Nationwide Mock Drill Ensures Civilian Safety Amid Indo-Pak Tensions भारत-पाक युद्ध के दौरान 44 साल पहले सायरन बजने के बाद क्षेत्र में हुआ था ब्लैक आउट, Maharajganj Hindi News - Hindustan
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भारत-पाक युद्ध के दौरान 44 साल पहले सायरन बजने के बाद क्षेत्र में हुआ था ब्लैक आउट

Maharajganj News - महराजगंज में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आज राष्ट्रव्यापी मॉकड्रिल होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन...

Newswrap हिन्दुस्तान, महाराजगंजWed, 7 May 2025 08:33 AM
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भारत-पाक युद्ध के दौरान 44 साल पहले सायरन बजने के बाद क्षेत्र में हुआ था ब्लैक आउट

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। पहलगाम में 26 पयर्टकों की हत्या के बाद युद्ध जैसे बनते हालात में 1971 के बाद इंडो-नेपाल से जुड़े गोरक्षभूमि में आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रभावी तैयारी के आंकलन के लिए आज राष्ट्रव्यापी मॉकड्रिल होगी। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जिला प्रशासन व पुलिस महकमा मॉकड्रिल के लिए बैठक कर रणनीति बनाई। मॉकड्रिल के फरमान से 44 साल पहले जिले में हुई ब्लैक आउट की घटनाएं ताजा हो गई हैं। बुजुर्गों के सामने इतिहास खुद को फिर से दुहराएगा। नौतनवा तहसील क्षेत्र के सोंधी गांव निवासी डॉ. ओमप्रकाश चौधरी बताते हैं कि वर्ष 1991 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ब्लैक आउट की घटना अभी भी उनके जेहन में है।

तब महराजगंज गोरखपुर जिले का हिस्सा था। अचानक सायरन बजने लगा। उसके बाद ब्लैक आउट हो गया। तब संचार व्यवस्था इतना व्यापक नहीं था। सायरन बजने के बाद ब्लैक आउट होने से कुछ देर के लिए लोग सहम गए थे। पर, प्रशासन ने यह संदेश प्रसारित कराया था कि सायरन बजने व ब्लैक आउट की घटना से यह संदेश दिया गया कि किसी भी हमले या विपरीत स्थिति में कैसे खुद को बचाया जाए? लक्ष्मीपुर क्षेत्र के बरगदवा अयोध्या निवासी धर्मराज दूबे ने बताया कि सायरन बजने के बाद ब्लैक आउट वाला दिन अब भी नहीं भूला है। उनका कहना है कि बार्डर पर लड़ाई के दौरान देश के अंदर नागरिकों की सुरक्षा भी युद्ध के दौरान सरकार के लिए सर्वोपरि रहती है। धर्मराज दूबे बताते हैं कि ब्लैक आउट क्यों हुआ है इस वजह की जानकारी दूसरे दिन हो पाई। अब संचार की हाईटेक व्यवस्था है। गृह मंत्रालय के आदेश के कुछ ही मिनट बाद देश के अंतिम छोर पर भारत-नेपाल सीमा से सटे महराजगंज जिले में घर-घर यह जानकारी पहुंच गई है कि बुधवार को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल होगी। सरकार के लिए नागरिकों का सुरक्षा इंतजाम भी अहम है। समरधीरा निवासी प्रभुलाल ने बताया युद्ध से पहले तैयारी व लोगों की सुरक्षा व्यवस्था परखने के लिए ब्लैक आउट हुआ था। रात में नहीं जलती थी लाइट, एकजुट था पूरा देश नगर पंचायत आनन्द नगर के वार्ड नंबर 15 विकास नगर निवासी 88 वर्षीय द्वारिका गिरी ने 1971 के ब्लैक आउट घटना को लेकर बताया कि इतना याद है कि देश की सेना युद्ध की तैयारी में थी। यह अंदेशा था कि कभी भी युद्ध हो सकता है। रात होते ही लोग अपने घरों की लाइट बुझा देते थे। पूरा देश एकजुट था। लोगों में एक अलग ही जज्बा था। मंदिर-मस्जिद में होती थी विशेष पूजा व दुआ नगर पंचायत आनन्द नगर के मां विंध्यवासिनी नगर धानी ढाला निवासी निवासी श्रीराम गुप्ता की उम्र 95 है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके श्रीराम गुप्ता बताते हैं कि युद्ध के आगाज के बाद लोगों में सुरक्षा को लेकर फिक्र था, पर लोग सरकार के दिशा निर्देश का पालन करते थे। युद्ध में विजय के लिए मंदिर व मस्जिद में विशेष पूजा व दुआ होती थी। मॉकड्रिल से तैयारियों का पता चलेगा भारत-पाक तनाव के बीच बुधवार को होने वाले देश व्यापी मॉक ड्रिल पर भारत-पाकिस्तान युद्ध लड़ चुके सैनिक ग्राम उदितपुर के फौजियों ने डिफेंस सेफ्टी का टिप्स दिया। कहा कि युद्ध के दौरान सावधानी व सुरक्षा के मुद्दे विशेष अहमियत रखते हैं। मॉक ड्रिल से यह जानकारी सामने आ जाएगी कि तैयारियों की क्या स्थिति है? भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 और 1971 का युद्ध लड़ चुके सैनिक ग्राम उदितपुर निवासी सु. मेजर एस बी गुरुंग ने बताया मार्क ड्रिल के दौरान लोगों को शासन-प्रशासन के दिशा निर्देश का पालन करना चाहिए। यह बेहद जरूरी है। सायरन बजते ही डिफेंस सेफ्टी के उपायों पर अमल करना चाहिए। इसी गांव के निवासी सेवानिवृत्त कैप्टन मान सिंह गुरुंग ने बताया वह 1962 में चीन के युद्ध मे 22 दिन गायब थे। बह्मपुत्र नदी से नागालैड के रास्ते बाकडोजरा शिल्लीगुड़ी पहुंचे थे। कैप्टन मान सिंह गुरूंग ने 1962 के युद्ध के अलावा भारत-पाक युद्ध 1965 व 1971 में लड़ाई लड़ी थी। यह दो देशों की बात है। जैसी स्थिति व परिस्थिति होगी उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा। अपनी सुरक्षा के साथ देश की सुरक्षा भी जरूरी है। जो भी सेना व संबंधित अधिकारी निर्णय लेंगे उसका पूरा सपोर्ट किया जाएगा। एनसीसी थर्ड लाइन में है। सेना के बाद जरूर पड़ी तो एनसीसी भी तैयार खड़ी है। अखिलेश्वर राव, मेजर एनसीसी देश की रक्षा व नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्काउट गाइड हर मोर्चे पर तैयार हैं। स्काउट गाइड को इसी लिए तैयार किया गया है वह जरूरत पड़ने पर देश व देशवासियों के काम आ सकें। जहां ड्यूटी लगेगी या जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे पूरी देशभक्ति के साथ तन, मन और धन से निभाया जाएगा। संजय कुमार मिश्र, स्काउट-गाइड

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