हालात : एक हजार इकाइयों से पीतल के उत्पादों का निर्यात बंद
Moradabad News - मुरादाबाद, जो पीतलनगरी के नाम से जाना जाता है, की नब्बे फीसदी इकाइयों से पीतल के हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात बंद हो गया है। पिछले दो दशकों में निर्यात 95 फीसदी से घटकर 10 फीसदी रह गया है। अमेरिका...

देश-दुनिया में पीतलनगरी के नाम से प्रसिद्ध मुरादाबाद की नब्बे फीसदी इकाइयों से पीतल के हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात बंद हो गया है। एक हजार इकाइयों से पीतल उत्पादों का एक्सपोर्ट बंद होने के चलते हस्तशिल्प निर्यात की दृष्टि से मुरादाबाद के अब सिर्फ नाम का पीतलनगरी रह जाने की हकीकत सामने आई है। दो दशकों में पीतल के हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात 95 फीसदी से घटकर महज दस फीसदी रह गया है। अमेरिका में ट्रंप का टैरिफ बढ़ने और यूरोप में जंग के चलते हस्तशिल्प निर्यात पर मंडराए संकट के बीच पीतलनगरी मुरादाबाद से पीतल के उत्पादों का एक्सपोर्ट बेहद घट जाने की हकीकत सामने आई है।
पीतल उत्पादों के निर्यात में भारी गिरावट की वजह निर्यातक पीतल की कीमत में जबरदस्त बढ़ोत्तरी के साथ ही अमेरिका, यूरोप समेत कई देशों के खरीदारों के रुझान में आ रहा बदलाव मान रहे हैं। मुरादाबाद में दो हजार के दशक से पहले 95 फीसदी से अधिक निर्यात इकाइयां पीतल से बने हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात कर रही थीं, जिनकी संख्या अब घटकर 10 फीसदी रह गई है। निर्यातकों के मुताबिक दो हजार के दशक की दस्तक के साथ अल्यूमिनियम, स्टील, आयरन के उत्पाद बनने का सिलसिला शुरू हुआ था। अल्यूमिनियम आदि से बने उत्पादों के निर्यात की शुरुआत सबसे पहले अमेरिका व कुछ यूरोपीय देशों में हुई थी। पीतल की महंगाई एकाएक बढ़ने से विदेशी खरीदारों ने पीतल के बजाय अपेक्षाकृत सस्ते उत्पादों को तरजीह देना शुरू किया। अब गिनती के ही खरीदार पीतल से बने उत्पादों का आयात करने के लिए मुरादाबाद के निर्यातकों को ऑर्डर दे रहे हैं। गिफ्ट के फेर में अमेरिकियों ने पीतल से मुंह फेरा निर्यातक शफात अहमद खान ने बताया कि कुछ साल से अमेरिका में स्टोर्स पर ग्राहकों को खरीदे आइटमों के साथ गिफ्ट के रूप में हैंडीक्राफ्ट आइटम देने का चलन बढ़ा है। इसी के फेर में वहां के खरीदारों ने अल्यूमिनियम, आयरन, स्टील से बने अपेक्षाकृत सस्ते आइटमों को ज्यादा तरजीह देना शुरू किया। अमेरिका के ग्राहक सस्ते उत्पादों की बल्क में खरीदारी करने के लिए दुनिया भर में मशहूर हो रहे हैं। कांबिनेशन-फर्नीचर के जादू में दूर हो रहा पीतल इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) की हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कमेटी के चेयरमैन सुरेश गुप्ता ने बताया कि दो हजार के दशक में कांबिनेशन युक्त हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यात का दौर शुरू हुआ। जिसमें एक ही उत्पाद कई मेटल का इस्तेमाल करके बनाया जाने लगा। अब पिछले दस वर्षों से मुरादाबाद में कांबिनेशन के साथ बने फर्नीचर उत्पादों का निर्यात काफी तेजी से बढ़ा है। लकड़ी, स्टोन, अल्यूमिनियम, स्टील आदि का प्रयोग करके फर्नीचर उत्पाद अमेरिका व यूरोप के खरीदारों के ऑर्डरों पर बड़े पैमाने पर तैयार किए जा रहे हैं कुछ खास मौकों तक सिमटी पीतल की चमक निर्यातक अजय कुमार पुगला ने बताया कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों से जुड़े ज्यादातर आइटमों को अब अल्यूमिनियम, आयरन, स्टील से तैयार करने के ऑर्डर वहां के खरीदार दे रहे हैं। पीतल से बने उत्पादों का इस्तेमाल पश्चिमी देशों में भी अब किसी खास मौके तक ही सिमट गया है। इस तरह के आइटम भी काफी छोटे साइज और कम वजन ही मांगे जा रहे हैं। अमेरिका के खरीदार अब हाई वोल्यूम उत्पादों के लिए ऑर्डर देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं और ऐसे लगभग सभी आइटमों को वह अल्यूमिनियम, आयरन में ही तैयार करने को कह रहे हैं। अमेरिका के गांवों में छा रहे सस्ते मुरादाबादी उत्पाद निर्यातक शफात अहमद खान ने बताया कि पिछले पंद्रह से बीस वर्षों में मुरादाबाद से बने उत्पादों की मांग अमेरिका के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी है और वहां के लिए खरीदार अल्यूमिनियम, आयरन, स्टील से बनने वाले उत्पादों को तैयार करने के आर्डर दे रहे हैं। अमेरिका के शहरी क्षेत्र में पीतल व तांबे के कांबिनेशन से बनी मुरादाबाद की लालटेन के लिए दीवानगी है, वहीं, अमेरिका के ग्रामीण क्षेत्रों में अल्यूमिनियम आदि से बने प्लांटर (गमले), टब, अनाज रखने के कंटेनर आदि की ज्यादा डिमांड है। घरेलू बाजार में मुरादाबादी पीतल का कारोबारी उछाल निर्यात के क्षेत्र में पीतल रसातल में जाता नजर आ रहा है वहीं, देश के घरेलू बाजार में पीतल उत्पादों का कारोबारी ग्राफ बढ़ रहा है। मुरादाबाद में ब्रास कारखानेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष आजम अंसारी ने बताया कि अयोध्या में राममंदिर व वाराणसी में कॉरिडोर बनने के बाद मुरादाबाद के पीतल उत्पादों का कारोबार इन दोनों तीर्थस्थानों में काफी तेजी से बढ़ा है। वहां मुरादाबाद में पीतल से बने रामदरबार, राममंदिर के मॉडल, पीतल के दीए आदि उत्पादों की बिक्री बढ़ गई है। देश के विभिन्न राज्यों में पीतल के दीए, पूजा की थाली आदि उत्पादों के कारोबार में पचास फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया है। कई राज्यों में पीतल के कुकिंग आइटमों की मांग बढ़ी शहर के प्रमुख बर्तन कारोबारी राघव अग्रवाल ने बताया कि देश के कई राज्यों में मुरादाबाद में पीतल से बनने वाले कुकिंग उत्पादों की मांग बढ़ी है। कोरोना महामारी के बाद से कुकिंग आइटमों की मांग में तेजी का दौर शुरू हुआ था जो अब काफी तेजी पर आ गया है। मुरादाबाद में पीतल से बनी बिरयानी हांडी की मांग सबसे ज्यादा दर्ज की जा रही है। कुकिंग आइटमों पर टिन की परत चढ़ाई जा रही है जिससे उनमें बनने वाला खाना सेहत के लिए बेहतर माना जाता है। दिवाली के लिए मैन्यूफैक्चरिंग में जुटे कारीगर ब्रास कारखानेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष आजम अंसारी ने बताया कि घरेलू बाजार में त्योहारों पर पीतल के उत्पादों की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल दिवाली पर कई राज्यों से ऐन वक्त पर इतनी ज्यादा मांग आ गई थी कि माल तैयार नहीं हो पाने के कारण तमाम ऑर्डर पूरे ही नहीं किए जा सके थे। जिसको देखते हुए मुरादाबाद के कारीगर इस बार अभी से ही दिवाली के लिए पीतल के उत्पाद बनाने के काम में जुट गए हैं। पीतल के दीए, पूजा की थाली आदि उत्पादों के लिए कई राज्यों से बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। निर्यातकों व कारखानेदारों की बात विभिन्न कारणों से मुरादाबाद से पीतल के बने उत्पादों का निर्यात बहुत कम रह गया है, लेकिन, पीतल के उत्पाद अपने खास टिकाऊपन, फिटिंग के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। इसकी विशिष्ट खूबियों के चलते जल्द ही निर्यात में पीतल के उत्पादों का दबदबा फिर से बढ़ने की संभावना दिखाई देने लगी है। नवेदउर्रहमान, अध्यक्ष, मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन पीतल और अन्य मेटल्स के दाम में भारी अंतर की वजह से मुरादाबाद से पीतल उत्पादों के निर्यात में भारी कमी दर्ज हुई है। जितने वजन में पीतल का एक आइटम बनता है उतने में अल्यूमिनियम और स्टील के तीन और आयरन के पांच आइटम तैयार हो जाते हैं। पीतल की शीट हजार रुपए में पड़ रही है जो अन्य धातुओं की तुलना में ढाई गुना तक ज्यादा महंगी है। आजम अंसारी, अध्यक्ष, ब्रास कारखानेदार एसोसिएशन मुरादाबाद में साल दर साल निर्यात इकाइयां बढ़ रही हैं निर्यात का ग्राफ भी बढ़ रहा है, लेकिन, निर्यात में पीतल के उत्पादों की हिस्सेदारी घटती जा रही है। उत्पादों में बढ़ती विविधता और वैरायटी का कारण अल्यूमिनियम, आयरन, स्टील, वूड, स्टोन आदि का हो रहा इस्तेमाल है। इनका दायरा तेजी से बढ़ रहा है। अजय कुमार पुगला, हस्तशिल्प निर्यातक मुरादाबाद के आर्टीजनों, कारखानेदारों और निर्यातकों ने खुद को कभी सीमाओं में बांधकर नहीं रखा इसी की बदौलत यहां के हस्तशिल्प उत्पादों की वैरायटी की चेन लगातार लंबी हो रही है। सिर्फ महंगाई ही नहीं, विदेशी खरीदारों की बदले रुझान और दिलचस्पी के चलते भी पीतल के उत्पादों का ग्राफ तेजी से घटा है। सुरेश गुप्ता, चेयरमैन, हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कमेटी, आईआईए बरसों तक मुरादाबाद की पहचान पीतलनगरी के तौर पर रही। अब पीतल का निर्यात काफी घट गया है, लेकिन, अमेरिका समेत कई देशों के ऐसे चुनिंदा खरीदार हैं जो आज भी पीतल के उत्पादों के दीवाने हैं। पीतल और तांबे के कांबिनेशन से बनी लालटेन के लिए अमेरिका के कुछ खरीदारों से ऑर्डर अब भी पहले की तरह ही मिल रहे हैं। शफात अहमद खान, हस्तशिल्प निर्यातक घरेलू बाजार में मुरादाबाद के पीतल के साथ ही कॉपर और कांसे के आइटमों के लिए अब काफी ज्यादा मांग आ रही है। पानी पीने के लिए कॉपर के आइटमों के बढ़ते रुझान से मुरादाबाद का कारोबार काफी बढ़ा है, जबकि, खाने के लिए कांसे के बर्तनों पर ज्यादा जोर है। पीतल के कुकिंग आइटमों की मांग में एकाएक काफी तेजी आई है। पीतल की बनी बिरयानी हांडी के लिए कई राज्यों से जबरदस्त डिमांड है। राघव अग्रवाल, बर्तन कारोबारी
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