सॉफ्टवेयर कंपनी पर हाईकोर्ट के मुकदमों की स्थिति बदलने का आरोप
Prayagraj News - इलाहाबाद हाईकोर्ट में अनधिकृत रूप से मुकदमों की स्थिति बदलने का मामला सामने आया है। जांच में पता चला कि सॉफ्टवेयर कंपनी इसके लिए जिम्मेदार है। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को मामले की विस्तृत जांच करने का...

इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की स्थिति अनधिकृत रूप से बदलने का मामला सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर हुई जांच में यह बात सामने आई कि प्रथमदृष्टया इसके लिए सॉफ्टवेयर कंपनी जिम्मेदार है। एक जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान यह पता चला कि मुकदमों का स्टेटस अवैध तरीके से बदला गया। गत 11 अप्रैल को ज़मानत पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति समीर जैन ने लिस्टिंग में विसंगतियां पाईं। ज़मानत अर्जी पहले पास ओवर मामलों में सूचीबद्ध थी, बाद में वह लेफ्ट ओवर मामलों की श्रेणी में स्थानांतरित हो गई। लेफ्ट ओवर मामलों को आमतौर पर प्राथमिकता दी जाती है, जिससे मामले की सुनवाई में तेजी आने की संभावना रहती है।
कोर्ट ने इस बदलाव पर आपत्ति जताई क्योंकि यह प्रचलित प्रकिया से परे था। साथ ही रजिस्ट्रार लिस्टिंग से स्पष्टीकरण मांगा। रजिस्ट्रार ने मामले की जांच के लिए समय मांगा। रजिस्ट्रार ने कोर्ट को बताया किया कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है। इस जांच के बाद श्योगेश दुबे संयुक्त रजिस्ट्रार (जे) (एस एंड ए)/नोडल अधिकारी (सीसीएमएस) ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले की स्थिति बिना किसी अधिकार के बदल दी गई थी। इसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को पांच दिन के भीतर मामले की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया। रजिस्ट्रार जनरल की जांच रिपोर्ट में पता चला कि सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी प्रथमदृष्टया मामले की स्थिति को बदलने के लिए जिम्मेदार थी। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी ने बिना किसी अधिकार के पास ओवर मामलों को लेफ्ट ओवर मामलों की श्रेणी में डाल दिया। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को एक सप्ताह के भीतर इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
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