बोले प्रयागराज : जिस पर विकास का जिम्मा, उसी का भवन बदहाल
Prayagraj News - प्रयागराज के इंदिरा भवन की स्थिति बेहद खराब है। यहां सफाई, सुरक्षा और लिफ्ट की व्यवस्था की कमी है। बेसमेंट में कचरे का ढेर है और मेटल डिटेक्टर काम नहीं कर रहे। लोग यहां की समस्याओं को लेकर चिंतित हैं...
प्रयागराज, हिन्दुस्तान टीम। सिविल लाइंस के सुभाष चौराहा स्थित इंदिरा भवन की गिनती शहर के नामचीन इमारतों में होती है। कई दशक पूर्व जब यह बनी थी तो आधुनिक सुविधाओं वाली इकलौती बहुमंजिला बिल्डिंग थी। इसके भूतल पर दुकानें और विभिन्न तलों पर कई सरकारी विभागों के कार्यालय हैं। वर्तमान में इसकी हालत दयनीय हो चली है। जिस पीडीए (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) पर पूरे शहर के विकास की जिम्मेदारी है वह अपने ही इंदिरा भवन की सुध लेना भूल गया है। कहने को तो यहां बराबर सफाई होती है, लेकिन सच का नजारा अलग ही है। सीढ़ियों से ऊपर जाने पर दीवारों के कोने में पान मसाला की पीक नजर आएगी।
बेसमेंट में कचरे का ढेर लगा हुआ है। बाहर साइकिल स्टैंड के पास बोरों में भर कर कचरा रखा हुआ है। पूरे परिसर की सुरक्षा भगवान भरोसे है। यहां लिफ्ट तो है लेकिन न लिफ्टमैन दिखते हैं न गार्ड। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले प्रयागराज की शृंखला के तहत इंदिरा भवन स्थित कार्यालयों में आने वाले लोगों से बात की तो सभी ने विकास प्राधिकरण की कार्यशैली पर उंगली उठाई। बदहाल होते इंदिरा भवन पर चिंता जताते हुए मेंटेनेंस, सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की जरूरत बताई। इंदिरा भवन में प्रवेश करते ही सबसे पहले सामना बेसमेंट में जगह-जगह जमा कचरे के ढेर से होता है। बेसमेंट में जिस प्रकार से कचरा जमा है उससे नहीं लगता कि यहां कभी सफाई भी होती होगी। सीढ़ियों से ऊपर जाने पर पान मसाला की पीक दीवारों पर दमदारी से अपनी मौजूदगी दर्शाती है। परिसर में कुत्ते घूमते रहते हैं। शौचालय और मूत्रालयों की दशा बेहद खराब है। जिससे दूर-दूर से यहां विभिन्न कार्यालयों में अपने काम से आए लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। लिफ्ट के पास बाहर साइकिल स्टैंड के बगल गंदगी का ढेर लगा हुआ है। बोरों में भर कर कचरा रखा गया है जिससे उठती दुर्गंध के कारण वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण की इस बिल्डिंग में उसका कार्यालय भी है। यहां आने वाले लोगों का कहना था कि प्राधिकरण के उच्च अधिकारी यहां बैठते हैं और उनकी नजर इस पर नहीं है तो यह चिराग तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। भवन में मौजूद कार्यालयों के कुछ कर्मचारियों का कहना था कि नगर निगम हाउस टैक्स के नाम पर इंदिरा भवन के सातवें और आठवें तल का 2.86 लाख रुपये वसूलता है, लेकिन अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। इंदिरा भवन में साफ सफाई से लेकर सभी कार्य पीडीए ही कराता आया है। यहां आने वाले लोगों को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि कौन विभाग जिम्मेदार है या कौन अपना रोल नहीं निभा रहा। लोग यहां व्याप्त समस्याओं का निदान चाह रहे हैं। लिफ्ट तो है पर खलती है लिफ्टमैन की कमी इस बहुमंजिला इमारत में लोगों की सुविधा के लिए लिफ्ट तो लगी हैं, लेकिन लिफ्टमैन की कमी लोगों को खलती है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले अधिकांश लोग या बुजुर्ग लिफ्ट चलाना नहीं जानते। उन्हें लिफ्टमैन की दरकार होती है। ऐसे लोग जानकार लोगों के आने की प्रतीक्षा करते हैं या फिर सीढ़ियों का सहारा लेकर ऊपर जाते हैं। लोगों का कहना है कि अगर यहां लिफ्टमैन की व्यवस्था कर दी जाए तो लोगों को काफी सहूलियत हो जाएगी। किसी आपात स्थिति या लिफ्ट बंद हो जाने पर लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। काम नहीं करता मेटल डिटेक्टर, सुरक्षा राम भरोसे परिसर में कई जगह मेटल डिटेक्टर लगे हुए हैं जो अब काम नहीं कर रहे हैं। कुछ मेटल डिटेक्टर को अपनी जगह से हटा कर बगल में रख दिया गया है। जहां मेटल डिटेक्टर लगे हुए थे वहां गार्ड की तैनाती भी नहीं है। परिसर की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है। कोई भी कुछ भी लेकर यहां बेरोकटोक आ-जा सकता है। लोग चाहते हैं कि यहां की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद हो। साथ ही आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। बेतरतीब लटकी बिजली की केबलें व्यवस्थित की जाएं। बिखरी पड़ी रहती हैं महत्वपूर्ण फाइलें बेसमेंट में महत्वपूर्ण फाइलें बेतरबीब ढंग से बिखरी पड़ी हैं, जिनकी देखरेख या सुरक्षा करने वाला कोई नहीं है। यह फाइलें किस विभाग की हैं, इन्हें यहां किसने और क्यों रखा है, इसे बताने वाला भी कोई नहीं है। लावारिस हालत में पड़ी फाइलों को कोई भी आराम से लेकर जा सकता है। तमाम फाइलें तो खुले में रखे जाने के कारण नष्ट हो चुकीं हैं। शिकायतें - परिसर में चारों तरफ गंदगी पसरी है। बेसमेंट में कचरा जमा रहता है। - यहां लगे लिफ्टों में लिफ्टमैन तैनात नहीं किए गए हैं। - मेटल डिटेक्टर काम नहीं करते, गार्ड भी नहीं दिखते, सुरक्षा व्यवस्था की कमी है। - आवारा कुत्ते परिसर में घूमते रहते हैं और गंदगी फैलाते हैं। सुझाव - सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराई जाए, इसकी निगरानी की व्यवस्था हो। - प्रशिक्षित लिफ्टमैनों की तैनाती की जाए, ताकि लोग परेशान न हों। - सभी मेटल डिटेक्टरों को दुरुस्त करा कर महत्वपूर्ण प्रवेश स्थानों पर लगाया जाए। - बेसमेट में डंप फाइलों का निस्तारण हो, शौचालयों की स्थिति सुधारी जाए। हमारी भी सुनें इंदिरा भवन में सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर मेटल डिटेक्टरों को चालू कराया जाए। ताकि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहे। शौचालयों की दशा सुधारी जाए। -हरी लाल यहां पहले मेटल डिटेक्टर काम करते थे। लोग अंदर जाते समय इनसे होकर गुजरते थे। लेकिन कुछ महीनों से यह काम नहीं कर रहे हैं, सुरक्षा के लिहाज से इनका चलना जरूरी है। -अनुज कुमार बड़ी संख्या में लोग अपने काम को लेकर यहां आते हैं। उन्हें घंटों खड़े रहना पड़ता है। लोगों के बैठने के लिए बेंच आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। सफाई व्यवस्था तो बदतर है। -कृष्ण कुमार लोग विभिन्न कार्यालयों में अपने काम से आते हैं, लेकिन जगह-जगह पसरी गंदगी देखकर लोगों को काफी तकलीफ होती है। सफाई व्यवस्था ठीक होनी चाहिए, जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना होगा। - दया शंकर दुबे यहां कोई भी बेरोकटोक आ-जा सकता है। सुरक्षा व्यवस्था है ही नहीं। मेटल डिटेक्टर भी हटा दिया गया है। यहां इतने कार्यालय होने के बाद इतनी खराब व्यवस्था से तमाम सवाल खड़े होते हैं। - राम बाबू मौर्य पूरा परिसर साफ सुथरा रहे, सुरक्षा और आग से बचाव के पूरे इंतजाम हों। मेटल डिटेक्टरों को ठीक करा कर उन्हें प्रवेश द्वारों पर लगाया जाए। शौचालय और मूत्रालय की हालत सुधारी जानी चाहिए। - मो. आसिफ परिसर साफ सुथरा रहे इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। सीढ़ियों पर लोग पान खाकर पीक थूक दे रहे हैं। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। - इमरान बेसमेंट में गाड़ी खड़ी करने आते हैं तो गंदगी और बदबू से परेशानी होती है। सीढ़ियों की दीवारें पान की पीक से रंगी हुई हैं। जिसे साफ नहीं कराया जा रहा। सफाई व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए। - मनोज मिश्र नीचे दुकानें हैं और रोज कूड़ा निकलता है, रोज कितनी भी सफाई की जाए गंदगी बनी रहती है। गंदगी के लिए लोग भी जिम्मेदार हैं। लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। - राम अवध यादव आवारा कुत्ते परिसर में घमते रहते हैं और जगह-जगह गंदगी कर दे रहे हैं। कचरे को हटाकर सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जानी चाहिए। आवारा जानवरों की धरपकड़ की जानी चाहिए, ताकि परिसर साफ सुथरा रहे। - मोहन कुम्भ मेला के बाद यहां लगे मेटल डिटेक्टर काम नहीं कर रहे हैं। इन्हें लगाया ही सुरक्षा की दृष्टिकोण से था। अगर मेटल डिटेक्टर खराब हो गए हैं तो उन्हें ठीक करा कर फिर से प्रवेश द्वारों पर लगाना चाहिए। - संजय यादव यहां ऐसे लोग भी बड़ी संख्या में आते हैं जिन्हें लिफ्ट के संचालन की जानकारी नहीं होती। ऐसे लोग या तो किसी के आने का इंतजार करते हैं या फिर सीढ़ियों से आते जाते हैं। लिफ्टमैन की तैनाती जरूरी है। - विजय शर्मा परिसर साफ सुथरा रहे, सुरक्षा के पूरे इंतजाम हों तो यहां आने वाले लोगों को काफी सहूलियत हो। मेटल डिटेक्टर प्रवेश द्वार पर लगें, हर तरफ सीसीटीवी कैमरे से निगरानी हो। - जगदीश प्रसाद लोग अपने काम से यहां आते हैं और यहां गंदगी देखकर उन्हें काफी परेशानी होती है। सफाई व्यवस्था ठीक होनी चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी न हो। इमारत के पीछे के भाग को भी दुरुस्त कर पेंटिंग करानी चाहिए। - इं. मिथलेश कुमार
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।