बोले मथुरा: शिक्षकों को शिक्षक ही रहने दो, क्लर्क न बनाओ सरकार
Mathura News - बोले मथुरा-माध्यमिक शिक्षकों का कहना है कि लेखाधिकारी कार्यालय के बाबुओं की मनमानी के कारण शिक्षकों

माध्यमिक शिक्षकों का कहना है कि लेखाधिकारी कार्यालय के बाबुओं की मनमानी के कारण शिक्षकों का वेतन हर माह कोई न कोई बहाना लगाकर 10 से 12 तारीख तक जारी किया जाता है। अनेक शिक्षकों के लोन की ईएमआई समय पर जमा न होने से उनका सिविल खराब हो जाता है। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में माह की पहली तारीख को वेतन का भुगतान हो जाता है।
इसके साथ ही शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ साथ उन्हें दूसरे अन्य कामों में भी लगाया जाता है। रविवार की छुट्टी के दिन भी उनसे बीएलओ का कार्य कराया जाता है। इसके एवज में उन्हें छुट्टी भी नहीं मिलती है। शासन द्वार पारस्परिक स्थानांतरण हेतु समय सारिणी जारी तो की जाती है, लेकिन उसका पालन नहीं किया जाता। सामान्य स्थानांतरण पर विगत साथ वर्षों से रोक लगाई हुई है। वर्षों से शिक्षक रिक्ति के सापेक्ष सामान्य स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं। शासन को शीघ्र ही सामान्य स्थानांतरण प्रक्रिया प्रारंभ करनी चाहिए।
सरल बने अवकाश की प्रक्रिया:शासन द्वारा शिक्षकों के अवकाश की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी करने के लिए मानव संपदा पोर्टल से अवकाश स्वीकृत की व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर अवकाशों को बेवजह लंबित रख कर शिक्षकों को परेशान किया जाता है। चिकित्सीय अवकाशों को जानबूझ कर वेतन लॉक करने की तिथि तक रोक कर रखा जाता है। इससे शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
निगम बनने के बाद भी पालिका का भत्ता:चयन वेतनमान प्राप्त शिक्षकों को 20 प्रतिशत कोटा के तहत 12 वर्ष बाद प्रोन्नत वेतनमान देने का प्रावधान है। परंतु कई वर्षों से जनपद में प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत नहीं किए जा रहे। मथुरा-वृंदावन नगर पालिका परिषद को मिलाकर वर्ष 2017 में नगर निगम बनाया गया, लेकिन 8 वर्ष बाद भी शिक्षकों को नगर पालिका परिषद की पुरानी दर से ही मकान किराए भत्ते का भुगतान किया जा रहा है। इससे विगत आठ वर्षों से हर माह शिक्षकों को 2810 रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है। शासन को शीघ्र नगर निगम का मकान किराया भत्ता स्वीकृत करना चाहिए। शासन द्वारा शिक्षकों के एरियर भुगतान के लिए ऑनलाइन व्यवस्था लागू की गई। परंतु लेखा आफिस के बाबुओं की मनमानी से ये व्यवस्था भी धराशाई हो चुकी है। बाबुओं की मनमानी की वजह से बिना कारण के एरियर रोके जा रहे हैं।
उपार्जित अवकाश की मांग की जा रही अनसुनी
मथुरा। शिक्षक एक वर्ष में 30 उपार्जित अवकाश देने की मांग वर्षों से करते आ रहे है। परंतु शासन उनकी मांग पर कोई गौर नहीं कर रहा है। वर्ष भर में 14 आकस्मिक अवकाश घर परिवार, शादी समारोह आदि के लिए नाकाफी साबित होते हैं। हाफ सीएल देने को मांग भी शिक्षक कई वर्षों से करते आ रहे हैं। ऐसे में यदि किसी शिक्षक को घर पर एक घंटे का आवश्यक कार्य है, तो उसे मजबूरन पूरे दिन का आकस्मिक अवकाश लेना पड़ता है। शिक्षकों की मांग है कि शासन को शिक्षकों के लिए हाफ सीएल के लिए कोई व्यवस्था करनी चाहिए।
बीएलओ के काम से प्रभावित होता है शिक्षण
माध्यमिक के शिक्षकों का कहना है कि एक विद्यालय से दो से तीन शिक्षकों को बीएलओ कार्य के लिए नियुक्त कर दिया जाता है। अन्य विभाग के कर्मचारियों को बीएलओ कार्य से बचाया जाता है, इसका सीधा असर शिक्षण कार्य पर होता है। बीएलओ कार्य को लेकर न्यायालय के आदेश का अनुपालन भी नहीं किया जा रहा है। न्यायालय के आदेश के अनुसार अंतिम विकल्प के रूप में ही शिक्षकों से बीएलओ का कार्य लिया जाना चाहिए।
शिक्षण कार्य के अलावा शिक्षकों पर थोपे जा रहे विभिन्न कार्यों से शिक्षकों को मुक्त किया जाना छात्रों के हित में है। जिससे शिक्षक पूर्ण मनोयोग से प्रत्येक बच्चे को निपुण बना सकें। इससे शिक्षकों को शीघ्र से शीघ्र मुक्ति मिलनी चाहिए।
-मुकुलकांत उपाध्याय
मथुरा-वृंदावन नगर पालिकाओं को मिलाकर वर्ष 2017 में नगर निगम बनाया गया परन्तु 8 वर्ष बाद भी शिक्षकों को नगर पालिका की पुरानी दर से मकान किराए भत्ते का भुगतान हो रहा है। हर माह शिक्षकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
-कुलदीप सारस्वत
प्रदेश के आठ आकांक्षी जनपदों में नियुक्त शिक्षकों को भी स्थानांतरण का लाभ मिलना चाहिए। वहां तैनात महिलाओं को भी अपने गृह जनपद में स्थानांतरित होकर आने का मौका दिया जाना चाहिए। वह वर्षों से अपने घर से दूर हैं।
-जय कुमार शर्मा
शिक्षकों का प्रमोशन एक ज्वलंत मुद्दा है। वर्षों से शिक्षकों के प्रमोशन की प्रक्रिया रुकी पड़ी है। जनपद के अधिकाशं विद्यालयों में इंचार्ज अध्यापकों से प्रधानाध्यापक का कार्य लिया जा रहा है। शीघ्र शिक्षकों का प्रमोशन करना चाहिए।
-राजकुमार शर्मा
शिक्षक बड़ी मेहनत से विद्यालय को संवारता है। उसमें विभिन्न सुविधाओं की स्थापना के लिए अनेकों प्रयास करता है, लेकिन विद्यालय की छुट्टी के बाद असामाजिक तत्व उन सुविधाओं को नष्ट कर देते हैं। उपकरणों की चोरी कर लेते हैं।
-गौरव तिवारी
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