Contaminated Water Crisis in Prayagraj s Kalindipuram Colonies बोले प्रयागराज : दूषित पानी कर रहा है बीमार, क्षेत्र उपेक्षा का शिकार, निवारण करो ‘सरकार, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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बोले प्रयागराज : दूषित पानी कर रहा है बीमार, क्षेत्र उपेक्षा का शिकार, निवारण करो ‘सरकार

Prayagraj News - प्रयागराज के कालिंदीपुरम की नव दुर्गा कॉलोनी और श्रीनिकेतन विहार कॉलोनी में दूषित पेयजल की समस्या गंभीर होती जा रही है। लोग गंदे पानी के कारण बीमारियों का सामना कर रहे हैं। कॉलोनी के निवासी नल से आने...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजTue, 22 April 2025 06:03 PM
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बोले प्रयागराज : दूषित पानी कर रहा है बीमार, क्षेत्र उपेक्षा का शिकार, निवारण करो ‘सरकार

प्रयागराज, हिन्दुस्तान टीम। शहर के कालिंदीपुरम की नवविकसित नव दुर्गा कॉलोनी एवं उससे लगी श्रीनिकेतन विहार कॉलोनी में दूषित पेयजल की आपूर्ति लोगों को बीमार कर रही है। लगभग एक पखवारे से गंभीर बन चुकी इस समस्या की बाबत स्थानीय लोगों ने जिम्मेदारों से शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि जो पानी आ रहा है वह भी इतना गंदा और बदबूदार कि एक घंटा नल खुला छोड़ने के बाद ही उसका उपयोग कर पा रहे हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले प्रयागराज के तहत कॉलोनी के लोगों की दिक्कतों को जाननी चाहा तो सभी ने पेयजल संकट और दूषित जलापूर्ति को यहां की बड़ी समस्या बताया। इसके साथ ही सीवर लाइनों के चोक होने, गंदा पानी ओवरफ्लों होकर घरों में घुसने, स्ट्रीट लाइटो का अभाव आदि समस्या भी गिनाई। साफ तौर पर लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र दो जनप्रतिनिधियों की आपसी खींचतान के कारण उपेक्षा का शिकार बनता जा रहा है।

नलों से गंदा और दुर्गंध युक्त पानी आने के कारण कालिंदीपुरम की नवविकसित श्रीनिकेतन कॉलोनी एवं नव दुर्गा कॉलोनी के लोग बेहद परेशान हैं। घरों में इतना बदबूदार और मटमैला पानी आ रहा है कि लोग एक घंटा तक नल खुला छोड़ देते हैं उसके बाद ही उपयोग के लायक पानी मिल पाता है। दूषित जलापूर्ति के कारण बड़ी तादात में लोग पेट संबंधी बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं। समस्या की गंभीरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों कुछ बच्चों को अस्पताल ले जाने एवं भर्ती कराने तक की नौबत आ चुकी है। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि करीब तीन चार माह से चली आ रही यह समस्या पिछले एक पखवारे से गंभीर रूप अख्तियार कर चुकी है। लोग इतने परेशान हैं कि पानी उबालने के बाद ही उसे इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं। कहा जा रहा है कि यहां पेयजल के लिए बिछाई गई पाइप लाइनें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे लोगों के घरों में दूषित पानी आ रहा है।

इन कॉलोनियों में पेयजल की समस्या काफी पुरानी है। कहने को तो सुबह पांच से 10 बजे तक और दोपहर में एक बजे से जलापूर्ति की जाती है लेकिन प्रेशर इतना कम रहता है कि पानी की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। बिना मोटर के मकानों के भूतल तक भी पानी नहीं पहुंच पाता। अक्सर जलापूर्ति एक घंटे पहले ही बंद कर दी जाती है जिससे लोग परेशान रहते हैं। यहां कांशीराम आवास योजना के पास बने नलकूप से जलापूर्ति की जाती है। कहा जा रहा है कि नलकूप कहने को तो चल रहा है लेकिन पुराना नलकूप अब चलने लायक नहीं है। यहां नया नलकूप का लगना जरूरी है। लोगों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि बराबर जलकर की अदायगी के बावजूद उन्हें पानी नहीं मिल पा रहा है। जीवन के लिए आवश्यक समझी जाने वाली वस्तुओं में शुमार पानी की समस्या यहां के लोगों के लिए बड़ी परेशानी के साथ बीमारी का सबब भी बनी हुई है। समय रहते समाधान न किया गया तो आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने पर समस्या और जटिल हो जाएगी साथ ही बीमारी फैलने का खतरा भी तेज हो जाएगा।

चोक सीवर लाइनें पैदा कर रही परेशानी

यहां चोक सीवर लाइन की समस्या से भी लोग परेशान रहते हैं। करीब दस वर्ष पूर्व बसी इस कॉलोनी में इस दौरान लोगों ने कभी सीवर की सफाई होते नहीं देखी। सीवर लाइनों के चोक होने से आए दिन गंदा पानी ओवर फ्लो कर लोगों के घर में घुस आता है। सप्ताह भर पूर्व कुछ लोगों के घर के सामने सीवरद का पानी आ जाने पर लोगों ने इसकी शिकायत जिम्मेदारों से की। कर्मचारी मौके पर आए और कहा कि अपनेर्ग्च पर काम कराद लें यही ठीक रहेगा। मजबूरी में लोगों को सीवर को मेल लाइन से जोड़ने के लिए स्वयं खर्च वहन करना पड़ा। लोगों की यह भी शिकायत है कि तमाम घरों को अभी तक सीवर लाइन से जोड़ा भी नहीं गया है।

नहीं हैं स्ट्रीट लाइटें, सड़कों पर अंधेरा

कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट का अभाव है। स्ट्रीट लाइटों के न होने से शाम होते ही मार्ग अंधेरे में डूब जाते हैं। अंधेरे के कारण कॉलोनी की महिलाएं एवं बच्चे बाहर निकलने में कतराते हैं। चोर उच्चकों का खतरा भी बना रहता है। अंधेरे में अराजक तत्वों की सक्रियता भी बढ़ जाती है। स्ट्रीट लाइटें जले तो लोगों को काफी राहत मिल सकती है। इसकी लोग मांग भी करते आ रहे हैं लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

शिकायतें--

1. लो प्रेशर के कारण पानी भूतल तक भी नहीं पहुंच पाता।

2. नलों से गंदा, मटमैला और दुर्गंध युक्त पानी आ रहा है।

3. सीवर लाइन चोक होने से घरों में गंदा पानी का घुसना।

4. स्ट्रीट लाइट न होने से मार्ग पर अंधेरा रहना।

5. अराजक तत्वों से असुरक्षा।

समाधान . . .

1. नए नलकूप की स्थापना के अलावा लीकेज दूर करने से प्रेशर बढ़ सकता है।

2. क्षतिग्रस्त पाइप लाइनों का चिह्नित कर उसकी मरम्मत करना।

3.चोक सीवर लाइनों की सफाई कर सभी सीवर को मेन लाइन जोड़ा जाए।

4. जहां स्ट्रीट लाइट लगी हैं वहां फ्यूज लाइटों को बदला जाए।

5. नियमित गश्त की से अराजक तत्वों पर अंकुश लग सकेगा।

----हमारी भी सुनें---

पीने का पानी नहीं आता। आता भी है तो बहुत गंदा रहता है। उसमें बदबू आती है। जो पीने लायक नहीं रहता। इस समस्या से कई परिवार प्रभावित हैं।-मिलिंद द्विवेदी

घर में गंदे पानी की सप्लाई से बीमार होने की आशंका बनी हुई है। गर्मी के दिनों में पानी की जरूरत अधिक होती है। लोग पेयजल के लिये परेशान हो रहे हैं।-विक्रांत विश्वकर्मा

कई दिनों से नलों में इतना गंदा पानी आ रहा है कि लोग इसका इस्तेमाल करने में डरने लगे हैं। बिना उबाले पानी पिया नहीं जा सकता। मजबूरी में लोग पानी खरीद कर पी रहे हैं।-सजीम

पीने के पानी में बहुत बदबू रहती है। उसमें से दुर्गंध उठती है। जो कष्टकारी है। आसपास से या फिर खरीदकर पीने का पानी लाना पड़ता है।-श्रीगोपाल विश्वकर्मा

पानी का प्रेशर इतना कम रहता है कि पंप लगाने पर भी नहीं आता है। अगर आ भी जाता है तो इतना गंदा रहता है कि उपयोग के लायक नहीं रहता।-सुधीर कुमार

घर में आ रहा पानी पीने के लायक नहीं है। बाजार से पानी की बोतलें खरीदकर लानी पड़ती है। तब जाकर लोग पानी पी पाते हैं। चोक सीवर भी बड़ी समस्या है।-देवेश शुक्ला

गंदे और बदबूदार पानी की घर में सप्लाई हो रही है। खाना बनाने और स्नान करने के लिये पड़ोस के घर से रोज जाकर पानी लाना पड़ता है।-अनीता तिवारी

सप्लाई हो रहे पानी में बदबू रहती है कि अगर उससे कपड़े धोए जाएं तो सूखने के बाद कपड़ों से बदबू आती है। पीने का पानी खरीदना पड़ता है।-मनीषा शुक्ला

बोतल में भरे पेयजल में गंदगी तैरती नजर आती है। इतनी बदबू रहती है कि पानी को प्रयोग में लाना मुश्किल होता है। आसपास से पीने का पानी लाना पड़ता है।-सरोज तिवारी

पेयजल की आपूर्ति का प्रेशर इतना लो रहता है कि कुछ देर पंप चलाने के बाद पानी आ पाता है। लेकिन पानी गंदा आता है। जिससे दुर्गंध उठती है।-आरती

कई घरों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है जो कि पीने लायक नहीं रहता। बाजार से पानी की बोतलें खरीदनी पड़ती हैं। जिसे खाना पकाने और पीने के लिए प्रयोग करते हैं।-रोशनी

गंदा पानी पीने से बच्चे को कुछ दिन पहले डायरिया हो गया था। पानी पीने योग्य नहीं है। यह समस्या कई घरों की है। जिसका समाधान जल्द होना चाहिए।-सरोज विश्वकर्मा

नलों में गंदा पानी आने से लोग पेट की बीमारी की चपेट में आते जा रहे हैं। इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो कॉलोनी में संक्रामक बीमारी फैलते देर नहीं लगेगी।-सरोज शर्मा

पड़ोस में जाकर पीने और खाना पकाने के लिए पानी लाना पड़ता है। तब जाकर घर का काम होता है। जिस पानी की सप्लाई घर में हो रही वह गंदा रहता है।-वानिषी

गर्मी के दिनों में पानी की जरूरत बढ़ जाती है। यहां पीने का पानी ही नहीं मिल रहा है। पीने और खाना पकाने के लिए साफ पानी लाना पड़ता है।-अंजू कुमारी

बाजार से पानी की बोतल खरीदकर लानी पड़ रही है। गंदा पानी पीने से बीमार होने की संभावना बनी हुई है। समस्या का निराकरण होना जरूरी है।-सुषमा विश्वकर्मा

कुछ घरों में सीवर चोक होने की समस्या है। उस पर कई दिनों से पीने का साफ पानी न मिलना लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।-आर्यन

घरों में गंदे पानी की समस्या है। इसका समाधान होना चाहिए। साफ पानी मिलना चाहिए ताकि सबकी परेशानी दूर हो सके।-सुधांशु पाठक

बोले जिम्मेदार

यदि कॉलोनियों में दूषित जलापूर्ति की समस्या है तो पता लगाकर शीघ्र समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। जहां भी समस्या है लोग सम्पर्क करें तत्काल समाधान होगा।

सुनील कुमार शर्मा, अवर अभियंता, जल संस्थान

बोले पार्षद

यह कॉलोनी हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है लेकिन यदि समस्या है तो इसे गंभीरता से लेते हुए अपने स्तर से इसके निस्तारण का प्रयास किया जाएगा।

गुलाब पटेल, पार्षद, वार्ड 71

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