अफसरों ने योजनाएं बताईं, व्यापारियों ने समस्याएं
Meerut News - मेरठ में बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन ने ज्वैलर्स और जीएसटी अधिकारियों की बैठक आयोजित की। बैठक में जीएसटी की दर में कमी की मांग की गई और व्यापारियों से ईमानदारी से टैक्स अदायगी करने की अपील की गई।...

मंदिर महादेव सर्राफा बाजार में मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसो. द्वारा ज्वैलर्स एवं जीएसटी अधिकारियों की बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई। वहीं, राज्यकर विभाग कार्यालय में एसजीटीएस अफसरों ने मिठाई व्यापारियों के साथ बैठक की और राजस्व लक्ष्य पूरे करने में सहयोग देने की अपील की। कहा कि टैक्स चोरी न करें, बल्कि ईमानदारी से बिक्री पर टैक्स अदायगी करें। एसोसिएशन महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल ने ज्वेलरी पर जीएसटी की दर तीन फीसदी से घटाकर एक फीसदी किये जाने की मांग उठाई। उपाध्यक्ष संदीप अग्रवाल ने व्यापारियों को अपडेटेड जानकारी देने के लिए समय-समय पर ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने एवं हेल्पलाइन सुविधा की मांग की।
मंगलपांडेनगर स्थित राज्य कर भवन में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 आरपी मल्ल ने एसआईबी टीमों के प्रभारियों और अन्य विभागीय अफसरों की मौजूदगी में मिठाई व्यापारियों के साथ बैठक की। व्यापारियों से राजस्व लक्ष्य पूरे करने में सहयोग मांगा। कहा कि ईमानदारी से बिक्री पर टैक्स अदा करें। सर्राफा व्यापारियों के साथ बैठक में एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 हरिराम चौरसिया, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 एसआईबी रविराज प्रताप मल्ल, संयुक्त आयुक्त राजकुमार त्रिपाठी, उपायुक्त संजय सिंह, दिनेश चौरसिया, ममता यादव, अपर आयुक्त अंकिता एवं भारतेंदु मोहन मिश्रा रहे। संचालन विजय आनंद अग्रवाल ने किया। नरेश माहेश्वरी, अंकित जैन, अमित अग्रवाल, प्रणव बंसल आदि व्यापारियों ने अधिकारियों को समस्याओं से अवगत कराया। अपर आयुक्त ग्रेड-1 हरिराम चौरसिया ने कहा कि विभाग से संबंधित समस्या है तो सेक्टर अधिकारी से संपर्क करें। समाधान नहीं होता है तो मुझसे संपर्क करें। संयुक्त आयुक्त राजकुमार त्रिपाठी ने व्यापारियों से अपील की जीएसटी पोर्टल पर अपनी फर्म के रजिस्ट्रेशन के समक्ष अपना ईमेल आईडी एवं अपना मोबाइल नंबर अपडेट करें। एसजीएसटी अफसरों ने कहा कि ऐसे व्यापारियों जिनका जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन नहीं है उनसे आह्वान किया वह जीएसटी में अपना रजिस्ट्रेशन अवश्य कराएं। विभाग की ओर से व्यापारी दुर्घटना योजना के तहत सभी रजिस्टर्ड व्यापारियों का 10 लाख तक का बीमा कराया जाता है। जो रजिस्टर्ड व्यापारी कई वर्षों से जीएसटी नहीं दे रहे हैं अर्थात निल टैक्स की रिटर्न भर रहे हैं, ऐसे व्यापारियों की जांच कराएंगे। ऐसे कर सकते हैं फर्जी रजिस्ट्रेशन की जानकारी उपायुक्त दिनेश चौरसिया ने व्यापारियों को बताया कि gst.gov.in पर लॉगिन कर किसी भी व्यापारी का जीएसटी नंबर डालकर उसके बारे में सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पता लगा सकते हैं कि फर्म वास्तव में जीएसटी में रजिस्टर्ड है या नहीं। यह रहे मौजूद : बैठक में मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसो. संरक्षक राजेंद्र कुमार जैन, रवि प्रकाश अग्रवाल, अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल, महामंत्री विजयआनंद अग्रवाल, उपाध्यक्ष शम्मी सपरा, मंत्री कोमल वर्मा, विपिन अग्रवाल, नरेश महेश्वरी, अंकित जैन, बलराम जौहरी, राकेश पप्पी रहे।
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