असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में एआई से पकड़ेंगे फर्जी अभ्यर्थी
Prayagraj News - उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों के लिए 16 और 17 अप्रैल को होने वाली परीक्षा में संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का...
अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या-51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर 16 एवं 17 अप्रैल को दो पालियों में प्रस्तावित लिखित परीक्षा में प्रत्येक स्तर पर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान व पुष्टि करने का निर्णय लिया गया है। फर्जी परीक्षार्थियों को रोकने के लिए केन्द्रों पर सभी अभ्यर्थियों के थम्ब इम्प्रेशन और आईरिस कैप्चर करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स (एआई) का उपयोग कर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। परीक्षा को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने की आशंका व ऐसे तत्वों को चिह्नित करने के लिए एसटीएफ ने भी कार्यवाही शुरू कर दी है। 19 जून को जारी उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत दोषियों पर अधिकतम एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा या दोनों ही हो सकते हैं। इसमें अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या कराना, प्रश्नपत्र का प्रतिरूपण करना या उसका अनाधिकृत रूप से खुलासा करना या इस कार्य में षड्यंत्र करना को अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जो इस नए कानून के तहत दंडनीय है। परीक्षा की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की बैठक रविवार को सीमैट सभागार एलनगंज में हुई।
आयोग की अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में परीक्षा को शुचितापूर्ण, पारदर्शी एवं सकुशल कराने के लिए छह मंडलों में नामित त्रिस्तरीय विशेष प्रेक्षकों, समन्वयीय पर्यवेक्षक और पर्यवेक्षकों (उपस्थिति-65) को आवश्यक निर्देश दिए गए। सरकार की ओर से समय-समय पर जारी आदेशों के मद्देनजर योजनाबद्ध तरीके से केन्द्रों पर कड़ाई से परीक्षा कराने के निर्देश देने के साथ ही पर्यवेक्षकों को उनके दायित्वों से परिचित कराया गया। परीक्षा के संबंध में सचिव मनोज कुमार एवं परीक्षा नियंत्रक डीपी सिंह ने प्रत्येक बिन्दुओं की जानकारी पर्यवेक्षकों को दी।
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