रचना की कविताओं में मानवीय संवेदना का चित्रण : डॉ़ वीरेंद्र
Prayagraj News - साहित्यिक पत्रिका गुफ्तगू ने शनिवार को अलोपीबाग में कवि रचना सक्सेना के विशेषांक का विमोचन किया। वरिष्ठ साहित्यकारों ने रचना की कविताओं में मानवीय संवेदना और समकालिक मुद्दों का चित्रण बताया। गुफ्तगू...

साहित्यिक पत्रिका गुफ्तगू की ओर से शनिवार को अलोपीबाग में विमोचन व कवि गोष्ठी आयोजित की गई। इस मौके पर कवयित्री रचना सक्सेना पर केंद्रित गुफ्तगू के विशेषांक का अतिथियों ने विमोचन किया। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ़ वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि रचना की कविताओं में मानवीय संवेदना का चित्रण है। कविता के साथ रचना के गीत और गजल भी सामयिक और नारी विमर्श को रेखांकित करते हैं। उनकी लेखनी निरंतर समृद्ध हो रही है। मुख्य अतिथि मुकुल मतवाला ने कहा कि विशेषांक में प्रकाशित रचनाएं पठनीय हैं। गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि रचना ने गजलों के छंदों को सीखकर लिखना शुरू किया, जिसमें कोई कमी नहीं है। गुफ्तगू के सचिव नरेश कुमार महारानी ने कहा कि रचना की कविताओं में समय, समाज का प्रतिबिंब है। विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डॉ़ प्रदीप चित्रांशी ने कहा कि कविताओं ने बदलते सामाजिक, पारिवारिक संबंधों को रेखांकित किया है। काव्य गोष्ठी में संजय सक्सेना ने कविता मैं भी वही, तुम भी वही हम दोनों में अंतर क्या है, प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। अजीत कुमार आकाश, शिवाजी यादव, अनिल यादव, धीरेन्द्र सिंह नागा, अफजर जमाल, केपी गिरि, डॉ़ इंदू प्रकाश मिश्र ने काव्य पाठ किया। संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया।
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