Voluntary Blood Donation Over 3500 Donors in Muzaffarnagar Demand Enhanced Benefits बोले मुजफ्फरनगर: जरूरत पर साथ खड़े मिलते हैं रक्तदाता, Muzaffar-nagar Hindi News - Hindustan
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बोले मुजफ्फरनगर: जरूरत पर साथ खड़े मिलते हैं रक्तदाता

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Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरMon, 14 April 2025 06:32 PM
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बोले मुजफ्फरनगर: जरूरत पर साथ खड़े मिलते हैं रक्तदाता

जनपद में 3500 से अधिक स्वैच्छिक रक्तदाता हैं, जो नियमित रक्तदान करते हैं। जनपद में स्वामी कल्याणदेव जिला राजकीय चिकित्सालय के साथ ही मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज बेगराजपुर और शहर स्थित तीन निजी ब्लड बैंक हैं, जिनकी देखरेख में रक्तदान किया जाता है। जिले में समर्पित युवा समिति के करीब पांच हजार सदस्य नियमित रूप से सबसे अधिक रक्तदान करते हैं। वहीं, भारत विकास परिषद, लॉयंस क्लब और रोटरी क्लब के सदस्यों द्वारा भी समय-समय पर रक्तदान किया जाता है। स्वैच्छिक रक्तदाता शासन-प्रशासन से सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिए जाने के साथ ही आधार व वोटर कार्ड पर व्यक्ति का ब्लड ग्रुप अंकित किए जाने और रक्तदाता कार्ड पर रक्त लेने की समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं।

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रक्तदाताओं को भी मिले सुविधाएं

मुजफ्फरनगर। जनपद में स्वैच्छिक रक्तदान के लिए वर्ष 2011 में समर्पित युवा समिति का गठन किया गया था, जो वर्तमान में जिले में रक्तदाताओं का सबसे बड़ा संगठन है। जनपद के इस संगठन में करीब ढाई हजार सदस्य हैं, जो ऑन डिमांड के साथ ही समय-समय पर शिविर लगाकर नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। इनके अलावा, रोटरी क्लब, लॉयंस क्लब और भारत विकास परिषद के सदस्यों द्वारा भी समय-समय पर रक्तदान किया जाता है।

रक्तदान के लिए स्वामी कल्याणदेव जिला राजकीय चिकित्सालय के साथ ही मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज बेगराजपुर और शहर में स्थित तीन निजी ब्लड बैंक मेडिकल सेवाएं देते हैं। पिछले 37 साल में अब तक 68 बार रक्तदान कर चुके संजीव अरोरा व पिछले 19 साल में 35 बार रक्तदान करने वाले अमित पटपटिया कहते हैं कि नियमित रक्तदान करने वाले स्वैच्छिक रक्तदाता हर समय लोगों के लिए उपलब्ध रहते हैं। स्वैच्छिक व नियमित रक्तदाताओं को प्रोत्साहन के रूप में सभी सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर अतिरिक्त लाभ दिए जाने चाहिए, जिससे अन्य लोग भी नियमित रूप से रक्तदान करने के लिए प्रेरित हों।

वहीं, रक्तदाताओं को रक्तदाता कार्ड के आधार पर रक्त लेने के लिए वर्तमान में लागू तीन महीने की समयसीमा को छह महीने तक के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं, जो लोग नियमित रूप से रक्तदान करते हैं, उनके आधार कार्ड रक्तदाता कार्ड से लिंक होने चाहिए, ताकि देश में कहीं भी जाने पर दुर्घटना होने या अन्य जरूरत पड़ने पर आधार कार्ड के आधार पर ही रक्तदाताओं को बिना किसी परेशानी के रक्त मिल सके। इसके साथ ही सभी लोगों के आधार कार्ड व वोटर आईडी कार्ड पर उस व्यक्ति का रक्त ग्रुप भी लिखा जाना चाहिए। ताकि, कहीं भी आकस्मिक दुघर्टना होने की स्थिति में आधार या वोटर कार्ड देखकर जरूरत पड़ने पर उसमें दर्ज ब्लड ग्रुप के आधार पर उन्हें बिना किसी परेशानी के रक्त उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाई जा सके।

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महिलाएं भी नहीं हैं पीछे

मुजफ्फरनगर। स्वैच्छिक रक्तदान करने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। गांधी कॉलोनी निवासी मनी पटपटिया गृहिणी होने के बावजूद नियमित रूप से रक्तदान करती हैं। रक्तदाता मनी ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2007 में अपने ससुर सुशील कुमार की जान बचाने के लिए रक्तदान किया था। इसके बाद से उन्होंने इसे एक संकल्प के रूप में लिया और नियमित रूप से रक्तदान करने लगी। वे अब तक पिछले 18 साल में 25 बार रक्तदान कर चुकी हैं। वहीं, मोनाली पंवार, शालिनी आनंद, किरण और सिमरन शर्मा आदि महिलाएं भी समर्पित युवा समिति से सक्रिय रूप से जुड़ी हैं, जो अब तक दस-दस बार से भी अधिक रक्तदान कर चुकी हैं।

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जरूर करें रक्तदान-महादान

- हर स्वस्थ व्यक्ति को प्रत्येक तीन माह में एक बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए, यह शरीर में आयरन को नियंत्रित रखता है।

- नियमित रक्तदान करने से किसी तरह की शारीरिक कमजोरी नहीं आती, बल्कि शरीर के अंदर रक्त प्रवाह स्वस्थ होता है।

- रक्तदान करने के तुरंत बाद शरीर नया रक्त बनाना शुरू कर देता है, जिससे रक्तदाता के शरीर में रक्त की कमी नहीं होती।

- रक्तदान के बाद फ्रूट जूस या अन्य लिक्विड पीना चाहिए, जिससे शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का जल्द निर्माण शुरू कर देता है।

- नियमित रक्तदान करने से ह्दय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, जिससे ह्दयाघात की संभावनाएं काफी कम हो जाती हैं।

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--- शिकायतें और सुझाव ---

शिकायतें ---

- स्वैच्छिक व नियमित रक्तदाताओं के रक्तदान कार्ड की समय सीमा तीन महीने होने से कई बार जरूरत पड़ने पर रक्त नहीं मिल पाता।

- नियमित रूप से रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को किसी भी सरकारी योजना का अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता, जिससे परेशानी होती है।

- व्यक्ति को दुघर्टनाग्रस्त होने की स्थिति में या जरूरत पड़ने पर तत्काल रक्त नहीं मिल पाता, जिससे कई बार जीवन संकट में आ जाता है।

सुझाव ---

- रक्तदान कार्ड पर रक्त लेने की समय सीमा छह महीने होनी चाहिए, ताकि लंबे समय तक जरूरत के समय रक्त मिलने का विकल्प रहे।

- नियमित रक्तदान करने वाले रक्तदाता को प्रोत्साहन के रूप में सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता के आधार पर लाभ मिलने चाहिए।

- आधार व वोटर कार्ड पर व्यक्ति का ब्लड ग्रुप भी अंकित किया जाना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर उसके जीवन की रक्षा की जा सके।

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-- इन्होंने कहा ---

- रक्तदाताओं के रक्तदान कार्ड की समय सीमा बढ़ाने की मांग शासन स्तर की है। आधार व वोटर कार्ड पर व्यक्ति का ब्लड ग्रुप अंकित होने से किसी भी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल रक्त उपलब्ध कराया जा सकता है, रक्तदाताओं की इस मांग को लेकर शासन को पत्र लिखा जाएगा।

डॉ सुनील तेवतिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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रक्तदाताओं ने रखी अपनी बातें

- रक्तदान एक महादान होता है। रक्तदाताओं के लिए रक्तदान कार्ड पर रक्त लेने की समय सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे लंबे समय तक रक्त मिलने का विकल्प बना रहे।

संजीव अरोरा

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- आधार व वोटर कार्ड पर व्यक्ति का ब्लड ग्रुप अंकित किया जाना चाहिए, जिससे जरूरत पड़ने पर आसानी से जीवन रक्षा के लिए रक्त उपलब्ध कराया जा सके।

अमित पटपटिया

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- नियमित रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को सरकार द्वारा प्रोत्साहन के रूप में सरकारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर दिया जाना चाहिए।

मनी पटपटिया

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- नियमित रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं के रक्तदान कार्ड की समय सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। जिससे वे लंबे समय तक इसका लाभ ले सके।

शिव भूषण

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- व्यक्ति की दुर्घटना होने पर ब्लड का ग्रुप पता लगाना मुश्किल रहता है। आधार वोटर कार्ड पर ब्लड ग्रुप अंकित किए जाने चाहिए।

अमित छाबड़ा

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- रक्तदान को महादान भी कहा जाता है। लेकिन कई बार खुद के परिजनों के लिए रक्तकोष से रक्त लेना बड़ा मुश्किल हो जाता है।

अजय अनेजा

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- नियमित रक्तदाताओं को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के साथ दिया जाना चाहिए। जिससे लोगों में रक्तदान करने को लेकर उत्सुकता बड़े।

सिमरन शर्मा

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- आधार और वोटर कार्ड पर ब्लड ग्रुप अंकित किया जाना चाहिए। जिससे जरूरत पड़ने पर आसानी से रक्त उपलब्ध हो सके।

मोनाली पंवार

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- रक्तदाताओं के रक्त दान कार्ड की सीमा तीन माह से बढ़ाकर छह माह की जानी चाहिए। जिससे जरूरत पड़ने पर लंबे समय तक रक्त उपलब्ध हो सके।

शालिनी आनंद

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- नियमित रूप से रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को सरकार द्वारा प्रोत्साहन के रूप में सरकारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के साथ दिया जाना चाहिए।

रेणु आनंद

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- किसी भी घायल या जरूरतमंद व्यक्ति को आसानी से रक्त उपलब्ध कराया जा सके, इसके लिए आधार व वोटर कार्ड पर ब्लड ग्रुप अंकित किया जाना चाहिए।

किरण

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- स्वैच्छिक नियमित रक्तदाताओं को रक्तदान करने के बाद भी जरूरत पड़ने पर कई बार ब्लड बैंक में रक्त के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।

आशीष अरोरा

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- कई बार व्यक्ति के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बल्ड ग्रुप नहीं मिलने के कारण ब्लड बैंक से रक्त मिलना मुश्किल हो जाता है।

माधव अरोरा

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- नियमित रूप से रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के साथ मिलना चाहिए। जिससे रक्तदान को लेकर समाज में जागरूकता बढ़े।

प्रवीण कुमार

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- स्वैच्छिक व नियमित रक्तदाताओं के रक्तदान कार्ड की समय सीमा को बढ़ाकर छः महीने किया जाना चाहिए।

राजेश कुमार

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