स्त्री, दलित विमर्श को समझने के लिए विशेष शोध की जरूरत
Prayagraj News - ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र में 12 दिनी मल्टीडिस्पलिनरी रिफ्रेशर कोर्स का शुभारंभ किया गया। प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने कहा कि यह कोर्स शिक्षकों के लिए मानविकी...

ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र 12 दिनी मल्टीडिस्पलिनरी रिफ्रेशर कोर्स का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने कहा कि यह रिफ्रेशर कोर्स देशभर के विभिन्न विषयों के शिक्षकों के लिए मानविकी और सामाजिक विज्ञान के नए मुद्दों पर एक विमर्श और संवाद का माध्यम बनता है। उन्होंने कहा कि अब पर्यावरणीय विमर्श, स्त्री विमर्श, दलित विमर्श समेत नए विमर्शों को समझने के लिए विशेष शोध दृष्टि की आवश्यकता है। डॉ. मनोज कुमार दुबे ने बताया कि केंद्र अभी तक देशभर के लगभग पांच हजार शिक्षकों और अकादमिक अध्येताओं को प्रशिक्षित किया है।
बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विवि लखनऊ के डॉ. पवन चौरसिया ने कहा कि आज अकादमिक क्षेत्र में कृत्रिम बौद्धिकता का प्रयोग बढ़ता जा रहा है और इसमें अधिकतम संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। डॉ. सुमित सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि समाज में विभिन्न जेंडर अस्मिताओं की अभिव्यक्ति के लोग रहते हैं और नीति निर्माण के क्षेत्र में सभी अस्मिताओं को संज्ञान में लेना विविधता को समृद्ध करता है। डॉ. सुप्रिया पाठक ने कहा कि स्त्रीवादी ज्ञान परंपरा, ज्ञान की मुख्यधारा में एक सकारात्मक हस्तक्षेप है जो हाशिए की दृष्टि से सत्य का संधान करती है। इस अवसर पर डॉ. जमील अहमद, डॉ. अंकित पाठक, डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, डॉ. विकास कुमार, डॉ. अविनाश कुमार पांडेय, डॉ. शाइस्ता इरशाद, डॉ. गायत्री सिंह समेत 24 राज्यों के 193 शिक्षक शामिल रहे।
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