Faithful Face Darkness at Shahabad Ganga Ghat Issues Arise After Power Cut बोले बेल्हा : तीन माह से अंधेरे में है एक किलोमीटर का शाहाबाद गंगाघाट, Pratapgarh-kunda Hindi News - Hindustan
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बोले बेल्हा : तीन माह से अंधेरे में है एक किलोमीटर का शाहाबाद गंगाघाट

Pratapgarh-kunda News - मानिकपुर के शाहाबाद गंगाघाट पर श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है, लेकिन 2019 में बने पक्के घाट पर अंधेरे के कारण श्रद्धालुओं को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बिजली विभाग ने बकाया बिल न जमा...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रतापगढ़ - कुंडाMon, 12 May 2025 03:29 PM
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बोले बेल्हा : तीन माह से अंधेरे में है एक किलोमीटर का शाहाबाद गंगाघाट

सदियों से आसपास के जनपद के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र मानिकपुर का शाहाबाद गंगाघाट 2019 में नमामि गंगे योजना में शामिल हुआ तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। करीब 87 करोड़ रुपये की लागत से यहां एक किलोमीटर का पक्का गंगाघाट बन गया। गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालु सरकार की सराहना करे नहीं थकते थे। अंधेरे में कीचड़ के बीच श्रद्धालुओं की दिक्कत पक्के घाट बनने से दूर हो गई। अचानक मार्च में उनकी सहूलियत पर ग्रहण लग गया। पूरे घाट पर लगी लाइट का कनेक्शन बिल न जमा होने पर बिजली विभाग ने काट दिया। जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे हैं।

श्रद्धालु अंधेरे में घाट की सीढ़ियों पर गिर रहे हैं। फिर भी आस्था के आगे मुश्किलों को पीछे छोड़ हर पूर्णिमा पर 50 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। भोर के तीन-चार बजे से लगने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ देर शाम तक रहती है। ऐसे में अंधेरे के कारण कभी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। मानिकपुर हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। कस्बे के करीब से बहने वाली गंगा भी सदियों से आसपास के जनपदों की भी आस्था का केंद्र रही है। करीब छह साल पहले यहां श्रद्धालुओं के लिए पक्का घाट बनने के बाद किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में विद्युत बिल बढ़ता गया और विभाग ने लाइन काट दी। इसके बाद हर किसी की समस्या बढ़ गई। मानिकपुर कस्बे के साथ ही श्रद्धालु और पुरोहितों ने भी इस पर आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' से घाट पर होने वाली मुश्किलों को लेकर बात की। लोगों ने बताया कि नमामि गंगे के तहत 80 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बने गंगा घाट पर श्रद्धालुओं और पुरोहितों के लिए एक दर्जन से अधिक हाईमास्ट लगवाए। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ही नमामि गंगे के अधिकारियों ने अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत मानिकपुर के नाम से विद्युत कनेक्शन लिया। 11 मई 2019 को लिए गए कनेक्शन से गंगाघाट के निर्माण के साथ ही प्रकाश के लिए लगाए गए हाईमास्ट को भी आपूर्ति की गई। इसके बाद एक रुपये भी बिल जमा नहीं किया गया। बिजली का बिल बढ़ते हुए 20,64,203 रुपये हो गया। बार-बार कहने के बाद भी बकाया बिल नहीं जमा किए जाने पर विभाग ने मार्च 2025 में कनेक्शन काट दिया। इससे करीब एक किलोमीटर लम्बा गंगा घाट पूरी तरह से अंधेरे में डूब गया। लोगों ने बताया कि इसके बाद भोर में गंगा स्नान करने को आने वाले दैनिक श्रद्धालुओं को दिक्कत होने लगी तो गंगा घाट पर चौकी लगाकर बैठने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही तीर्थ पुरोहितों को भी दिक्कत होने लगी। प्रतिदिन के स्नानार्थियों के साथ सोमवार, शुक्रवार, अमावस्या और पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गंगा स्नान, दान, पूजन को जुटती है। लोगों का कहना कि रात में श्रद्धालुओं को अंधेरे में हो रही मुश्किल को देखते हुए नगर पंचाय के जिम्मेदारों से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने पल्ला झाड़ लिया। विद्युत विभाग बकाया बिल को लेकर अधिकारियों का फटकार पड़ने की बात कह रहा है। ऐसे में श्रद्धालुओं को तीन माह से अंधेरे में गंगा स्नान करना पड़ रहा है। गंगाघाट का भी है ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक महत्व नगर पंचायत का मानिकपुर का शाहाबाद गंगा घाट का ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक महत्व है। गंगा किनारे ही राजा मानिकचन्द का किला है। बताते हैं कि उनके ही नाम से मानिकपुर का नामकरण हुआ था। गंगा घाट से एक किलोमीटर पहले सिद्धपीठ मां ज्वाला देवी का मंदिर है। सिद्धपीठ मां ज्वालादेवी मंदिर की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से जुड़ी है। इसी कारण यहां पूरे वर्ष श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। पूर्मिमा के साथ ही अन्य मेले में भी लगती है भीड़ मानिकपुर नगर पंचायत के शाहाबाद स्थित गंगा घाट पर पूर्णिमा के साथ ही पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। हर महीने की पूर्णिमा, अमावस्या पर तो श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान, दान को पहुंचती ही है। शारदीय, वासंतिक नवरात्र में भी नौ दिन तक श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाट से लेकर मंदिर तक रहती है। इसके अलावा आषाढ़ शीतला सप्तमी और कार्तिक पूर्णिमा के पांच दिवसीय मेले में गैर जनपदों से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा दर्शन पूजन को पहुंचती है। गंगा दशहरा पर भी गंगा घाट पर बड़े कार्यक्रम आयोजित होते हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिले के साथ ही बाहर से भी फोर्स बुलाई जाती है। आखिर कौन है जिम्मेदार मानिकपुर शाहाबाद गंगाघाट का विद्युत बिल बकाया होने से काटा गया कनेक्शन कैसे जुड़े इसे लेकर लोग परेशान है। कोई इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। लोगों ने बताया कि नगर पंचायत के जिम्मेदार कहते हैं घाट उन्हें हैंडओवर नहीं हुआ है। वह बिजली का बिल क्यों जमा करें। वह नया कनेक्शन लेना चाहते हैं लेकिन विद्युत विभाग दे नहीं रहा। जबकि विद्युत विभाग का कहना है कि जब पहले से नगर पंचायत के नाम कनेक्शन है तो दूसरा कनेक्शन कैसे दिया जाए। बकाया बिल जमा करें, आपूर्ति चालू कर दी जाएगी। नगर पंचायत और विद्युत विभागीय की लड़ाई में दिक्कत श्रद्धालुओं को झेलनी पड़ रही है। हमारी भी सुने नगर पंचायत, विद्युत विभाग की आपसी खींचतान में प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे की योजना का लाभ श्रद्धालुओं को नहीं मिल पा रहा है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि समाधान की गुहार किससे लगाएं। रवीन्द्र तिवारी प्रतिदिन चार बजे भोर से ही दैनिक श्रद्धालु गंगा घाट पर गंगा स्नान, दर्शन, पूजन को पहुंचते हैं। लेकिन गंगा घाट पर अंधेरा होने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। रामराज मौर्या, भुल्लू नमामि गंगे योजना से गंगा घाट को पूरी रात प्रकाश की रोशनी से जगमगाने के लिए हाईमास्ट लगवाए जो अब शोपीस बनकर रह गए हैं। रात में यहां श्रद्धालु गिरकर चोटहिल हो रहे हैं। दिनेश कुमार दीक्षित जब तक गंगा घाट पर हाईमास्ट जलते रहे श्रद्धालुओं, पुरोहितों, व्यापारियों को सभी को सुविधा रही। अब अंधेरे की मार झेल रहे हैं। सारी रात खतरा बना रहता है। रमेश कुमार मौर्य नमामि गंगे के अधिकारियों को संज्ञान में लेकर समस्या का समाधान करना चाहिए। ताकि दूर से गंगा स्नान को आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो। राजू मिश्र नमामि गंगे में गंगा घाट के निर्माण के समय से ही खींचतान चल रही थी। लापरवाही किसी की भी हो लेकिन परेशानी यहां आने वाले श्रद्धालुओं को झेलनी पड़ रही है। कामता प्रसाद मिश्र सार्वजनिक समस्या को इस तरह से कोई अनदेखी नहीं कर सकता है। नगर पंचायत की जिम्मेदारी है कि समस्या का समाधान करे, किसी भी स्तर से। भारत लाल साहू भोर से ही गंगा स्नान पूजन करने वाले तमाम श्रद्धालु प्रतिदिन गंगा घाट आते हैं। अब अंधेरे में दिक्कत हो रही है। हर हाल में इसका समाधान होना चाहिए। श्यामा प्रसाद मिश्र गंगा घाट आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए। यहां लगाए गए हाईमास्ट के लिए विद्युत आपूर्ति किया जाना जरूरी है। लालताप्रसाद विद्युत कनेक्शन काटे जाने से नमामि गंगे के लगाए गए हाईमास्ट रोशनी देने के बजाय केवल शोपीस बन कर रह गए हैं। हाईमास्ट की विद्युत आपूर्ति बहाल होनी चाहिए। सोनू मिश्र सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा है। एक दिन पहले से ही श्रद्धालु गंगा घाट पहुंचते हैं। रात वहीं विश्राम करते हैं। आधी रात से गंगा में डुबकी लगाते हैं। अंधेरे में दिक्कत होगी। अशोक कुमार शर्मा गंगा घाट पर प्रकाश के लिए लगाए गए हाईमास्ट को बिजली नहीं मिलने से बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। वे सुबह जल्दी घर पहुंचने के लिए आधीरात तक यहां पहुंच जाते हैं। राम शिरोमणि मौर्य गंगा घाट पर हाई मास्ट के साथ ही दर्जनों सोलर लाइट भी लगाई गई है। उसमें भी आए दिन कोई न कोई दिक्कत रहती है। कई बार तो बैटरी चोरी होने से महीनों लाइट बंद रही। मनीष कुमार द्विवेदी हम लोग हर पूर्णिमा को गंगा स्नान करने को दूर से आते हैं। दो पूर्णिमा से गंगा घाट पर अंधेरा रहता है। इससे स्नान पूजन में दिक्कत होती है। सालिकराम बोले जिम्मेदार नमामि गंगे योजना में गंगा घाट पर लगाए गए हाईमास्ट नगर पंचायत को हैंडओवर नहीं किया गया। इससे नियमों के अनुसार नगर पंचायत बकाया बिल नहीं जमा कर सकता। श्रद्धालुओं को हो रही दिक्कत को देखते हुए नया कनेक्शन मांग रहे हैं लेकिन बिजली विभाग तैयार नहीं हो रहा है। आशुतोष जायसवाल (डिम्पू) चेयरमैन प्रतिनिधि अधिशास अधिकारी नगर पंचायत के नाम से जब पहले से ही बिजली का कनेक्शन है तो दूसरा कनेकशन कैसे दिया जाए। कई बार नगर पंचायत को बिल जमा करने के लिए कहा गया लेकिन वे ध्यान नहीं दिए। ऐसे में कनेक्शन काट दिया गया। बकाया बिल जमा करें, आपूर्ति चालू हो जाएगी। राहुल वैश्य एसडीओ विद्युत उपकेन्द्र मानिकपुर समस्या 0 हाईमास्ट न जलने से भोर और शाम को रहता है अंधेरा। 0 अंधेरे में घाट की सीढ़ियां उतरने में वृद्ध श्रद्धालुओं को हो रही दिक्कत। 0 भोर से गंगा स्नान करना अंधेरे में हो रहा मुश्किल। 0 कहीं सामान रखने, बैठने में भी अंधेरे में लगता है डर। समाधान 0 नगर पंचायत के नाम कनेक्शन है तो बिल जमा करने का किया जाए प्रयास। 0 जबतक नहीं होता समाधान आमावस्या, पूर्णिमा पर जलाई जाए हाईमास्ट। 0 घाट के हाईमास्ट का बिल नियमित रूप से जमा करने की हो व्यवस्था। 0 नमामि गंगे के अधिकारियों को बुलाकर नगर पंचायत को जल्द कराया जाए हैंडओवर।

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