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पारा चढ़ने से डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे लोग, बढ़े मरीज

Maharajganj News - महराजगंज में बढ़ते तापमान के कारण लोग तेजी से डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल में डायरिया और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। हीट वेव कक्ष में सात मरीज भर्ती हैं, जिन्हें ड्रिप से...

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजFri, 25 April 2025 04:20 AM
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पारा चढ़ने से डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे लोग, बढ़े मरीज

महराजगंज, निज संवाददाता। हर रोज बढ़ रहे तापमान से लोगों का स्वास्थ्य तेजी से प्रभावित हो रहा है। बहुत जल्द लोग डिहाइड्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। इतना ही नहीं डायरिया और बुखार से भी पीड़ित हो जा रहे हैं। इसकी तस्दीक जिला अस्पताल पहुंचे मरीज कर रहे हैं। तीन दिन में बड़ी संख्या में डिहाइड्रेशन पीड़ित इलाज के लिए पहुंच चुके हैं। हीट वेव कक्ष में सात पीड़ितों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

मंगलवार से तापमान 40 प्लस डिग्री सेल्सियस हो गया है। गुरुवार को गर्मी चरम पर रही। हर दिन बढ़ रहे तापमान से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो रही है। पानी की कमी से जूझ रहे सात पीड़ितों को जिला अस्पताल के हीट वेव कक्ष में भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। इन पीड़ितों की शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए ड्रिप पर रखा गया है।

इतना ही बदले मौसम में उल्टी-दस्त के साथ बुखार के भी पीड़ितों में इजाफा हो गया है। इससे जिला अस्पताल का सभी वार्ड फुल होने के साथ ही आईसीयू वार्ड ओवरलोड हो गया है। एक बेड पर दो-दो मासूमों को भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है।

डायरिया से डिहाइड्रेशन होने की आशंक अधिक:

जिला अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ. एवी त्रिपाठी ने बताया कि बदले मौसम में बहुत जल्द लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित हो जा रहे हैं। उल्टी-दस्त होने से दस्त शरीर से तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स निकल जाते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन होने की आशंका अधिक हो जाती है।

डिहाइड्रेशन के लक्षण:

शरीर में पानी की होने पर पीड़ित को प्यास लगना, मुंह सूखना, कम पेशाब आना, गहरे रंग का पेशाब, सिरदर्द, पसीना कम होना, भूख न लगना, थकान और चक्कर आना। बीमारी गंभीर होने पर तेज हृदय गति, लो रक्तचाप, भ्रम और बेहोशी भी हो सकती है।

डिहाइड्रेशन से बचने के उपाय:

पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। ओआरएस युक्त पानी पीएं। अधिक पसीना न बहाया जाय। इसके लिए व्यायाम कम करें।

आईसीयू ओवरलोड:

जिला अस्पताल में बीमारी से गंभीर मासूम पीड़ितों त्वरित इलाज देने के लिए 31 बेड का आईसीयू वार्ड संचालित है। पांच बेड वाले कक्ष को इंसेफेलाइटिस पीड़ितों के लिए सुरक्षित किया गया है। 26 बेड पर 35 पीड़ित मासूम भर्ती हैं। इनमें सबसे अधिक उल्टी-दस्त और बुखार से पीड़ित शामिल हैं।

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