Impact of Screen Time on Youth Mental Health Study Initiated by Allahabad University स्क्रीन पर ज्यादा समय देने वालों के मन को परखेंगे मनोवैज्ञानिक, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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स्क्रीन पर ज्यादा समय देने वालों के मन को परखेंगे मनोवैज्ञानिक

Prayagraj News - इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक मोबाइल, लैपटॉप और डेस्कटॉप पर बिताए गए समय के युवाओं पर प्रभाव का अध्ययन करेंगे। डॉ. मणिकंद प्रभु राम के नेतृत्व में यह प्रोजेक्ट आईसीएसएसआर द्वारा समर्थित है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 2 May 2025 11:24 AM
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स्क्रीन पर ज्यादा समय देने वालों के मन को परखेंगे मनोवैज्ञानिक

प्रयागराज, अनिकेत यादव। मोबाइल, लैपटॉप या फिर डेस्कटॉप पर ज्यादा वक्त गुजारने वालों के मन और तन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसे अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के मनोवैज्ञानिक परखेंगे। इसके लिए मनोविज्ञान विभाग के शिक्षक डॉ. मणिकंद प्रभु राम को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) से एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट मिला है। प्रयागराज सहित प्रदेश के अन्य शहरों के युवाओं से डाटा एकत्रित कर मनोवैज्ञानिक इस विषय से जुड़े कई बिंदुओं पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसे काउंसिल को भेजा जाएगा। मोबाइल के बढ़ते प्रयोग के कारण लोगों खास तौर से युवाओं का स्क्रीन टाइम (मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप देखते वक्त गुजारा जाने वाला समय) बढ़ा है, जिससे कई तरह के मानसिक और शारीरिक विकार जन्म ले रहे हैं।

डॉ. मणिकंद प्रभु राम, जो इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर भी हैं, ने बताया कि स्क्रीन टाइम और मानसिक स्वास्थ्य, व्यवहार और सामाजिक संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। इससे संभावित जोखिमों जैसे कि तनाव, चिंता, अवसाद और सामाजिक अलगाव पर अध्ययन कर यह भी देखा जाएगा कि स्क्रीन टाइम कैसे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है। इस अध्ययन के आधार पर ‘डिजिटल कंडक्ट कोड तैयार किया जाएगा। बकौल डॉ. मणिकंद प्रदेश के विश्वविद्यालयों और सामुदायिक संगठनों के सहयोग से होने वाले इस अध्ययन के दौरान डिजिटल डिवाइस का उपयोग कर स्क्रीन पर ज्यादा समय देने वाले युवाओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं के बीच जटिल संबंधों की जांच भी जाएगी। अध्ययन में शामिल युवाओं की मनोदशा की जानकारी के लिए टीम इनके माता-पिता से भी बात करेगी। इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए एक रिसर्च एसोसिएट और तीन क्षेत्र अन्वेषक नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए 12 मई तक आवेदन मांगे गए हैं। रिसर्च एसोसिएट के लिए मास्टर इन सोशल साइंस के साथ नेट-एमफिल अथवा पीएचडी अनिवार्य है, इन्हें प्रति माह 37 हजार मानदेय दिया जाएगा। क्षेत्र अन्वेषक की नियुक्ति छह माह के लिए होगी। इनका मानदेय 20 हजार रुपये प्रति माह तय किया गया है। इनके लिए मॉस्टर इन सोशल साइंस में 55 फीसदी अंक अनिवार्य है।

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