बोले मेरठ : जिन मांओं ने सरहद पर भेजे सपूत उनका हो सम्मान
Meerut News - मेरठ। मां की ममता और चिंता का दर्द उन माओं का होता है जिनके बेटे सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं। मदर्स डे पर, 'हिन्दुस्तान बोले मेरठ' की टीम ने इन माओं की पीड़ा को उजागर किया। हर दिन मां अपने बेटे की...
मेरठ। बच्चा जब जन्म लेता है तो उसे सबसे पहला स्पर्श उसकी मां का मिलता है। मां की ममता, उसकी दुआएं, उसका दुलार, सब कुछ उस बच्चे की दुनिया बन जाते हैं। जब बच्चा बड़ा होकर फौजी बनता है तब मां को गर्व तो होता है, लेकिन चिंता और बेचैनी, हर पल मां को सताती है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति के समय एक मां की पीड़ा को शब्दों में बयां करना बेहद कठिन है। उन माओं को सलाम करती बोले मेरठ की एक कोशिश, जिनके बेटे सरहद पर देश की रक्षा में डटे हैं। एक मां रोजाना अपने बेटे की सलामती के लिए दुआ में हाथ उठाती है, रात में उसकी आवाज सुनने के इंतजार में आंखें खुली रखती है।
स्थिति अगर सरहद पर युद्ध जैसी स्थिति की हो तो मां को ना दिन में चैन मिलता है और ना ही रात में नींद आती है। ऐसा ही हाल उन मां का है, जिनके बेटे सरहद पर देश की रक्षा में बंदूक लेकर खड़े हैं। हिन्दुस्तान बोले मेरठ की टीम ने मदर्स डे पर उन माओं के दिल तक पहुंचने का प्रयास किया, जिनके बेटे सरहदों पर देश की सुरक्षा में जुटे हैं। साथ ही उनके लिए आमजन क्या सोचता है, यह संवाद के जरिए जाना। आंखों में आंसू लिए मंजू गुप्ता कहती हैं कि जिसका बेटा देश की सेवा कर रहा है, उनके दिल की व्याकुलता वही समझ सकती हैं। उस मां की आंखों में गर्व की चमक तो दिखेगी, लेकिन दिल में सवाल भी रहता है, क्या वो ठीक है, क्या उसने खाना खाया होगा, कहीं गोलियां तो नहीं चल रही होंगी? पड़ोसी से तनाव के बीच बढ़ी चिंता पहलगाम आतंकी हमले में कई महिलाओं का सिंदूर आतंकवादियों ने मिटा डाला। इनके खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। भारत ने पाकिस्तान को उसके किए की सजा दी और आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। सरहद पर खड़े सैनिकों की मांओं के लिए सरोज मांगलिक का कहना है कि ऐसी माओं को सलाम, जिनके बेटे हमारी रक्षा के लिए सरहद पर खड़े हैं। ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया गया है। लेकिन उन मांओं की चिंता बढ़ गई है, जिनके बेटे सरहद पर तैनात हैं। हे भगवान! बेटे को सही सलामत रखना शालिनी अग्रवाल, तारा देवी, प्रभा विश्नोई, विमला गुप्ता, नेहा गोयल कहती हैं कि उन मांओं को दिल से सलाम है जिनके बेटे देश सेवा में लगे हैं। उनकी वजह से आज हम सुरक्षित हैं। उन मांओं का कोटि-कोटि धन्यवाद जिन्होंने ऐसे सपूतों को जन्म दिया। उन माओं का क्या हाल होता है जब टीवी पर ‘सीमा पर तनाव, ‘फायरिंग, ‘जवान शहीद जैसे शब्द सुनाई देते हैं। यह सुनकर मां की सांसें थम जाती हैं। वो बार-बार बेटे की तस्वीर को निहारती है, फिर भगवान के सामने सिर झुकाकर बस यही दुआ करती हैं, 'हे भगवान, मेरे बेटे की रक्षा करना। उसे सही सलामत रखना।' हर मां की यही पुकार होती है, चाहे वो भारत की हो या पाकिस्तान की। दोनों देशों की सरहदें अलग हों, लेकिन मां के आंसुओं की भाषा एक जैसी होती है। जब बम गिरते हैं, गोलियां चलती हैं, तब सबसे पहले एक मां की ममता चित्कार उठती है। दुआओं की दीवार पर टिकी मां की उम्मीद नीरज भारद्वाज, मधु शर्मा और कविता गोयल का कहना है कि एक मां की दुआ में बहुत ताकत होती है। वो हर बार अपने आंचल को फैलाकर अपने लाल की हिफाजत की दुआ मांगती है। उसके आंसू, उसकी प्रार्थनाएं, सब कुछ उस एक उम्मीद पर टिका होता है कि अगली छुट्टी पर उसका बेटा दरवाजे पर खड़ा होगा, मुस्कुराता हुआ कहेगा, मां, मैं आ गया। डॉ. शैली गुप्ता और डॉ. रश्मि बंसल का कहना है कि आज जब हम राष्ट्र की सुरक्षा और फौज की बहादुरी की बात करते हैं तो उन मांओं को भी याद रखना चाहिए जो हर दिन अपने बेटे की सलामती के लिए लड़ रही होती हैं। अकेले, चुपचाप, पर पूरे विश्वास के साथ। शांति की कामना सिर्फ सैनिक ही नहीं करते, उनकी मां उससे कहीं ज्यादा करती हैं। कहते हैं कि एक मां की दुआ, हर सरहद से ऊंची होती है। सैनिकों की मां बोली..... भगत सिंह को आदर्श मानता है बेटा, हर वक्त करती हूं दुआ मेरा बेटा आर्मी में मेजर है। वह भगत सिंह को आदर्श मानता है। वह अपनी डयूटी पर है। दस दिनों से बात नहीं हुई है। अब आंखों में बेटे का चेहरा है और दिल में उसकी सलामती की मन्नतें। तनाव की स्थिति से पहले बेटे से बात हुई तो उसने बस इतना कहा था कि परेशान मत होना, मैं खुद फोन करूंगा। अब हर दिन मंदिर में उसके मेडल को सामने रखकर दुआ करती हूं। उसे मेरी उम्र भी लग जाए। मुझे गर्व है वह देश सेवा में अपने आप को लगाए है। मैं कमजोर नहीं पड़ती, क्योंकि मुझे पता है देश के लिए मेरा बेटा खड़ा है - प्रो. ममता सिंह, इस्माईल, पीजी गर्ल्स कॉलेज हमारे बच्चे शेर हैं, हमारी दुआएं हमेशा उनके साथ कुछ दिन से बेटे से बात नहीं हो पा रही, लेकिन मेरा विश्वास है, वह जीतकर लौटेगा। तनाव के इस माहौल में जब कभी खबरों में कुछ आता है, दिल कांप जाता है, लेकिन खुद को हिम्मत देती हूं। हमारी दुआएं उनके साथ हैं। यह समय माताओं के हौंसले की परीक्षा का है और हम पीछे नहीं हटेंगी। हमारे बच्चे शेर हैं और वह जीतकर ही लौटेंगे। मेरी दुआएं अपने बेटे के साथ उन सभी बेटों के लिए भी है जो सरहद पर खड़े देश की रक्षा कर रहे हैं। वो भी किसी मां के बेटे हैं, - डॉ. शोभा मेरी दुआएं, मेरी साधना, मेरे बेटे के साथ मैं भी सेना के परिवेश से जुड़ी रही हूं। मेरा पूरा परिवार सेना को समर्पित है, पति, बेटा, बेटी और दामाद सभी फौज में रहे हैं। बेटा नवीन अहलावत सेना में बिग्रेडियर है और भारत पाकिस्तान के तनाव को लेकर उसे छुट्टी नहीं मिली है। कुछ दिन पहले हम उससे मिलकर आए थे, लेकिन अभी इन हालातों में वह व्यस्त है। मेरी दुआएं, मेरी साधनाएं उसके साथ हैं। वह देश के लिए है और देश के लिए मेरी दुआ हमेशा रहेगी। मातृत्व तब और ऊंचा हो जाता है जब एक मां अपने बच्चे को राष्ट्र के नाम कर देती है। एक मां, बेटे के लिए आस्था, गर्व और देशप्रेम की गहराई को महसूस करती है, बस दुआएं ही कर सकती है - अंशुल अहलावत घंटी बजते ही लगता है बेटे का होगा फोन हमारा बेटा सेना में कैप्टन है और सरहद पर तैनात है। कई दिनों से उससे बात नहीं हो पा रही है। उसकी याद आती है तो आंखों में नींद नहीं रहती, बस उसका इंतजार रहता है। हर फोन कॉल की घंटी बजती है तो दिल धड़कता है, शायद बेटा हो। बेटे से चार-पांच दिन पहले आखिरी बार बात हुई थी। उसने कहा था कि वह खुद संपर्क करेगा। अब हर दिन दुआ करती हूं वह ठीक हो और सब ठीक हो। जितने भी बच्चे सरहद पर हैं वे सब सही सलामत अपने घर लौट आएं। कोई मां खाली आंगन न देखे। जब भी युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो हर उस मां का दिल दुआ करता है जिसका बेटा सरहद पर होता है। - ममता सिंह -------------------------------------------------------- इनका कहना है उन माताओं को सिर झुकाकर सलाम करती हूं, जिन्होंने अपने बच्चों को देश सेवा के लिए समर्पित किया है और वह देश की सेवा कर रहे हैं - ऊषा तेवतिया, प्रभात नगर देश को बेटा समर्पित करने वाली माताओं को सैल्यूट है। बॉर्डर पर भेजने के लिए बहुत बड़ा दिल चाहिए, जो हर किसी में नहीं होता है - शमा सिद्दिकी, सदर बाजार मां का दिल बहुत बड़ा होता है। हमारी यही दुआ है कि सरहद पर सभी के बच्चे सलामत रहें और देश के लिए हम सभी की जिम्मेदारी है। - मीनू अग्रवाल, बच्चा पार्क देश के लिए अपने बच्चों को समर्पित करने वाले परिवार और उन मांओं को हमेशा सैल्यूट है जिनकी वजह से आज हम सुरक्षित हैं। - प्रिया राजपूत मां, जो अपने बच्चों को खुद से अलग नहीं होने देती है, लेकिन देश सेवा में अपने बच्चों को भेजने वाली माओं को कोटि-कोटि नमन है - सोनल बिश्नोई आज हम सभी उन मांओं की वजह से सुरक्षित हैं जिनके बेटे सरहद पर खड़े हैं, उन मांओं को नमन करती हूं, उनके बेटे सकुशल वापस आएं - शिखा गोयल, सूरजकुंड उन मांओं के दिल पर क्या गुजरती है जिनका बेटा देश के लिए न्योछावर होने के लिए बॉर्डर खड़ा है, ये अहसास वही बता सकती हैं - शगुफ्ता प्रवीण, लालकुर्ती उन मांओं को सलाम है जिनके बेटे आज देश के लिए सरहदों पर खड़े हैं, खुद की परवाह किए बिना देश के लोगों की रक्षा कर रहे हैं - श्रुति शुक्ला बेटा जब सरहद पर दुश्मन से लड़ रहा होता है तो एक मां का दिल उसके लिए दुआएं मांगता है, देश के साथ बेटा भी सलामत रहे - अनिता राणा उन मांओं को कोटि कोटि प्रणाम जिनके बेटे सरहद पर हमारी रक्षा कर रहे हैं, दुआ करते हैं कि उन वीरों को भगवान सलामत रखे - डॉ. अनुपम सिरोही, अध्यक्ष आईएमए उस मां का दर्द समझना आसान नहीं होता जिसका बेटा सरहद पर देश की सेवा में लगा है, जो पल-पल बेटे के लिए दुआ करती रहती है - डॉ. दिव्या बंसल, बाल रोग विशेषज्ञ जिन मांओं के बेटे देश के लिए लड़ रहे हैं उनको सैल्यूट है, उनको कोटि-कोटि नमन है, दुआ करती हूं कि उनके बेटे सही सलामत रहें। - डॉ. रश्मि एक मां का दर्द समझना आसान नहीं होता खासकर उनका दर्द जिनका बेटा युद्ध जैसी परिस्थितियों में हो और परिवार से दूर हो। - शिखा गोयल सलाम है उन मांओं को, जिन्होंने ऐसे सपूतों को जन्म दिया है जो देश के लिए मर मिटने को तैयार हैं, उन्हें सिर झुकाकर नमन है - रितु प्रताप
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