डेढ़ लाख खाताधारकों ने बीमा का 'सुरक्षा कवच' हटवाया
Moradabad News - प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के अंतर्गत 20 रुपये सालाना प्रीमियम पर दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलता है। हाल ही में, जनपद में डेढ़ लाख खाताधारकों ने बेवजह 20 रुपये काटने के विरोध में योजना से...

प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के अंतर्गत साल में सिर्फ बीस रुपये चुकाकर दो लाख रुपये के दुर्घटना बीमा के लिए पंजीकृत जनपद में बैंकों के डेढ़ लाख खाताधारकों ने बीमा सुरक्षा के इस कवच को हटवा लिया है। बैंक अधिकारियों ने काफी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बताकर इस मामले का खुलासा किया है। जनपद के बैंकों में खाता खुलवाने वाले बारह लाख से अधिक लोग प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के अंतर्गत पंजीकृत कराए गए थे। इस महीने में बीमाधारकों के खाते से बीस रुपये काटकर बैंकों को रिन्यूअल कराना था, लेकिन, करीब पंद्रह फीसदी लोगों ने बैंक में दरख्वास्त लगाकर अपना नाम योजना से हटवा लिया।
इन लोगों ने बीस रुपये खाते से बेवजह काटे जाने का हवाला दिया। बैंक अधिकारियों के मुताबिक इनमें से काफी संख्या छात्रों की है जिन्होंने छात्रवृत्ति के लिए अपना खाता बैंक में खुलवाया था। योजना की शुरुआत के समय अधिक से अधिक लोगों को दुर्घटना बीमा सुरक्षा का लाभ दिलाने के मकसद से बैंकों की तरफ से बड़ी संख्या में खाताधारकों को उनके खाते में से प्रीमियम की रकम काटकर पंजीकृत करा लिया गया। जनपद में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत बीमा कराने वालों की संख्या तीन लाख से कम दर्ज हुई है। जबकि, इसके अंतर्गत योजनाधारक की सामान्य रूप में मृत्यु होने पर भी उसके परिजनों को दो लाख रुपये का हर्जाना मिलने का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत साल भर में सिर्फ 20 रुपये खर्च करके खाताधारकों का दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा हो रहा है। दुर्भाग्यवश, यदि किसी खाताधारक के साथ अनहोनी हो जाने पर उसके परिजनों को दो लाख रुपये के हर्जाने के तौर पर आर्थिक सहारा मिल जाता है। काफी संख्या में खाताधारकों का योजना से अपना नाम हटवा लेना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। नितिन कुमार, अग्रणी जिला बैंक अधिकारी छात्रवृत्ति खाता खुलवाने वाले छात्रों का भी प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के अंतर्गत सिर्फ बीस रुपये उनके खाते में से काटकर दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराना गलत नहीं है। सभी को दुर्घटना बीमा के दायरे में होना चाहिए। आश्चर्यजनक ये है कि साल के बीस रुपये बेवजह खर्च होने का हवाला देकर कई खाताधारक खुद को इस योजना से बाहर करवा रहे हैं। मनोज कुमार शर्मा, अध्यक्ष, इंडियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन
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