गोरखपुर में बिना नक्शा पास कराए बनी मस्जिद होगी ध्वस्त, विकास प्राधिकरण ने दिया आदेश, डेड लाइन भी तय
गोरखपुर में बिना नक्शा पास कराए बनी तीन मंजिला मस्जिद को ध्वस्त करने का आदेश विकास प्राधिकरण ने दिया है। खुद मस्जिद को गिराने के लिए 15 दिन की डेड लाइन भी तय कर दी गई है।

गोरखपुर में घोष कंपनी चौक (चैनपुर-मेवातीपुर) के पास नगर निगम की भूमि पर पिछले साल बनी तीन मंजिला मस्जिद तोड़ी जाएगी। गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने बिना मानचित्र स्वीकृत कराए भवन निर्माण को अवैध करार दिया है। प्राधिकरण की ओर से 15 फरवरी को मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के पुत्र शुऐब अहमद के नाम नोटिस ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में लिखा गया है कि 15 दिन के भीतर खुद ही अवैध निर्माण ध्वस्त कर लें, अन्यथा की दशा में प्राधिकरण ढहा देगा और ध्वस्तीकरण पर होने वाला खर्च भी वसूल करेगा। मंडलायुक्त के कोर्ट में इस पर बुधवार को सुनवाई होगी।
नगर निगम की स्वीकृति के बाद उसकी 46 डिस्मिल 09 कड़ी भूमि पर पिछले साल मस्जिद बनाई गई थी। प्राधिकरण से जारी आदेश के मुताबिक पिछले साल क्षेत्रीय अवर अभियंता के स्थल निरीक्षण में पाया गया था कि मेवातीपुर निवासी सुहेल अहमद 60 वर्ग मीटर में भूतल, प्रथम तल का निर्माण कराते हुए दूसरे तल पर छत की तैयारी करा रहे थे। मौके पर कोई स्वीकृत मानचित्र नहीं दिखाया गया। जुलाई में सुहेल अहमद का इंतकाल हो गया।
उधर, संबंधित निर्माण के खिलाफ अवर अभियंता की रिपोर्ट के आधार पर 15 मई, 2024 को पीठासीन अधिकारी ने वाद दखिल करते हुए निर्माणकर्ता को नोटिस जारी कर 30 मई तक कार्यालय में अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिया। आरोप है कि पक्षकार नियत तिथि पर उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद जीडीए की ओर से 04 फरवरी, 2025 और 15 फरवरी को भी सुनवाई की तिथि निर्धारित करते हुए नोटिस जारी किया गया।
इस दौरान भी पक्षकार न तो उपस्थित हुए न ही स्वीकृत मानचित्र या कोई अन्य अभिलेख प्रस्तुत किया। इस पर प्राधिकरण ने 15 फरवरी को शुएब अहमद पुत्र दिवगंत सुहेल अहमद के खिलाफ ध्वस्तीकरण आदेश पारित कर दिया।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने कहा कि बिना मानचित्र स्वीकृत कराए ही घोष कंपनी की खाली भूमि पर मस्जिद का निर्माण हुआ है। मुतवल्ली को नोटिस जारी कर 15 दिन में खुद ही निर्माण ध्वस्त करने का मौका दिया गया है। इसके बाद भी मस्जिद नहीं तोड़ी गई तो प्राधिकरण ध्वस्तीकरण कराएगा और उसका खर्च निर्माणकर्ता से लिया जाएगा।
15 को जीडीए कोर्ट हुआ था हाजिर : पक्षकार
शुएब अहमद पुत्र सुहेल अहमद ने बताया कि 15 फरवरी को जीडीए में सुनवाई में उपस्थित होकर पक्ष रखा गया था। उसके पूर्व 14 फरवरी को डाक के जरिए भी लिखित जवाब दाखिल कराया गया था। नगर आयुक्त के प्रस्ताव पर नगर निगम बोर्ड ने 24 गुणा 26 फुट जमीन मस्जिद बनाने के लिए 6वीं निगम बोर्ड बैठक में देने के लिए अनुमोदन किया था। जमीन नगर निगम बोर्ड की सहमति से मिली थी। 60 मीटर के अंदर के निर्माण के लिए नक्शा पास कराना आवश्यक नहीं होता है। आदेश के खिलाफ मण्डलायुक्त के यहां 17 को अपील की है।