अब फ्री नहीं, मंत्री-सचिव को भी देना होगा सर्किट हाउस-विश्राम गृह का किराया; जानें कितना
यह व्यवस्था आजादी के बाद पहली बार लागू की गई है। इसके साथ ही PWD ने विभिन्न प्रकार के कमरों के किराए के दरों में बढ़ोत्तरी की है। जिसको राज्यपाल की स्वीकृति के बाद लागू किया जा रहा है। 12 वर्ष बाद कमरों के किराए में हुई इस बढ़ोत्तरी के बाद अब किराए चार से पांच गुना बढ़ गए हैं।

लोक निर्माण विभाग के सर्किट हॉउस,निरीक्षण भवन और विश्राम गृह में अब मंत्री और सचिव के मुफ्त (फ्री) रुकने की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। अब इनको भी रुकने और कमरा बुक कराने के लिए भुगतान करना होगा। यह व्यवस्था आजादी के बाद पहली बार लागू की गई है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग ने विभिन्न प्रकार के कमरों के किराए के दरों में बढ़ोत्तरी की है। जिसको राज्यपाल की स्वीकृति के बाद लागू किया जा रहा है। 12 वर्ष बाद कमरों के किराए में हुई इस बढ़ोत्तरी के बाद अब किराए चार से पांच गुना बढ़ गए हैं।
लोक निर्माण विभाग की ओर से जिला मुख्यालय पर सर्किट हॉउस का निर्माण कराया गया था, जिसको एनेक्सी में उच्चीकृत किया गया है। अयोध्या दर्शन करने आने वाले विशिष्ट व अतिविशिष्ट लोगों को राममंदिर के निकट ही आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरयू के किनारे कौशल्याघाट क्षेत्र में राममंदिर के निकट बेगमपुरा क्षेत्र में बन रही मल्टीलेवल मशीनीकृत पार्किंग के निकट नजूल की जमीन पर 16.71 करोड़ रूपये की लागत से चार मंजिला सर्किट हॉउस का निर्माण शुरू कराया गया है। सोहावल क्षेत्र में लोहिया पुल के पहले हाल में डाक बंगले का निर्माण कराया गया है,जबकि गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र के महबूबगंज में कई वर्षों से डाक बंगले का संचालन किया जा रहा है। पूर्व में सर्किट हॉउस, निरीक्षण भवन और विश्राम गृह के कमरों का किराया 18 मार्च 2013 और 17 दिसंबर 2013 को तय किया गया था।
एयर कंडीशन कमरे का देना होगा 500 जबकि साधारण का 300 रुपये
प्रदेश सरकार की ओर से किराए की दर में संशोधन के बाद अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान सात दिन तक रुकने के लिए वातानुकूलित कमरे का 500 और गैर वातानुकूलित का 300 रूपये देना होगा,जबकि पहले वातानुकूलित कमरे का 120 और गैर वातानुकूलित का 60 रूपये देना पड़ता था। पहले ड्यूटी के दौरान सात दिन से ज्यादा रुकने पर पहले वातानुकूलित कमरे का 180 और गैर वातानुकूलित का 100 रूपये देना पड़ता था और अब वातानुकूलित कमरे का 700 और गैर वातानुकूलित का 500 रूपये देना होगा। वहीं निजी कार्य की दशा में सात दिन तक रुकने के लिए एसी कमरे का 800 और गैर एसी का 600 रूपये देना होगा,जबकि पहले एसी कमरे का 260 और गैर एसी का 180 रूपये देना पड़ता था।
सात दिन से ज्यादा रुकने पर पहले एसी कमरे का 310 और गैर एसी का 220 रूपये देना पड़ता था और जब एसी कमरे का 1000 और गैर एसी का 800 रूपये देना होगा। प्राइवेट व्यक्ति और पर्यटक के लिए अब किराया एसी कमरे का 2500 और गैर एसी का 2000 रूपये तय किया गया है जो पहले एसी कमरे का 460 और गैर एसी का 220 रूपये तय था। विदेशी पर्यटक के लिए नया किराया एसी कमरे का 3500 और गैर एसी का 2500 रूपये तय किया गया है जो पहले एसी कमरे का 660 और गैर एसी का 420 रूपये था।
पूर्व सांसद और विधायक से सात दिन तक रुकने वाले किराये एसी कमरे का 260 और गैर एसी का 180 रूपये की जगह अब एसी कमरे का 800 और गैर एसी का 600 रूपये तथा सात दिन से ज्यादा रुकने पर पूर्व के एसी कमरे का 310 और गैर एसी का 220 रूपये की जगह एसी कमरे का 1000 और गैर एसी का 800 रूपये लिया जाएगा। भारत सरकार के अधिकारियों को सात दिन तक रुकने पर अब एसी कमरे का किराया 260 के बजाय 800 रूपये और गैर एसी का 180 रूपये की जगह 600 रूपये तथा सात दिन से ज्यादा रुकने पर एसी कमरे का 460 के बजाय 2500 और गैर एसी का 340 के बजाय 2000 रूपये भुगतान करना होगा।
अब अलग-अलग नहीं जुड़ेगा किराया और बिजली खर्च
वर्ष 2013 के किराया निर्धारण के मुताबिक एसी और गैर ऐसी कमरों का प्रतिदिन का कुल किराया इसमें बिजली का खर्च जोड़कर लिया जाता था। पहले ड्रोन का निर्धारण अलग-अलग था। कमरे के किराए की दर अलग थी और बिजली का खर्चा अलग,लेकिन अब इसको संयुक्त कर दिया गया है।