Surge in Diarrhea Cases Among Children in Medical College OPD Importance of Hygiene and Vaccination Stressed पानी नहीं सफाई की कमी से बच्चों का पीछा नहीं छोड़ रहा डायरिया, Pratapgarh-kunda Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsPratapgarh-kunda NewsSurge in Diarrhea Cases Among Children in Medical College OPD Importance of Hygiene and Vaccination Stressed

पानी नहीं सफाई की कमी से बच्चों का पीछा नहीं छोड़ रहा डायरिया

Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज की बाल रोग ओपीडी में पिछले महीने 50% और इस महीने 40% बच्चे डायरिया से पीड़ित आए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में पानी की कमी नहीं, बल्कि सफाई की कमी से संक्रमण बढ़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रतापगढ़ - कुंडाTue, 15 April 2025 03:24 PM
share Share
Follow Us on
पानी नहीं सफाई की कमी से बच्चों का पीछा नहीं छोड़ रहा डायरिया

प्रतापगढ़, संवाददाता। मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग की ओपीडी में उल्टी-दस्त संग बुखार (डायरिया) से पीड़ित बच्चों की संख्या कम नहीं हो रही है। पिछले महीने कई दिन तक ओपीडी में आने वाले कुल बीमार बच्चों में डायरिया पीड़ित बच्चों की संख्या 50 फीसदी रही। लेकिन यह इस महीने भी 40 फीसदी तक बनी है। अधिकांश बीमार बच्चों के घरवाले इसके पीछे बच्चे के शरीर में पानी की कमी को वजह मानकर पानी पिलाने पर जोर दे रहे हैं। हालांकि डॉक्टर इसके लिए पानी नहीं सफाई की कमी को जिम्मेदार बता रहे हैं। सफाई पर विशेष ध्यान देने हुए बच्चों को रोटा वायरस का टीका लगवाने की सलाह दी जा रही है। मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल स्थित बाल रोग की ओपीडी में इस समय एक दिन में 200 से अधिक बच्चे आ रहे हैं। किंतु सोमवार को आंबेडकर जयंती के अवकाश के चलते ओपीडी दोपहर 12 बजे तक ही चली ऐसे में सिर्फ 150 ही मरीज आए। डॉ. अनिल सरोज के मुताबिक ओपीडी में आए कुल बीमार बच्चों में 61 बच्चे डायरिया से संक्रमित रहे। जो बच्चे कई दिन से बुखार व खांसी के साथ उल्टी-दस्त से परेशान थे, उनकी हालत बहुत कमजोर हो गई थी। कई बच्चों के परिजनों ने डॉक्टर से जानना चाहा कि वे बच्चे को खूब पानी पिला रहे हैं फिर भी समस्या कम नहीं हो रही है। बाल रोग के डॉ. अनिल सरोज ने ऐसे बच्चों के परिजनों को समझाया कि इस समय बच्चे जिस डायरिया की चपेट में आ रहे हैं व रोटा आदि वायरस के संक्रमण की वजह से हो रहा है न कि पानी की कमी से। सफाई कमजोर होने पर इनका संक्रमण तेज हो जाता है। सफाई में लापरवाही से ऐसे वायरस बच्चों के शरीर में पहुंच जा रहे हैं। पेट में पहुंचकर आंत में चिपक जा रहे हैं। इससे आंतें पानी को सोख नहीं पा रहीं। यह पानी शौच के रास्ते दस्त के रूप में या उल्टी के रूप में शरीर के बाहर निकल जा रहा है। ऐसे में बच्चों को अधिक पानी पिलाने से भी राहत नहीं मिल रही। ऐसे डायरिया से निपटने के लिए सफाई बहुत आवश्यक है।

वायरल डायरिया के लक्षण

1-बुखार के साथ उल्टी, दस्त

2-सर्दी खांसी के साथ उल्टी दस्त

3-पेट दर्द

बचाव के उपाय

1-जो बच्चे अंगूठा चूसते हैं उनके हाथ पैर साफ रखें।

2-दूध पिलाने के पहले बोतल-निप्पल को ठीक से साफ करें।

3-जिस हाथ से बच्चे को खिलाएं उसे साबुन से जरूर धुलें।

4-जिस बर्तन में बच्चे को खाना खिलाएं उसे साफ रखें।

5-बच्चे के कपड़े और बिस्तर हमेशा साफ रखें।

अस्पतालों मुफ्त में लग रहा टीका

डॉक्टर ने बताया कि महिला अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में रोटा वायरस का टीका मुफ्त में लग रहा है। डेढ़ महीने, ढाई महीने और साढ़े तीन महीने पर यह टीका बच्चों को 3 बार लगता है। इसके लगने के बाद बच्चों को डायरिया के हमले से राहत मिल जाती है।

इनका कहना है

ओपीडी में डायरिया पीड़ित बच्चों की संख्या पिछले महीने से मामूली ही कम हुई है। इस समय भी 40 फीसदी बच्चे डायरिया से पीड़ित आकर ओपीडी में आ रहे हैं। ऐसे बच्चों के अभिभावकों को सफाई और टीकाकरण की जरूरत समझाई जा रही है।

-डॉ. अनिल सरोज, बाल रोग मेडिकल कॉलेज

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।