पहलगाम आतंकी हमला: कलावा देखा, नाम पूछा..शुभम सुनते ही कत्ल; पत्नी ने सुनाई आपबीती
- एशान्या ने बिलखते हुए परिवार को बताया कि अचानक आए आतंकियों ने नाम पूछा। शुभम ने अपना नाम बताया, तब तक उन्होंने शुभम के हाथ में कलावा देखा और गोली मार दी। आतंकियों ने शुभम के साथ ही ऐसा नहीं किया बल्कि वहां मारे गए हर पर्यटक को मारने से पहले उन्होंने नाम पूछा या पहचान का चिन्ह देख लिया।

कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले का शिकार हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने परिजनों को जो कुछ बताया, वह दिल दहलाने वाला है। मानवता को शर्मसार भी करता है। एशान्या ने बिलखते हुए परिवार को बताया है कि अचानक आए आतंकियों ने नाम पूछा। शुभम ने अपना नाम बताया, तब तक उन्होंने शुभम के हाथ में कलावा देखा और गोली मार दी। आतंकियों ने शुभम के साथ ही ऐसा नहीं किया बल्कि वहां मारे गए हर पर्यटक को मारने से पहले उन्होंने नाम पूछा या पहचान का चिन्ह देख लिया। कई के तो कपड़े तक उतरवा दिए।
एशान्या ने परिजनों को बताया कि वह शुभम के साथ घोड़े से पहलगाम से पांच किलोमीटर ऊपर टापू पर गई थी। उसी समय हथियारबंद लोग आ गए। दो लोग उनके पास आए और पूछा कि हिंदू हो या मुसलमान। इसके बाद नाम पूछा और शुभम को गोली मार दी। एशान्या ने परिजनों को बताया कि हमले के बाद वहां पर खून से लथपथ लोगों के शव इधर उधर पड़े हुए थे। चारों तरफ लोगों की चीत्कारें सुनाई दे रहीं थीं। आतंकियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर कुछ ही मिनटों में हंसते खेलते उस मंजर को श्मशान में बदल दिया।
घर पहुंचे रिश्तेदार
भाजपा नेता सुरेंद्र द्विवेदी के साथ अन्य कार्यकर्ता संजय के भाई मनोज द्विवेदी के घर पहुंचे और परिवार से हादसे की जानकारी ली। रिश्तेदार भी उनके घर आने लगे। चचेरे भाई सौरभ ने बताया कि 12 फरवरी 2025 को शुभम की धूमधाम से शादी हुई थी।
परिवार के 11 लोगों के साथ घूमने गए थे शुभम
शुभम के चचेरे भाई सौरभ ने बताया कि बीती 17 अप्रैल को शुभम और एशान्या जम्मू कश्मीर घूमने गए थे। उनके साथ पिता संजय द्विवेदी, मां सीमा द्विवेदी, बहन आरती, बहनोई शुभम दुबे, बहन के ससुर पीरोड निवासी सुरेश दुबे, बहन की सास और यशोदा नगर निवासी शुभम के ससुर राजेश पांडेय व उनकी पत्नी समेत 11 लोग भी थे। लगातार परिवार वालों से उनकी बात हो रही थी। सभी लोगों को 23 अप्रैल यानी आज वापस आना था, लेकिन उनके आने से पहले ही शुभम की मौत की सूचना आ गई।
शुभम के दादा हाथीपुर के 17 साल रहे प्रधान
आतंकी हमले में मारे गए शुभम के परिवार की महाराजपुर क्षेत्र में राजनीतिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत है। क्षेत्र के प्रतिष्ठित परिवारों में उनकी गिनती की जाती है। शुभम के चाचा ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज द्विवेदी ने बताया कि पिता चंदन प्रसाद द्विवेदी 18 साल हाथीपुर गांव के प्रधान रहे। वर्ष 1977 से 1995 तक वो गांव के प्रधान थे। इसके बाद वर्ष 1995 से लेकर 2005 तक चाचा सुभाष द्विवेदी प्रधान रहे। शुभम के पिता संजय क्षेत्र के बड़े सीमेंट व्यवसायी हैं। संजय के छोटे भाई मनोज ज्योतिष के क्षेत्र में प्रसिद्धि पा रहे हैं। चचेरे भाई शैलेंद्र द्विवेदी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना व पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा से परिवार की अत्यंत नजदीकी है।
भाई का खून भाभी पर गिरा
सौरभ ने बताया कि पहलगाम में जब आतंकियों ने शुभम भइया को गोली मारी, भाभी बिलकुल करीब थीं। गोली लगते ही भाई के सिर से खून का फव्वारा फूटा जो भाभी पर पड़ा। यहां से उनकी स्थिति की बस कल्पना की जा सकती है। दुनिया की इस सबसे बड़ी विपदा को झोलते हुए भी भाभी एशान्या ने वहां का घटनाक्रम किसी तरह बताया।