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विश्व होम्यापैथिक दिवस : मथुरा में होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रति बढ़ा रुझान

Mathura News - मथुरा में होम्योपैथिक चिकित्सा का लाभ लेने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल की होम्योपैथी ओपीडी में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि निजी चिकित्सकों के पास भी मरीजों की भीड़ है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मथुराThu, 10 April 2025 03:04 AM
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विश्व होम्यापैथिक दिवस : मथुरा में होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रति बढ़ा रुझान

मथुर। काफी संख्या में मरीज अब होम्योपैथिक चिकित्सा का लाभ ले रहे हैं। इस दवा से लाभ मिलने में समय कुछ अधिक जरूर लगता है लेकिन इसका लाभ लेने वालों की संख्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल की होम्योपैथी ओपीडी में जहां मरीजों की संख्या बढ़ी है, वहीं निजी चिकित्सकों के यहां भी मरीज बढ़ रहे हैं। राजकीय चिकित्सालयों में होम्योपैथी चिकित्सा सेवा लेने के लिए प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। कुछ केन्द्रों पर मरीजों की संख्या अधिक है। वर्तमान में चर्म रोग, वायरल, पथरी आदि के मरीज अधिक आ रहे हैं। पथरी, चर्म रोग, जोड़ों का दर्द, जुकाम-खांसी, महिलाओं में मासिक धर्म की समस्या आदि बीमारियों की दवा लेने लोग होम्योपैथि चिकित्सक के यहां पहुंच रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार अप्रेल 22 से मार्च 23 (करीब एक वर्ष में) सरकारी चिकित्सालयों में 1 लाख 70 हजार 892 मरीज एवं 23-24 में 1 लाख 67 हजार 757 मरीज देखे गए। 24-25 में 1 लाख 57 हजार 404 मरीज उपचार को पहुंचे। सरकारी चिकित्सालय में मरीज घटे हैं लेकिन निजि चिकित्सकों के यहां यह संख्या बढ़ी है। सरकारी चिकित्सकों में मरीजों की संख्या कम होने का कारण सरकारी चिकित्सकों की संख्या कम होना रहा। जिला अस्पताल में होम्योपैथिक सेवा लेने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। बरसाना एवं नैनूपट्टी में भी अधिक मरीज पहुंचे।

मथुरा में 12 चिकित्सक दे रहे सेवाएं, फार्मासिस्टों की कमी

मथुरा में 12 सरकारी होम्योपैथिक चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। चार फार्मासिस्ट तैनात हैं। शासन से यहां चिकित्सकों एवं फार्मासिस्ट और मांगे गए हैं, जिससे मरीजों को और बेहतर सेवाएं मिल सके।

चार केन्द्रों पर नहीं चिकित्सक

मथुरा के चार केंद्रों वृंदावन, छटीकरा, झरौठा एवं कोसीकलां पर होम्योपैथिक चिकित्सालयों में चिकित्सक नहीं हैं। यहां अस्थाई व्यवस्था के तहत संचालन हो रहा है।

सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर शिफ्ट हुए राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय

जिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट परिसर, छटीकरा, जैंत, नैनू पट्टी, बरसाना, कोसीकलां, नौगांव, दलौता, नौहझील, बेरा, जाबरा, वृंदावन, अनौड़ा, झरौठा, रैपुरा जाट में चिकित्सालय संचालित हैं। यह केन्द्र नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर शिफ्ट हो गए हैं।

मथुरा में 150 होम्योपैथिक निजी चिकित्सक

सरकारी आंकड़ों के अनुसार मथुरा में करीब 150 होम्योपैथिक निजी चिकित्सक भी मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं। इन चिकित्सकों के पास भी अच्छी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।

होम्योपैथिक दवा पुरानी बीमारियों जैसे अस्थमा, गठिया, माइग्रेन, सिरदर्द, पुराना जुकाम, पथरी, गांठ, वायरल आदि में अधिक लाभकारी है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। अब होम्यापैथी में नई-नई दवाएं भी आ गई हैं, जिसके परिणाम जल्द आते हैं।

-डा. आयुषी गौड़

ब्रजवासियों का होम्योपैथी चिकित्सा के प्रति रुझान बढ़ रहा है। सभी बीमारियों में होम्योपैथी दवा कारगर है। खांसी, जुकाम, बुखार के मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। असाध्य रोगों में भी यह दवा फायदेमंद है।

-डा. पीयूष भटनागर

वर्तमान में सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं। होम्योपैथिक दवा तुरंत लाभ कर रही है। परामर्श के बाद मरीजों को दवाएं उचित निर्धारण में दी जाएं तो वह निश्चित कारगर है। हीटवेव से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवा कारगर है।

-डा. संजय गौड़

सरकारी केन्द्रों पर मरीजों का उपचार चिकित्सक कर रहे हैं। मरीजों की संख्या बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। होम्योपैथिक चिकित्सा बीमारी को जड़ से समाप्त करने में भी सक्षम है।

-डा. राकेश कुमार जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी, मथुरा

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