्तीकरण के लिए ‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना शुरू की जाएगी। सोमवार को समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से योजना का प्रस्ताव मांगा है। योजना के तहत किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों को सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री के सामने योजना की रूपरेखा रखी गई, जिसके बाद उन्होंने विभाग से प्रस्ताव मांगने के साथ ही योजना में नाबार्ड के साथ-साथ सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता बढ़ाने, शाखाओं का आधुनिकीकरण करने और किसानों को आसानी से ऋण मिलने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने सहकारी संस्थाओं की भूमिका अधिक प्रभावी बनाने के भी निर्देश दिए हैं। 24 बी-पैक्स केंद्रों पर 500-1000 टन के गोदाम बनेंगे मुख्यमंत्री ने भंडारण क्षमता बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें निजी क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इसके लिए उपयुक्त नीति बनाई जाए। पीसीएफ की कार्यप्रणाली सुधारी जाए और राइस मिलर्स का तत्काल भुगतान किया जाए। मुख्यमंत्री को बताया गया कि भंडारण क्षमता में इजाफे के लिए एआईएफ योजना से 375 गोदामों का निर्माण कर 37,500 मीट्रिक टन की क्षमता विकसित की गई है। वर्ष 2025-26 में 100 नए गोदामों का निर्माण प्रस्तावित है। देश की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के तहत 16 जिलों में 24 बी-पैक्स केंद्रों पर 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का प्रस्ताव है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक 1,060 गोदामों से 1,17,350 टन भंडारण क्षमता बढ़ाई गई है। बैंकिंग और गैर बैंकिंग रिक्तियां भरी जाएं मुख्यमंत्री ने सहकारी क्षेत्र में रिक्त बैंकिंग व गैर-बैंकिंग पदों पर जल्द भर्ती के लिए आईबीपीएस से चयन प्रक्रिया तेज करने को कहा है। उन्होंने कहा कि इससे सहकारी संस्थाओं की कार्यक्षमता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा। एम-पैक्स समितियों की व्यावसायिक गतिविधियों के बारे में मुख्यमंत्री को बताया गया कि इन्हें पीडीएस, जन औषधि, सीएससी, पीएम किसान सम्मान केंद्र और एमएसपी जैसी गतिविधियों से जोड़ा गया है। पहले चरण में 1,539, दूसरे चरण में 1,523 और तीसरे चरण में 2,624 एम-पैक्स समितियों को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। साइबर सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड व राज्य के 50 जिला सहकारी बैंकों को नाबार्ड के सीबीएस क्लाउड प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है। दिया उपलब्धियों का ब्योरा अधिकारियों ने सहकारिता विभाग की उपलब्धियां मुख्यमंत्री से साझा कीं। उन्हें बताया गया कि यूपी कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का ऋण वितरण वर्ष 2017 के 9,190 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2025 में ₹23,061 करोड़ तक पहुंच गया है। शुद्ध लाभ ₹100.24 करोड़ हो गया है। जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यवसाय ₹28,349 करोड़ से बढ़कर ₹41,234 करोड़ हो गया है और शुद्ध लाभ ₹162 करोड़ दर्ज किया गया। बीते आठ साल में फसली ऋण ₹11,516 करोड़ व दीर्घकालिक ऋण ₹393 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उर्वरक वितरण 34.45 लाख टन, धान खरीद 25.53 लाख टन और दलहन-तिलहन खरीद 1.94 लाख टन रही।
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