रिजल्ट आने से पहले बच्चों के मन का रिजल्ट बिगड़ा
Moradabad News - हाईस्कूल और इंटर के सभी बोर्डों की परीक्षाएं खत्म हो गई हैं और रिजल्ट का समय आ गया है। कई बच्चे परिणाम के डर से तनाव में हैं। अभिभावक बच्चों को तनावमुक्त रखने के लिए योग और प्राणायाम अपनाने की सलाह दे...

हाईस्कूल और इंटर के सभी बोर्डों की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। अब समय रिजल्ट का है पर परिणाम आने से पहले ही कई बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें डर लगने लगा है। नंबर कैसा होगा, यहां तक कि फेल होने का डर भी सता रहा है। उनके मन का रिजल्ट अभी से बिगड़ने लगा है। इस तरह के मामले रिजल्ट की सुगबुगाहट से ही बढ़ने लगते हैं। मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र में हाल-फिलहाल में 20 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। मौजूदा समय हर छात्र के लिए काफी अहम है। पूरे साल की कड़ी मेहनत के बाद परीक्षा और अब नतीजों का समय आ चुका है। जल्द ही सभी बोर्डों के रिजल्ट आने वाले हैं। इसकी सुगबुगाहट होते ही बच्चों के परेशान होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बेहतर नंबर लाने का दबाव हो या प्रतिष्ठित कॉलेजों में दाखिले का, इसको लेकर स्ट्रेस के मामले बढ़ने लगे हैं। कुछ बच्चों में एंग्जायटी की दिक्कत भी सामने आने लगी हैं। अभिभावकों ने मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र से संपर्क साधा तो उन्हें यह बताया गया कि बच्चों को तनावमुक्त रखें, ज्यादा हस्तक्षेप न करें और योग के माध्यम से उन्हें शांत रहने और रखने का प्रयास करें। अब कई बच्चों ने योग की ओर रुख किया है। इन बच्चों को योग की विभिन्न मुद्राओं और आसनों, ब्रीदिंग एक्सरसाइज के जरिये स्ट्रेस फ्री रहने का तरीका सिखाया जा रहा है। कई बच्चों ने ऑनलाइन योगा क्लास ज्वाइन कर लिया है और खुद को मानसिक तौर पर फिट रखने के लिए योग शुरू कर दिया है।
अधिकतर युवा छात्र इस समय स्ट्रेस में रहते हैं। रिजल्ट और कॅरियर को लेकर दबाव ज्यादा होता है। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि उनका कांफिडेंस खत्म न हो। योग के माध्यम से कई बच्चों का तनाव कम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हें घर बैठकर ही बालासन, सर्वांगासन, सुखासन, ज्ञान मुद्रा के तरीके और उसे अपनाने के टिप्स दिए जा रहे हैं।
-वीनू आहूजा, योगाचार्य
रिजल्ट का समय बच्चों के लिए चैलेंजिंग होता है। बच्चों को टेंशन में न आने दें, इसमें सबसे बड़ा रोल अभिभावकों का ही होता है। ऐसे समय में बच्चों को योग और प्राणायाम अपनाने को कहिए। स्ट्रेस से परेशान कई बच्चे ऐसे हैं जो वरुण मुद्रा, ज्ञान मुद्रा और योग मुद्रा व ऊं के उच्चारण के माध्यम से अपने भावों को नियंत्रित कर रहे हैं और एकाग्रता को बढ़ा रहे हैं। अभिभावकों को भी चाहिए कि स्ट्रेस से जूझ रहे बच्चे का ज्यादा से ज्यादा मेडिटेशन कराएं।
-डॉ. महजबीं परवीन, योगाचार्य
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